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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 10 फरवरी। छत्तीसगढ़ योग आयोग द्वारा राजधानी रायपुर के माना कैंप स्थित राज्य संसाधन एवं पुनर्वास केन्द्र में योग विषय पर आयोजित तीन दिवसीय राज्य स्तरीय सेमीनार सह वेबीनार का विगत दिवस समापन हुआ। सत्र की अध्यक्षता डॉ. कप्तान सिंह, सहायक आचार्य श्री रावतपुरा सरकार विश्विद्यालय ने की। सेमीनार में आरोग्य जीवन के लिए योग की आवश्यकता पर वैचारिक व वैज्ञानिक पक्ष पर विस्तार से विचार-विमर्श किया गया। सेमीनार का मुख्य थीम’आज का योग कितना यौगिक चुनौतियां एवं भविष्य’ पर विषय-विशेषज्ञों ने अपने विचार रखे तथा प्रशिक्षणार्थियों से सुझाव भी लिए गए। आयोजन का मुख्य उद्देश्य योग को आमजनों विशेष कर युवाओं के समग्र व्यक्तित्व विकास से जोडऩा था।
सेमीनार के अंतिम दिन के प्रथम सत्र में ‘जिज्ञासा’ कार्यक्रम के अंतर्गत उत्तर वशिष्ठ योग आश्रम अहमदाबाद के योग गुरू धीरज वशिष्ठ के (वर्चुअल) ने प्रतिभागियों के योग पर आधारित प्रश्नों का समाधान किया। इसके पश्चात केन्द्रीय विद्यालय रायपुर के विद्यार्थी मास्टर अभिषेक नाइडू द्वारा योग प्रदर्शन किया गया।
तत्पश्चात योग विषय में अध्ययनरत शोधार्थियों द्वारा ‘शोध पत्र प्रस्तुतिकरण’ सत्र में शोध-पत्र पढ़ा गया। वेबिनार के समापन समारोह में मुख्य उद्बोधन डॉ. अनंत बिरादर, राष्ट्रीय अध्यक्ष, इंटरनेशनल नेचरोपैथी आर्गनाईजेशन नई दिल्ली (वर्चुअल) द्वारा योग एवं नेचरोपैथी: कल, आज और कल विषय पर दिया गया। तत्पश्चात छत्तीसगढ़ योग आयोग एवं राज्य संसाधन व पुनर्वास केन्द्र के अधिकारियों द्वारा कार्यक्रम में प्रत्यक्ष रूप से सम्मिलित समस्त प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किया गया।
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रायपुर, 10 फरवरी। ध्रुपदम कला केंद्र द्वारा आनंद नगर स्थित केंद्र में सात दिवसीय ध्रुपद गायन प्रशिक्षण शिविर शुरु हुआ। ध्रुपदम कला केंद्र संचालक चंद्र कुशवाह ने बताया कि शिविर में प्रशिक्षुओं को ध्रुपद गायिकी के आधारभूत नियमों की प्रायोगिक जानकारी दी जाएगी। प्रशिक्षण शिविर 15 फरवरी तक चलेगा। शिविर के समापन अवसर पर 16 फरवरी को वसंतोत्सव संगीत समारोह का आयोजन किया जाएगा। इस सांगीतिक समारोह में हीना के देशपांडे, डॉ.सुधा त्रिवेदी, निषाद नायक और मनीषा जंघेल द्वारा ध्रुपद की प्रस्तुति दी जाएगी। कार्यक्रम में पखावज वादक आदित्य दीप, त्रिलोचन सोना, तबलावादक प्राप्ति भट्टाचार्य और वाइलिन वादक मोहित साहू की भागीदारी रहेगी।
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रायपुर, 10 फरवरी। शिवनाथ नदी से घिरे टापु मदकु द्वीप में छग मसीहियों का 112वां मेला 11 से 14 फरवरी तक आयोजित किया जा रहा। इस वर्ष मेले में प्रधान वक्ता के रूप में अमेजिंग ग्रेस दिल्ली से रेव्ह.डॉ.अजीत होरो एवं श्रीमती आराधना होरो प्रवचन देंगे। आराधना, आत्मिक संदेश से युक्त इस मेले में 12 फरवरी को कवि सम्मेलन एवं 13 फरवरी को गीत-संगीत प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाएगा।
इस मेले को सफल बनाने के लिए शासन-प्रशासन, स्थानीय पंचायत के साथ मेला समिति के सदस्यगण अध्यक्ष रेव्ह. अर्पण तरूण, उपाध्यक्ष एलेक्जेण्डर पॉल, सचिव ए.ए. लूका, कोषाध्यक्ष रेव्ह. राकेश प्रकाश, मेला प्रबंधक, अभिषेक शावल सहायक मेला प्रबंधक विरेन्द्र सारथी, बरनार्ड ए. प्रताप, रेव्ह. मनीष मसीह, कार्यकारिणी सदस्यगण, पास्टर सी.के. हार्वे, रेव्ह. शरद लाल, रेव्ह. अनिल चैहान, रेव्ह. अनुराग नथानिएल, आर.के. सामुएल, प्रनोब बंशीयार, पास्टर हेमन्त नन्दा रेव्ह. निखिल पॉल, प्रफुल्ल जेम्स, वाय. प्रकाश, रेव्ह. डी.बी. नंद, स्मिता बक्स, ज्योत्सना पॉल आदि सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 10 फरवरी। वरिष्ठ पत्रकार अनिरुद्ध दुबे की कृति पर बनी हिन्दी-छत्तीसगढ़ी मिश्रित फिल्म ‘कहर द हैवक’ 12 फरवरी को श्याम टॉकीज रायपुर और निहारिका मल्टीप्लेक्स कोरबा में प्रदर्शित होने जा रही है। नर बलि जैसे गंभीर सब्जेक्ट पर केन्द्रित इस फिल्म की न सिर्फ कथा बल्कि पटकथा एवं संवाद भी अनिरुद्ध दुबे ने लिखे हैं।
प्रोड्यूसर डॉ. पुनीत सोनकर एवं डायरेक्टर एजाज वारसी हैं। राइटर दुबे पिछले 30 साल से अधिक समय से पत्रकारिता के पेशे से जुड़े हुए हैं। वैसे तो इन्होंने राजनीति, खेल, नगरीय निकाय एवं क्राइम समेत बहुत से क्षेत्रों की रिपोर्टिंग की है लेकिन विशेष झुकाव कला एवं सिनेमा जगत पर लिखने का रहा। ये हिंदी व छत्तीसगढ़ी मिलाकर 300 से अधिक फि़ल्मों की समीक्षा कर चुके हैं जो छत्तीसगढ़ की पत्रकारिता में अपने आप में रिकॉर्ड है।
सन् 2000 से छत्तीसगढ़ी सिनेमा पर इनका जो लिखना शुरु हुआ वह क्रम आज तक जारी है। 1965 से लेकर 1971 के बीच उस छोटे से दौर का छत्तीसगढ़ी सिनेमा का जो दिलचस्प इतिहास रहा है, उसे खंगालने का काम दुबे करते रहे हैं। इसके अलावा सन् 2014 से 2018 तक लगातार मुम्बई यात्राएं की और हिन्दी सिनेमा की मशहूर हस्तियों से मुलाकात कर उनके बारे में लिखते रहे।
