सामान्य ज्ञान
मिखाइल गोर्बाचोव, सोवियत संघ के अंतिम राष्ट्रपति हैं। सोवियत संघ और शीतयुद्ध के अंत में उनकी बहुत अहम भूमिका रही है। उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार से भी नवाजा गया है।
गोर्बाचोव को पूर्व कम्युनिस्ट देश में पेरेस्त्रोइका और ग्लासनोस्ट के जरिए आर्थिक, सामाजिक और राजनैतिक बदलाव लाने का श्रेय भी दिया जाता है। 1985 में गोर्बाचोव सोवियत संघ की कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव बने। इसके साथ ही उन्होंने सामाजिक और आर्थिक बदलाव के लिए सुधार की दिशा में काम करना शुरू कर दिया। नागरिकों को अपनी बात रखने की आजादी जैसे परिवर्तनों से उन्होंने सोवियत संघ के नागरिकों को हैरान कर दिया। नागरिकों को सोवियत संघ के बाहर आने जाने की छूट देने के अलावा उन्होंने राजनैतिक बंदियों को भी रिहा करने का आदेश दिया।
मिखाइल गोर्बाचोव को जर्मनी के एकीकरण का भी श्रेय जाता है। जर्मन चांसलर हेल्मुट कोल के साथ मिलकर उन्होंने द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद से विभाजित जर्मनी को एक करने में अभूतपूर्व योगदान दिया। इसकी वजह से ही यूरोपीय एकीकरण भी संभव हुआ। इन प्रयासों के लिए गोर्बाचोव को कई दूसरे सम्मानों के अलावा 1990 में नोबेल शांति पुरस्कार मिला।