विचार / लेख
- प्रकाश दुबे
हिंदी में उन्हें शुभेंदु पुकारते हैं। बांग्ला में रसोगुल्ला मिश्रित मिठास के साथ सुवेन्दु बोला-लिखा जाता है। नंदीग्राम में पराजित ममता बनर्जी ने विजयी सुवेन्दु अधिकारी के विरुद्ध चुनाव याचिका दायर की है। सुवेन्दु का पूरा ध्यान दलबदल रोकने पर है। राज्यपाल जगदीप धनखड़ तो पार्टी कार्यकर्ताओं को विमान यात्रा कराते हैं। 77 भाजपा सदस्यों में दो लोकसभा सदस्यता बचाने के फेर में पहले ही विधायकी छोड़ चुके हैं। दो दर्जन विधायक मिलनसार राज्यपाल से मिलने नहीं पहुंचे। सुवेन्दु ने अंदेशा भांपकर दलबदल पर रोक लगाने वाले कानून में पार्टी छोडऩे वालों की विधायकी निरस्त कराने की धमकी दी थी। सुवेन्दु समेत तृणमूल कांग्रेस के तीस दलबदलू भाजपा टिकट पर विधायक बनें। बेटे के साथ शिशिर अधिकारी भी भाजपा में शामिल हो गए। उनकी लोकसभा सदस्यता भी दलबदल के लपेटे में आएगी। सुवेन्दु पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं। बड़ा असमंजस है। अपने कहे पर अमल किया तो पिताश्री तक की दिल्ली से घरवापसी होगी। तृणमूल कांग्रेस में वापसी करने वालों को यूं ही बख्शने पर लोग ममता का जासूस कहने से नहीं चूकेंगे।
वीरासन
नैतिकता को ताक पर रखकर कांग्रेस ने दबाव में आकर तत्कालीन राष्ट्रपति के लाडले को सुनील की जगह उम्मीदवारी थमाई। कुपित सुनील देशमुख ने पार्टी छोड़ी। घर वापसी वालों की प्रतीक्षा और मनुहार सूची दोनों में उनका नाम था। दलबदल करते समय नैतिकता का मुखौटा बदलना पड़ता है। पूर्व केन्द्रीय मंत्री जितिन प्रसाद और तेलंगाना के पूर्व मंत्री राजेन्दर पिछली पार्टी की लानत-मलामत कर देहरी पर पहुंचे। भाजपा अध्यक्ष जगतप्रकाश तथा शिखर पर विराजमान दो नेता इस खूबी को बखूबी जानकर औकात तौलते हैं। हैदराबाद से भारी भीड़ लेकर चार्टर्ड विमान से दिल्ली पहुंचने वाले राजेन्दर को पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने पार्टी में शामिल कराया। बेचारे यह भी नहीं पूछ सके कि तेल सौ रुपए पार क्यों कर गया? जितिन और राजेन्दर ने पिछली पार्टियों को जम कर कोसा। केन्द्र में सत्ताधारी पार्टी छोड़ते समय पूर्व मंत्री सुनील देशमुख ने संयम और शालीनता निभाई। कहा-मुझे सम्मान मिला। पिछली पार्टी से कोई शिकायत नहीं है। चटपटा तलाश करने वाले अटकलबाज नया सुराख तलाशने में जुटे हैं। कयास लगाया जा रहा है-पूर्व राष्ट्रपति ने हाल में प्रधानमंत्री की जमकर तारीफ की है। उम्मीदवारी पाने के लालच में राजेन्द्र शेखावत दलबदल करें इससे पहले देशमुख सिफारिश की कीचड़ से दूर हट गए?
पवनमुक्तासन
गुजरात के मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रफुल्ल खोड़ा पटेल गृहराज्यमंत्री रह चुके हैं। उनके परिचय की खास बात-नरेन्द्र भाई को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के खोड़ाभाई का मार्गदर्शन और आर्शीवाद प्राप्त था। इस याद में दाढ़ी उगा रखी है। उतनी बड़ी नहीं, जितनी राष्ट्रीय नेता को शोभा देती है। योगी-कारोबारी रामदेव से लक्षदीप के प्रशासक साहस में कम नहीं हैं। बरसों पहले हंगामे से बचने के लिए रामदेव ने संयोगवश नारी रूप धारण किया। लक्षदीप के प्रशासक प्रफुल्ल खोड़ा पटेल की यह नौबत नहीं आई। दिल्ली में गृह मंत्री से ज्ञान प्राप्त करने के बाद लौटने लगे। पता लगा कि लोकसभा सदस्य हिबी ईडन कोचि विमानजल पर विरोध प्रदर्शन करने वाले हैं। प्रशासक प्रफुल्ल कोचि गए ही नहीं। विशेष विमान से सीधे लक्षदीप के मुख्यालय कवरत्ती उड़ लिए। साहस की कमी मत समझना। वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई की बहादुरी की प्रशंसा करते हुए उन्होंने लंबा सा संदेश जारी किया।
भुजंगासन
मानव की कुछ विशेषताएं भगवान में भी नहीं होतीं। किसी भी धर्म के देवी-देवता जाति या धर्म के धर्म के आधार पर वरदान नहीं बांटते। गंगा मैया का पानी सबके लिए अमृत है। महामारी के समय बहती लाशों का दौर छोडक़र। तीन तक की बारिश के कारण ऋषिकेश, हरिद्वार में भारी बाढ़ आई है। गंगा के उद्गम से लेकर गंगासागर तक का पानी कुछ दिन में निर्मल हो जाएगा। इंसान की फितरत अलग है। कुंभ के दौरान कोविड-19 के नकली जांच प्रमाणपत्र जारी किए गए। फर्जी सूची की जांच पर उत्तराखंड में जांच-महाभारत छिड़ा। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने विशेष जांच दल यानी एसआईटी गठित किया। पूर्व मुख्यमंत्री मौके की ताक में थे। इधर विपक्ष ने न्यायायिक जांच के लिए आंदोलन की चेतावनी दी, उधर त्रिवेन्द्र सिंह ने कहा-हम तो न्यायायिक जांच ही चाहते हैं। गंगा जी खींचतान से दुखी हैं। लगता है, अमृत और आंसुओं की मिलीजुली बाढ़ आई।
(लेखक दैनिक भास्कर नागपुर के समूह संपादक हैं)