महान फिल्म संगीतकार खय्याम, मशहूर लेखक एवं अभिनेता सलमान खान के पिता सलीम खान, संगीत की महान विभूति रवीन्द्र जैन, सुप्रसिद्ध फि़ल्म डायरेक्टर केतन मेहता, ख्याति प्राप्त गज़ल गायिका पिनाज मसानी, हिन्दी व मराठी फिल्मों के जाने-माने अभिनेता रमेश देव का खास इंटरव्यू ले चुके हैं।
रायपुर, 10 फरवरी। केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह से नई दिल्ली में राज्यपाल अनुसुईया उइके ने मुलाकात की। राज्यपाल ने केन्द्रीय गृहमंत्री श्री शाह का शाल एवं श्रीफल से सम्मान किया। श्री शाह ने कहा कि प्रदेश के आदिवासी-ग्रामीण क्षेत्रों का अधिक से अधिक दौरा करें। सरकार ने इनके लिए अच्छी योजनाएं बनाई हैं जिनका क्रियान्वयन किया जा रहा है। आपके इन इलाकों में दौरे से यह क्रियान्वयन और भी प्रभावी हो सकेगा। यह भी देखें कि उन योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन हो।
राज्यपाल ने श्री शाह को छत्तीसगढ़ आने का निमंत्रण दिया और प्रदेश के नक्सलवाद सहित अन्य प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की और जानकारी प्रदान की।
राशि के अवैध लेन-देन की बात स्टिंग ऑपरेशन में सही पाये जाने पर एसडीएम रायपुर ने की कार्यवाही
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 10 फरवरी। रायपुर के एसडीएम ने हल्का नम्बर 58 ग्राम डंगनिया के पटवारी विजय कुमार साहू और हल्का नम्बर 60 ग्राम भाटागांव के पटवारी भाई लाल अनंत को जमीन नामांतरण एवं राजस्व दस्तावेज को ऑनलाईन करने के एवज में अवैध रूप से लेन-देन का मामला प्रथम दृष्टया सही पाए जाने पर तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
निलंबन की यह कार्यवाही उक्त दोनों पटवारियों के द्वारा शासकीय काम-काज के एवज में अवैध रूप से राशि के लेन-देन एवं भ्रष्टाचार की बात रिकॉर्ड किए जाने का स्टिंग वीडियो क्लीपिंग के अवलोकन के बाद की गई है।
एसडीएम रायपुर द्वारा जारी निलंबन आदेश में इस बात का उल्लेख किया गया है कि उक्त दोनों पटवारियों द्वारा जमीन नामांतरण और दस्तावेज ऑनलाईन करने डिजिटल सिग्नेचर आदि के मामले में अवैध तरीके से राशि के लेन-देन की बात-चीत का मामला स्टिंग वीडियो क्लीपिंग में सामने आया। इसके बाद एसडीएम रायपुर ने दोनों पटवारियों को कारण बताओ नोटिस जारी कर उनसे जवाब-तलब किया। दोनों पटवारियों का जवाब संतोषप्रद न पाए जाने तथा स्टिंग वीडियो क्लीपिंग में अवैध तरीके से राशि के लेन-देन का मामला प्रथम दृष्टया सत्य पाए जाने पर निलंबन की कार्यवाही की गई।
एसडीएम द्वारा ग्राम डंगनिया पटवारी हल्का नम्बर 58 का प्रभार ग्राम सरोना के पटवारी श्री सुरेश कुमार वर्मा को तथा भाटागांव पटवारी हल्का नम्बर 60 का प्रभार मठपुरेना के पटवारी नरेश ठाकुर को अस्थायी रूप से सौंपा गया है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 10 फरवरी। रायपुर जिले में गौधन न्याय योजना के तहत 5 लाख 8 हजार 184 क्विंटल गोबर की खरीदी की गई है। गौठानों में कृषि विभाग के मैदानी अमला तकनीकी मार्गदर्शन में वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन का करवाकर समिति के माध्यम से विक्रय किया जा रहा है।
उप संचालक कृषि रायपुर ने बताया कि जिले में रबी फसल के लिए बीज, उर्वरक का मांग अनुसार भंडारण एवं वितरण किया जा रहा है। खाद बीज की सैपलिंग कर गुणवत्ता का ध्यान रखा जा रहा है।
किसान समृद्धि, सौर सुजला योजना, प्रधानमंत्री किसान योजनांतर्गत जैसे योजनाओं के माध्यम से अधिक से अधिक किसानों को लाभान्वित करने पर जोर दिया जा रहा है। इसी तरह फील्ड के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को कृषि विभाग की योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार करते हुए किसानों को आदान सामग्रियों का वितरण करने के निर्देंश दिए गए हैं। वर्मी खाद का विक्रय सेवा सहकारी समिति के माध्यम से किया जा रहा है। किसानों और नागरिकों से आग्रह हैं कि वे इन वर्मी कम्पोस्ट का लाभ लें। इसी तरह उद्यानिकी द्वारा राष्ट्रीय बागवानी मिशन, राज्य योजना एवं सूक्ष्म सिंचाई योजना तथा किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से किसानों को लाभान्वित करने पर भी जोर दिया जा रहा है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 9 फरवरी। छत्तीसगढ़ डायसिस की महिला सभा का वार्षिक अधिवेशन विगत दिवस सेंट पॉल्स कैथेड्रल में संपन्न हुआ। इसमें राज्यभर से सीएनआई की महिलाएं जुटीं। उन्होंने डायसिसिन महिला सभा के संविधान के नियमों और उप-नियमों की सार्थकता पर चर्चा की गई। इस अवसर पर गीत-संगीत, प्रतियोगिता, माता दिवस पर लेख व कविता के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया।
