राष्ट्रीय

घर खरीदारों से 4.5 करोड़ रुपये की ठगी करने वाला व्यक्ति हुआ गिरफ्तार
22-Jun-2021 10:00 PM
घर खरीदारों से 4.5 करोड़ रुपये की ठगी करने वाला व्यक्ति हुआ गिरफ्तार

नई दिल्ली, 22 जून| दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने मंगलवार को कहा कि उसने घर खरीदारों को 4.5 करोड़ रुपये की ठगी करने के आरोप में सिद्धार्थ बरमेचा को गिरफ्तार किया है। आर.के. ईओडब्ल्यू के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त सिंह ने कहा कि उसने बरमेचा को 2017 में दर्ज एक मामले के सिलसिले में गिरफ्तार किया। सिंह ने कहा कि बरमेचा ने सचिन दत्ता के साथ जमीन के एक भूखंड के लिए मूल आवंटी राज हंस प्राइवेट लिमिटेड के साथ बेचने का समझौता किया, इस तथ्य के बावजूद कि पट्टे की राशि का पूरा भुगतान करने से पहले भूखंड को स्थानांतरित नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि बाद में 2015 में प्राधिकरण की बकाया राशि का भुगतान न करने के कारण भूमि को रद्द कर दिया गया था।


अधिकारी ने कहा कि बरमेचा ने भूखंड उपलब्ध कराने के आश्वासन पर निर्दोष घर खरीदारों से लगभग 4.5 करोड़ रुपये एकत्र किए। बरमेचा को जांच में शामिल होने के लिए नोटिस जारी किए गए थे और वह अपने जवाबों में असहयोगी और टालमटोल कर रहे थे। सिंह ने कहा कि लगातार पूछताछ के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया और आगे की जांच जारी है।

सिंह ने कहा कि रचित चावला और 12 अन्य की शिकायत पर एक मामला दर्ज किया गया था जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि उन्हें बालाजी बिल्डसर्व प्राइवेट लिमिटेड से मिलवाया गया था। जो एक रियल एस्टेट ब्रोकर कंपनी नियोब्रिक्स कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से गाजियाबाद के वसुंधरा में 'अजेलिया ओपस पॉइंट' के नाम से एक परियोजना विकसित कर रहे थे।

शिकायत में कहा गया है कि अप्रैल 2012 में शिकायतकर्ता सचिन दत्ता के संपर्क में आए जिन्होंने उन्हें यह दावा करते हुए परियोजना में पैसा लगाने या निवेश करने के लिए प्रेरित किया कि उनके पास उक्त भूमि पर समूह आवास परियोजना शुरू करने के लिए सभी आवश्यक अनुमोदन हैं। उन्होंने कहा कि बरमेचा द्वारा शिकायतकर्ताओं को और प्रेरित किया गया कि परियोजना को 3 साल के भीतर समय पर पूरा किया जाएगा। इसके बाद इन सभी ने जुलाई 2012 से जनवरी 2013 के बीच अपने फ्लैट की बुकिंग राशि के रूप में कंपनी को कुल 1.29 करोड़ रुपये का भुगतान किया था।

शिकायत में कहा गया कि इसके बाद अप्रैल 2013 में, शिकायतकर्ताओं ने पाया कि उक्त परियोजना का निर्माण प्रगति पर नहीं था। उस बिल्डर ने न तो कोई निर्माण शुरू किया है और न ही उन्हें राशि वापस की है।

अधिकारी ने कहा कि आरओसी से निदेशक पद दिखाने वाले दस्तावेज प्राप्त हुए हैं, जो दर्शाता है कि दत्ता और बरमेचा बैंक खातों में निदेशक या अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता हैं। बैंक विवरण और वैधानिक लेखा परीक्षा रिपोर्ट प्राप्त की गई है, जो दर्शाता है कि घर खरीदारों से लगभग 4.5 करोड़ रुपये एकत्र किए गए थे। (आईएएनएस)

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news