अधिवेशन में बिशप रॉबर्ट अली ने थीम वर्स-जिस बुलाहट के लिए तुम्हें चुना गया है उसके योग्य चाल चलो। नम्रता व धीरज में बढ़ते जाओ, पर प्रवचन दिया। डायसिस के सचिव पादरी अतुल आर्थर, उपाध्यक्ष पादरी अजय मार्टिन, कोषाध्यक्ष सुशील गुप्ता, पादरी शमशेर सामुएल, सेवक अब्राहम दास व एमआर पतरस, इस्माइल मसीह भी शामिल हुए। अधिवेशन में अध्यक्ष अंजना भगत, सचिव रूचि चंदेल व कोषाध्यक्ष ने सालाना रिपोर्ट पेश की।
बिन्नू फिलिप, प्रीति प्रकाश, नीला मंडू, रीता चौबे, वायलेट बैंजामिन, मंजूला लिविंग्स्टन आदि ने महिलाओं की अगवानी की। अधिवेशन में प्रदेशभर की महिला प्रतिनिधि व पदाधिकारी शामिल हुईं। राजधानी रायपुर के अलावा रायगढ़, बिलासपुर, परसापानी, नवा रायपुर, पेंड्रा रोड, करगी रोड, भाटापारा, बैतलपुर, विश्रामपुर, भिलाई, सिमगा, नवा रायपुर, जरहागांव, तखतपुर, फास्टरपुर, बलौदाबाजार, परसाभदेर, तिल्दा, कोरबा से भी महिलाएं पहुंचीं। डायसिसन महिला पदाधिकारियों द्वारा योजनाएं व प्रस्ताव प्रस्तुत किए गए।
रायपुर, 9 फरवरी। स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने प्रशासन अकादमी निमोरा रायपुर में आयोजित स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल के प्राचार्यो के 10 दिवसीय प्रशिक्षण का शुभारंभ किया। उन्होंने प्रशिक्षण में उपस्थित अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के प्राचार्यो से कहा कि पढ़ाई में आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल के साथ ही स्कूलों के संचालन में मेनेजमेंट के आधुनिक तरीकों का इस्तेमाल करना आना चाहिए। बच्चों को अंग्रेजी सीखाने के लिए यह आवश्यक है कि शिक्षक और बच्चे इंग्लिश में बात करें।
सबसे महत्वपूर्ण बात जो प्राचार्यो को ध्यान में रखनी है वो यह है कि स्कूल में पढऩे वाले सभी बच्चे अच्छे चरित्र और व्यवहार के साथ-साथ बोलने और पढऩे में बेहतरीन प्रदर्शन कर सके। विभिन्न विषयों में भी उनकी समझ विकसित हो, विज्ञान में वे स्वयं विभिन्न प्रयोगों को करके देखे और अपनी समझ बनाए। मंत्री डॉ. टेकाम ने हिन्दी और अंग्रेजी में दिए उद्बोधन में मुख्य प्रशिक्षक की भाती नजर आए।
श्री टेकाम ने कहा कि राज्य में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुसार 52 इंग्लिश स्कूलों का संचालन किया जा रहा है। इन स्कूलों को आकर्षक बनाने के लिए परम्परागत भवन के स्वरूप के बदले इन्हें नये स्वरूप में विकसित करने के उद्देश्य से आर्किटेक्ट की सेवाओं का उपयोग किया गया है। सभी अंग्रेजी माध्यम स्कूल एक नये लुक में सामने आए हैं। इनमें प्रवेश के लिए पालकों में बहुत ही प्रतिस्पर्धा है। प्राचार्यो को इन स्कूलों के स्तर को बनाए रखना है। दस दिवसीय प्रशिक्षण में मुख्यत: लीडरशीप, स्कूल क्वालिटी, कार्यालयीन प्रक्रिया, विजन मिशन, शैक्षणिक कैलेण्डर, आपरेटिंग प्रक्रिया जैसे मुद्दों पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्राचार्य प्रशिक्षण में बताई गई बातों को ध्यान से समझकर अपने स्कूलों में उपयोग में लाएं। स्कूल खुलने पर स्कूल का पूरा-पूरा प्रभाव आसपास के समुदाय को दिखे। बच्चों का आत्म विश्वास बढ़ाने और अंग्रेजी में बात करने के लिए नवाचारी गतिविधि की आदत डालनी होगी। दस दिन के प्रशिक्षण में डाक्यूमेंट तैयार करना और स्कूल कैलेण्डर बनाना है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्रारंभ हुए अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में हिन्दी माध्यम के बच्चे भी पढऩे आएंगे। ऐसे बच्चों को पूरा सहयोग मिलना चाहिए। इन बच्चों की क्षमता को बढ़ाना विद्यालय के प्राचार्यो की जिम्मेदारी है। विद्यालय में अंग्रेजी का वातावरण निर्मित हो। विद्यालय में स्थापित की गई प्रयोगशाला, पुस्तकालय का भी उपयोग बच्चों की शैक्षणिक योग्यता को बढ़ाने में किया जाए। बच्चों के यूनिट टेस्ट, मासिक, तिमाही, छह माही परीक्षा भी हो, जिससे बच्चे बोर्ड परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन कर सके। शिक्षक स्वयं अपना मूल्यांकन करें। पढ़ाई के साथ-साथ अन्य शैक्षणिक गतिविधियां होनी चाहिए। बच्चों को अंग्रेजी सुनने और बोलने का अभ्यास कराना होगा।
राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के संचालक डी. राहुल वैंकट ने भी प्रशिक्षण कार्यक्रम को सम्बोधित किया। इस अवसर पर सुश्री मीताक्षरा, योगेश शिवहरे, प्रशिक्षक प्रियंका त्रिपाठी, सौम्या रघुवीर, सत्यराज अय्यर, डी. दर्शन सहित स्कूल शिक्षा विभाग के वरिष्ठ शिक्षा अधिकारी उपस्थित थे।
पीसीपीएनडीटी सेल के सदस्यों द्वारा किया जाता है आकस्मिक निरीक्षण
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 9 फरवरी। कन्या भ्रूण हत्या एक जटिल सामाजिक समस्या है। कन्या भ्रूण हत्या करना और करवाना दोनों जघन्य अपराध हैं। इस दृष्टि से हमारे देश में कन्या भ्रूण हत्या की रोकधाम के लिए बनाया गया पीसीपीएनडीटी एक्ट 1994 एक संवेदनशील अधिनियम है। इस अधिनियम के तहत कन्या भ्रूण हत्या में भागीदार डॉक्टर एवं रिश्तेदार के लिए 3 साल का कारावास और 50 हजार रूपये का दण्ड का प्रावधान है। चिकित्सक का मेडिकल लायसेन्स भी 5 साल के लिए रद्द किया जा सकता है।
चिकित्सा के क्षेत्र में शरीर के अंदर की संरचना को देख पाने वाली हर मशीन जैसे सोनोग्राफी मशीनें, सिटी स्केन, एमआरआई मरीज बी-स्केन मशीनें, जो कि भ्रूण का लिंग जानने के लिए सक्षम है, का पीएनडीटी पंजीकरण अनिवार्य है। रायपुर जिले में इस एक्ट के अंतर्गत 245 संस्थाए पंजीकृत है। एक्ट के नियम का सही पालन एवं मशीनों एवं इसका इस्तेमाल करने वाले सभी डॉक्टरों का पंजीयन सुनिश्चित करने के लिए समय-समय पर पीसीपीएनडीटी सेल के सदस्यों द्वारा आकस्मिक निरीक्षण किया जाता है।
रायपुर जिले में इस वर्ष 108 संस्थाओं का आकस्मिक निरीक्षण किया गया है और 36 संस्थाओं का नया पंजीयन तथा 35 संस्थाओं का नवीनीकरण किया गया। निरीक्षण के दौरान 32 संस्थाओं को एक्ट के अनुरूप कार्य नहीं करने एवं दस्तावेजों के सही रख-रखाव नहीं करने के लिये कारण बताओ नोटिस दिया गया। 22 संस्थाओं का समय पर नवीनीकरण नहीं करवाने एवं एक्ट का पालन नहीं करने के कारण उनका पंजीयन निरस्त किया गया।
एक्ट के तहत जिला सलाहकार समिति की बैठक प्रत्येक दो माह आयोजित की जाती है। सभी कारवाईयों को सदस्यों के अनुमोदन के पश्चात् जिला समुचित पदाधिकारी (जिला कलेक्टर एवं दण्डाधिकारी) के अनुमोदन से ही की जाती है। इस वर्ष कुल चार बैंठके आयोजित की जा चुकी है।
जिला सलाहकार समिति, रायपुर द्वारा यह भी निर्णय लिया गया है कि कन्या भू्रण हत्या को रोकने और जन जागरूकता बढ़ाने दृष्टि से पीसीपीएनडीटी एक्ट के अंतर्गत रायपुर जिले के सभी सोनोग्राफी संस्थाओं को भ्रूण लिंग जॉच संबंधी बोर्ड के लिए हिन्दी, अंगे्रजी के अलावा छत्तीसगढ़ी भाषा का उपयोग भी अनिवार्य रूप से किया जाए।
समिति के निर्णय के अनुसार तथा समिति में कलेक्टर के प्रतिनिधि के रूप में डिप्टी कलेक्टर पूनम शर्मा, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मीरा बघेल, जिला नोडल अधिकारी डॉ. स्मृति देवांगन के दिशा-निर्देश से जिले एवं विकासखण्ड के सभी शासकीय अस्पतालो में पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत कानून एवं उससे संबंधित दण्ड एवं कारावास की जानकारी वाला पिंक रंग का बोर्ड लगवाया गया है और सभी निजी सोनोग्राफी संस्थाओ को लगाने का निर्देश दिया गया है। इसी तरह मूल पीसीपीएनडीटी लाईसेन्स को प्रतिरूप से भिन्न रखने के लिये लाईसेन्स का रंग बदलकर गुलाबी रंग किया गया है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मीरा बघेल तथा जिला नोडल अधिकारी डॉ. स्मृति देवांगन बताया कि संस्थाओ के निरीक्षण के डर को समाप्त करने एवं दस्तावेजों के सही रख-रखाव एवं एक्ट के सही पालन के लिये चेक-लिस्ट जारी किया गया है।
एक्ट के प्रति नागरिकों में जागरूकता बढ़ाने के समय-समय पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजन किये जाते हैं। अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस जैसे अवसरों में जिले एवं विकासखण्डों में भाषण, चित्रकला, लोकनृत्य, रंगोली, बैनर, पोस्टर आदि के माध्यम से लोगों को जागरूक भी किया जाता है।
माध्यमिक शिक्षा मण्डल का निर्णय
रायपुर, 9 फरवरी। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा शैक्षणिक सत्र 2020-21 से मेघावी छात्रों की प्रावीण्य सूची तैयार करते समय बोनस अंकों को नहीं जोड़ा जाएगा। यह निर्णय छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल की साधारण सभा की बैठक में लिया गया है।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा शैक्षणेत्तर गतिविधियों के लिए 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों को बोनस अंक प्रदाय किया जाता है। वर्तमान में बोनस अंक को शामिल करते हुए प्रावीण्य सूची तैयार की जाती है। साधारण सभा के निर्णय के अनुसार शैक्षणिक सत्र 2020-21 से मेघावी छात्रों की प्रावीण्य सूची बनाते समय मेघावी छात्रों की शैक्षणेत्तर गतिविधियों के बोनस अंक नहीं जोड़े जाएंगे, परंतु बोनस अंक अंकसूची में जोडक़र अंकसूची जारी की जाएगी।
रायपुर, 9 फरवरी। संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग द्वारा घासीदास संग्रहालय परिसर स्थित सभागार में आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के दूसरे चरण की शुरुआत में डॉ.शोभा निगम ने रामवनगमन के दौरान श्रीराम के छह विश्राम स्थलों पर शोध आलेख का पठन किया। इस अवसर पर डॉ. पीसी लाल यादव द्वारा लिखित छत्तीसगढ़ के लोक संगीत पुस्तक का विमोचन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि राकेश चतुर्वेदी ने कहा कि विश्व में 40, 50 तरह की रामायण लिखी गई है और सबमें दण्कारण्य का उल्लेख किया गया है। उन्होंने ग्रामीण अंचलों में होने वाले रामसप्ताह के बारे में भी जानकारी दी। दूसरे सत्र में शैलेष मिश्रा ने रामकोठी के नामकरण पर प्रकाश डाला तथा ललित शर्मा ने रामनामी संप्रदाय के संबंध में जानकारी दी।
सांस्कृतिक कार्यक्रम की कड़ी में राकेश तिवारी द्वारा रामभजन एवं मुरली साहू एवं साथियों द्वारा लव कुश जन्म प्रसंग की लोकनाट्य प्रस्तुति दी गई।
रायपुर, 9 फरवरी। रायपुर जिला बैडमिंटन संघ द्वारा सप्रे शाला बैडमिंटन हॉल में विगत दिवस नवीन वुडन कोर्ट का उद्घाटन किया गया।
उद्घाटन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि विधायक बृजमोहन अग्रवाल और विधायक कुलदीप जुनेजा तथा विशेष अतिथि के रुप में गुरुचरण सिंह होरा महासचिव छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ, अखिल धगट अध्यक्ष छत्तीसगढ़ बैडमिंटन संघ उपस्थित रहे।
निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना छत्तीसगढ़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 9 फरवरी। छत्तीसगढ़ उद्योग के क्षेत्र में तेजी से विकास की ओर अग्रसर हो रहा है। सरकार ने कई ऐसी नीतियां बनाई है जो कि राज्य में उद्योग के निर्माण और विकास में सहायक है। प्राकृतिक संसाधन से परिपूर्ण छत्तीसगढ़ में खनिजों की पर्याप्त उपलब्धता है। निवेश में प्रोत्साहन के लिए राज्य में नवीन औद्योगिक नीति बनाई गई है। इसमें पात्र उद्योगों को सामान्य, प्राथमिकता उद्योगों तथा उच्च प्राथमिकता उद्योगों की श्रेणी में विभाजित कर विभिन्न निवेश प्रोत्साहन अनुदान, छूट एवं रियायतें दी गई है।
इसी का परिणाम है कि में राज्य निवेश प्रोत्साहन बोर्ड के अनुसार छत्तीसगढ़ में दो वर्ष के दौरान कुल 104 एमओयू किए गए है, जिसमें की 42 हजार 714 करोड़ से अधिक पूंजी निवेश प्रस्तावित है। इससे 64 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार उपलब्ध हो सकेगा। इन निवेशों में स्टील सेक्टर में 78 एमओयू में 37306.39 करोड़, सीमेंट में एक एमओयू राशि 2000 करोड़, एथेनाल में 7 एमओयू 1082.82 करोड़, फूड सेक्टर में 5 एमओयू में 283.61 करोड़ फार्मास्युटिकल केे 3 एमओयू में 56.41 करोड़, डिफेंस सेक्टर के 3 एमओयू में 529.50 करोड़, इलेक्ट्रानिक्स में 2 एमओयू में 30.76 करोड़, सोलर में एक एमओयू 245 करोड़ और अन्य 4 क्षेत्रों में 1179.99 करोड़ रूपए का पूंजी निवेश प्रस्तावित है।
छत्तीसगढ़ बिजली के उत्पादन के मामले में सरप्लस राज्य का दर्जा रखता है। सरप्लस होने के कारण से छत्तीसगढ़ अन्य राज्यों को भी बिजली बेचता है। भारत सरकार के अधीन कार्यरत केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के सितंबर 2020 के प्रतिवेदन के अनुसार छत्तीसगढ़ स्टेट पावर जनरेशन कंपनी के ताप विद्युत गृहों ने सर्वाधिक विद्युत उत्पादन का कीर्तिमान रचते हुए देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ देश का प्रथम बिना पावर कट वाला राज्य बन गया है। यहां पर बिजली भारत की औसत विद्युत दर से कम दर पर उपलब्ध है। जो कि राज्य में निवेश के लिए निवेशकों को आकर्षित करता है।
यहां पर औद्योगिक क्षेत्रों में भू-आबंटन में भू-प्रीमियम में 30 से 60 प्रतिशत की और द श्रेणी में उच्च प्राथमिकता वाले उद्योगों में 60 प्रतिशत की छूट दी गई है। उद्योगों को लीज पर दी गई भूमि में उद्योग लगाने के लिए निर्धारित अवधि में एक वर्ष की वृद्धि की गई। पट्टे पर आबंटित औद्योगिक भूमि उपयोग न हो पाने के प्रकरणों में भूमि के हस्तांतरण को आसान बनाया गया। नये बायो इथेनॉल प्लांट लगाने के लिए अर्लीबर्ड अनुदान के लिए 18 महीने की समयावधि निर्धारित की गई। पहले एम.ओ.यू. के बाद छह माह के भीतर उत्पादन शुरू करने पर अर्लीबर्ड अनुदान देने का प्रावधान रखा गया था। शासकीय अथवा नैसर्गिक स्रोतो से औद्योगिक प्रयोजन हेतु जल उपयोग की दरों में 20-36 प्रतिशत की कमी की गई है। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों को स्थायी पूंजी निवेश अनुदान अथवा नेट एसजीएसटी प्रतिपूर्ति का विकल्प उपलब्ध कराया गया है। कोर सेक्टर के मध्य, वृहद, मेगा और अल्ट्रा मेगा उद्योगों को विकासखंडो की श्रेणी के अनुसार 5 से 10 वर्ष तक विद्युत शुल्क से पूर्ण छूट दी गई है।
राज्य सरकार द्वारा औद्योगिक नीति 2019-24 में अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति वर्ग के उद्यमियों तथा स्टार्टअप के लिए स्पेशल पैकेज घोषित किया गया है। औद्योगिक नीति 2019-24 में स्थापित होने वाले उद्योगों को विस्तार और शवलीकरण के लिए अनुदान छूट एवं रियायतों की पात्रता दी जाएगी। इसके साथ ही सूक्ष्म उद्योगों के साथ-साथ लघु एवं मध्यम उद्योगों को भी स्थाई पूंजी निवेश अनुदान की सुविधा दी जाएगी।
उद्योगों में नवीन विचारधारा को समाहित करने तथा नव रोजगार सृजित करने छत्तीसगढ़ राज्य स्टार्ट-अप पैकेज को नीति में स्थान दिया गया है।
इन स्टार्ट-अप्स को अन्य उद्योगों से अधिक सुविधाएं कम औपचारिकता के साथ प्रदान की जाएगी। भारत सरकार द्वारा राज्य को बेस्ट इमर्जिंग स्टार्ट-अप इको सिस्टम स्टेट के रुप में घोषित किया गया है। इसी तरह राज्य में अब तक 415 से अधिक स्टार्टअप को केन्द्र शासन से मान्यता प्राप्त हो चुकी है। राज्य में 4 इन्क्यूबेटर्स स्थापित किए गए हैं।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 9 फरवरी। छत्तीसगढ़ किसान सभा ने कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों और नागरिकों को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा सोमवार को संसद में परजीवी और आंदोलनजीवी कहे जाने की तीखी निंदा की है और ऐसी अलोकतांत्रिक भाषा के लिए अन्नदाताओं से माफी मांगने और किसान विरोधी कानूनों को वापस लेने की मांग की है। किसान सभा ने कहा है कि एक नागरिक के रूप में अपनी आजीविका की रक्षा के लिए आंदोलन करना हर किसान का संविधानप्रदत्त अधिकार है और किसी भी आंदोलन के बारे में ऐसी असभ्य भाषा कोई तानाशाह ही बोल सकता है, जो सपने में भी जन आंदोलन से डरता है।
जारी एक बयान में छत्तीसगढ़ किसान सभा के अध्यक्ष संजय पराते और महासचिव ऋषि गुप्ता ने कहा है कि यह भाषा उस कॉर्पोरेटजीवी प्रधानमंत्री की है, जिनका मातृ संगठन आरएसएस ब्रिटिश शासन की गुलामी के खिलाफ इस देश की जनता के गौरवशाली आंदोलन का कभी हिस्सा नही रहा और जो हमेशा फासीवादी हिटलर और मुसोलिनी की विदेशी विध्वंसक विचारधारा (एफडीआई) से प्रेरित रहा।
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को वर्ष 2014 के उस चुनावी वादे की याद दिलाई है, जिसमें भाजपा ने स्पष्ट रूप से सी-2 लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य देने का वादा किया था। इस वादे को पूरा करने के बजाए आज वे किसान आंदोलन पर हमला कर रहे हैं और भारतीय कृषि और देश की खाद्य सुरक्षा को कॉरपोरेटों के हाथों में गिरवी रख रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन कानूनों को बनाने से पहले किसी भी किसान संगठन या राज्य सरकार तक से सलाह-मशविरा नहीं किया गया और न ही किसी संसदीय प्रक्रिया का पालन किया गया। यह इस सरकार पर देशी-विदेशी कॉर्पोरेट पूंजी की जकड़ को बताता है। इसलिए इस देशव्यापी किसान आंदोलन के लिए प्रधानमंत्री ही पूरी तरह जिम्मेदार है।
किसान सभा नेताओं ने कहा कि देश में कृषि संकट इतना गहरा है कि हर घंटे दो किसान आत्महत्या करने के लिए बाध्य हो रहे हैं, क्योंकि लाभकारी समर्थन मूल्य के अभाव में और कर्ज के बढ़ते बोझ के कारण कृषि अवहनीय हो गई है। देश के किसानों का 86 प्रतिशत हिस्सा लघु और सीमांत किसानों का है, जिसका बाजार में निर्मम शोषण होता है और वे खेती-किसानी छोडक़र प्रवासी मजदूर बनने के लिए बाध्य हैं। इन तथ्यों की अनदेखी कर किसान आंदोलन को बदनाम करना संघ-भाजपा की सुनियोजित चाल है।
छत्तीसगढ़ किसान सभा ने देश की सभी जनवादी ताकतों, राजनैतिक पार्टियों और जन आंदोलनों से अपील की है कि देशव्यापी किसान आंदोलन को बदनाम करने की प्रधानमंत्री की कोशिशों का विरोध करें और किसान विरोधी काले कानूनों को वापस लेने और सभी किसानों और सभी फसलों के लिए कानूनन सी-2 लागत का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य सुनिश्चित करने के आंदोलन को और ज्यादा मजबूत करें। इस आंदोलन की जीत ही देश की अर्थव्यवस्था को कॉर्पोरेट गुलामी के शिकंजे में फंसने से रोक सकती है।
रायपुर, 9 फरवरी। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के प्रदेश अध्यक्ष अमर परवानी, कार्यकारी अध्यक्ष मंगेलाल मालू, विक्रम सिंहदेव, महामंत्री जितेंद्र दोषी, कार्यकारी महामंत्री परमानंद जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल ने बताया कि कैट ने जीएसटी के विकृत रूप के खिलाफ आगामी 26 फरवरी को भारत व्यापार बंद की घोषणा की है। इस बंद का समर्थन करते हुए ट्रांसपोर्ट सेक्टर के सबसे बड़े संगठन ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन ने कैट के भारत व्यापार बंद का समर्थन करते हुए 26 फरवरी को देश भर में चक्का जाम करने की घोषणा की है।
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी ने बताया कि नागपुर में कैट द्वारा आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय व्यापार सम्मेलन जो आज से नागपुर में शुरू हुआ है, उसमें देश के सभी राज्यों के 200 से अधिक प्रमुख व्यापारी नेताओं ने संयुक्त रूप से लिया है। यह घोषणा कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया, राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी तथा ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रदीप सिंघल ने संयुक्त रूप से की है।
श्री भरतिया, श्री खंडेलवाल एवं श्री पारवानी ने जीएसटी काउन्सिल द्वारा जीएसटी के स्वरूप को अपने फायदे के लिए विकृत करने का आरोप लगाते हुए कहा की जीएसटी पूरी तरह से एक फेल कर प्रणाली है। जीएसटी का जो मूल स्वरूप है उसके साथ खिलवाड़ किया गया है। सभी राज्य सरकारें अपने निहित स्वार्थों के प्रति ज्यादा चिंतित है और उन्हें कर प्रणाली के सरलीकरण की कोई चिंता नहीं है। देश के व्यापारी व्यापार करने की बजाय जीएसटी कर पालना में दिन भर जुटे रहते हैं जो देश की अर्थव्यवस्था के लिए विपरीत स्तिथि है। ऐसे में जीएसटी के वर्तमान स्वरूप पर नए सिरे से विचार करने की जरूरत है। चार वर्ष में लगभग 937 से ज्यादा बार संशोधन होने के बाद जीएसटी जा बुनियादी ढाँचा ही बदल गया है ।
बार-बार कहने के बावजूद जीएसटी काउंसिल ने अभी तक कैट द्वारा उठाए गए मुद्दों का कोई संज्ञान नहीं लिया है इसलिए व्यापारियों को अपनी बातों को देश भर के लोगों को बताने के लिए भारत व्यापार बंद का सजावट किया है ।
रायपुर, 9 फरवरी। नन्हे तनवी, ज्योति और अब्दुल हैं तो छोटे बच्चे लेकिन उन्होंने जंग बड़ी जीती है। उनकी यह जंग कुपोषण से थी। कुपोषण को हराने के लिए लगातार काम कर रहे लोगों में कुपोषण को जड़ से समाप्त करने का हौसला भी बढ़ रहा है। कुपोषण से बाहर आए इन बच्चों के हंसते खिलखिलाते चेहरे उनके परिवार के साथ ही हर उस दिल को सुकून से भर देते हैं जिन्होंने छत्तीसगढ़ को कुपोषण मुक्त करने की ठानी है। इनमें सबसे पहले मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल हैं जिन्होंने कुपोषण मुक्त छत्तीसगढ़ के संकल्प के साथ 2 अक्टूबर 2019 से प्रदेश में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान की शुरूआत की। अभियान शुरू करते समय मुख्यमंत्री श्री बघेल ने जो सपना देखा था वह तेजी से साकार रूप ले रहा है।
प्रदेश में बच्चों और महिलाओं के कदम कुपोषण को हराने की दिशा में लगातार आगे बढ़ रहे हैं। शारीरिक रूप से कमजोर और कुपोषित बच्चों को सामान्य श्रेणी में लाने के लिए किए जा रहे प्रयासों का नतीजा साफ दिख रहा है। समन्वित प्रयासों से दूरस्थ आदिवासी क्षेत्र सुकमा जिले के 3 हजार से अधिक बच्चों को कुपोषण के दुष्चक्र से बाहर निकाला गया है। जिले में ‘संवरता सुकमा‘कार्ययोजना संचालित है जिससे कुपोषण दर में लगातार कमी आ रही है। 4 वर्षीया बालिका तनवी का वजन सितंबर माह में 6.6 किलोग्राम था जो आज जनवरी माह में बढक़र 8.89 किलोग्राम हो चुका है। इसी प्रकार अब्दुल का वजन भी 9.92 किलोग्राम से बढक़र 10.5 किलो हो चुका है। बालिका ज्योति ने भी सुपोषित आहार का लाभ लेकर अपना वजन महज तीन माह में ही 7.91 किलो से 9.8 किलो कर कुपोषण को मात दी है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका और मितानिनों के माध्यम से में 06 वर्ष से कम आयु के कुपोषित बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों में सुपोषण आहार प्रदान किया जा रहा है जो बच्चों के वजन बढ़ाने के साथ ही अन्य पोषक तत्व प्राप्त करने में सहायक हैं। इसके साथ ही गंभीर कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कर चिकित्सकों की सतत् निगरानी में आवश्यक उपचार, पौष्टिक आहार के साथ ही दवाईयां दी जाती है ताकि बच्चों के सेहत में जल्दी सुधार हो।
चेम्बर ऑफ कॉमर्स के उपाध्यक्ष रहे राजेन्द्र जग्गी ने एकता पैनल से नाता तोड़ लिया है। उन्होंने जय व्यापार पैनल को अपना समर्थन देने का ऐलान किया है।
जग्गी ने ‘छत्तीसगढ़’ से चर्चा में कहा कि मौजूदा निर्वाचित पदाधिकारियों को सम्मान नहीं मिल रहा था। कुछ लोगों ने चेम्बर को जेबी संस्था बना लिया था। चेम्बर ने उन्हें बहुत कुछ दिया है, और उन्हें मातृ संस्था की हालत देखी नहीं जा रही थी। ऐसे में उन्होंने एकता पैनल से नाता तोडक़र जय व्यापार पैनल को अपना समर्थन देने का फैसला लिया है।
जग्गी रायपुर मशीनरी एसोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं। उनके जय व्यापार पैनल को समर्थन करने से एकता पैनल में हडक़ंप मचा हुआ है। हालांकि चेम्बर के प्रवक्ता ललित जैसिंघ ने जग्गी को शुभकामनाएं दी है, और जोर देकर कहा कि मशीनरी एसोसिएशन के सदस्यों का समर्थन एकता पैनल के साथ रहेगा।
रायपुर, 9 फरवरी। देश की प्रगति और विकास में अपना योगदान कर कुछ कर गुजरने की चाहत हर युवा में होती है। आज के इस प्रतियोगी दौर में हर युवा चाहता है कि वो दूसरों से दो कदम आगे रहे जिसके लिए वे निरंतर अथक प्रयास में जुटे रहते हैं। प्रदेश के अंतिम छोर में घने जंगल, नदी, पहाड़ से घिरे सुकमा जिले के युवाओं में भी यह ललक है। कोई प्रशासनिक अधिकारी बन कर समाज को बेहतर करना चाहता है तो कोई डॉक्टर या इंजीनियर बन कर देश हित में अपना योगदान देना चाहता है। सुकमा में भी ऐसे युवाओं की बहुतायत है जो ऐसे विभिन्न उच्च पदों पर काबिज होकर अपना जीवन देश, प्रदेश और समाज के उत्थान में लगाना चाहते हैं। लंबे समय से नक्सल हिंसा से पीडि़त होने के कारण यहां विकास की गति धीमी रही है।
शासन की योजनाओं से मंदी बेअसर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 9 फरवरी। छत्तीसगढ़ के ऑटोमोबाइल सेक्टर में लगातार रौनक बनी हुई है। प्रदेश में जनवरी 2020 के मुकाबले जनवरी 2021 में ज्यादा कारों की बिक्री हुई है। पिछले साल के जनवरी माह में जहां 4523 कारें प्रदेश में बिकीं थीं, वहीं इस साल जनवरी माह में 4644 कारों की बिक्री हुई है। यह संख्या बीते दिसम्बर माह में 4233 बिकी कारों की संख्या से भी अधिक है।
गौरतलब है कि कोरोना संकट की वजह से देश में मंदी का माहौल है, लेकिन प्रदेश इसके प्रभाव से अछूता रहा है। इस दौरान प्रदेश के ऑटोमोबाइल सेक्टर के साथ ही अन्य सेक्टरों में लगातार वृद्धि दर्ज की गई है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के साथ-साथ किसानों और वनवासियों की आय में बढ़ोतरी करने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा लागू की गई योजनाओं की वजह से यहां के बाजारों में रौनक बनी रही है। इस साल शासन ने समर्थन मूल्य पर 93 लाख मीटरिक टन से अधिक धान की खरीदी की है, जिससे पिछले 20 सालों की धान खरीदी का रिकार्ड टूट गया है। इसके साथ ही राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत 19 लाख किसानों को 10 हजार रुपए प्रति एकड़ के मान से 5750 करोड़ रुपए की आदान सहायता से लाभान्वित किया जा रहा है। इस योजना के तहत शासन ने चार किश्तों में सहायता राशि के भुगातन का निर्णय लिया था, जिसकी तीन किश्तों के 4500 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है।
इसी तरह राज्य सरकार की गोधन न्याय योजना के तहत 2 रुपए किलो में गोबर की खरीदी किए जाने से भी गांवों में आय का नया जरिया विकसित हुआ है। शासन द्वारा अब तक 35 लाख क्विंटल से अधिक गोबर की खरीदी की जा चुकी है, इसके एवज में लगभग 72 करोड़ रुपए का भुगतान किसानों को किया जा चुका है। सुराजी गांव योजना के तहत गांव-गांव में 09 हजार 50 गोठानों का निर्माण स्वीकृत किया गया है, इनमें से 05 हजार 195 गोठानों का निर्माण पूरा हो चुका है।
इन गोठानों को आजीविका केंद्र के रूप में विकसित कर वहां आयमूलक गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है, जिससे हजारों लोगों को रोजगार मिला है। इसी तरह कोरोना संकट के समय राज्य के वनक्षेत्रों में देश मं सर्वाधिक लघु वनोपजों का संग्रहण किया गया। इस दौरान देश में संग्रहित कुल लघु वनोपजों का 73 प्रतिशत अकेले छत्तीसगढ़ में संग्रहित हुआ। शासन ने न केवल लघु वनोपजों के मूल्य में बढ़ोतरी की, बल्कि समर्थन मूल्य पर बिकने वाले लघु वनोपजों की संख्या 07 से बढ़ाकर 52 कर दी। लॉकडाउन के दौरान प्रदेश ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत एक दिन 26 लाख लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने का भी रिकार्ड बनाया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 9 फरवरी। आम आदमी पार्टी छत्तीसगढ़ लगातार शराब के अवैध कारोबार के खिलाफ आम आदमी पार्टी ने प्रदेश सरकार को घेरा है। भूपेश सरकार को यह याद दिलाया कि उनके चुनावी घोषणा पत्र में है कि कांग्रेस की सरकार बनते ही प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी लागू किया जाएगा परंतु आज 2 साल हो गए पर इस ओर भूपेश सरकार कोई भी ठोस कदम बढ़ाते नही दिख रही।
आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने प्रदेश सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि आखिर भूपेश बघेल चाहते क्या हैं? कब तक होगी प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी कोमाखान खल्लारी विधानसभा अंतर्गत नर्रा गांव की घटना का जिक्रकरते हुए कोमल हुपेंडी ने आगे कहा कि जिस शराब से प्रदेश की जनता त्रस्त हो चुकी है, सरकार को पूर्ण शराबबंदी करना था पर सरकार अब खुद मैदान में उतर आई है और लोगों को पुलिस की कार्यवाही के द्वारा डराया व धमकाया जाने लगा है, जबकि शराबबंदी की बात उन्होंने ही की थी और जो भूपेश सरकार अबतक नही कर पाई है, शराबबंदी तो दूर अवैध शराब की बिक्री धड़ल्ले से पूरे प्रदेश में बेची जा रही है उसपर लगाम नहीं लगा पा रही है, ये मौजूदा सरकार के लिए बड़ी दुर्भाग्यपूर्ण बात है।
आम आदमी पार्टी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि ग्राम-नर्रा, जिला महासमुंद के ग्रामीणों के इंसाफ के लिए आम आदमी छत्तीसगढ़ प्रदेश अध्यक्ष व छत्तीसगढ़ कोर कमेटी के द्वारा व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक जैन के नेतृत्व में एक 7 सदस्यीय जांच टीम गठित की है, जिसमें अभिषेक जैन, संजय यादव, संतोष चंद्राकर, दुर्गा झा, अनुषा जोसेफ, भूपेंद्र चंद्राकर, कलावती मार्को शामिल है ये जांच टीम नर्रा गांव में जाकर तीन दिनों में मामले की सत्यता की जांच कर कोर टीम के समक्ष अपनी रिपोर्ट रखेगी।
पारेषण प्रणाली की मजबूती से पारेषण हानि में कमी-कुमार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 9 फरवरी। छत्तीसगढ़ राज्य शासन की महत्वाकांक्षी परियोजना 132/33 केव्ही सलका उपकेन्द्र को पूर्ण कर क्रियाशील करने में एक बड़ी कामयाबी छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी को मिली। कोरोना काल में प्रतिकूल परिस्थितियों के बीच विद्युत कर्मियों की कर्तव्यनिष्ठा से पूर्ण हुए इस विशालकाय उपकेन्द्र का लाभ दुरस्त आदिवासी अंचल के 135 गांव को गुणवत्तापूर्ण बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित होगी।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के दिशा-निर्देशानुसार नवनिर्मित उपकेन्द्र की कुल लागत 22.4 करोड़ है। उक्त जानकारी पारेषण कंपनी के प्रबंध निदेशक अशोक कुमार ने दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में उपलब्ध सस्ती बिजली की आपूर्ति राज्य शासन की रीति-नीति के अनुरूप सुदूर ग्रामीण एवं वनांचलों तक करने पारेषण प्रणाली का सुदृढ़ीकरण युद्ध स्तर पर जारी है।
श्री कुमार ने बताया कि अतिउच्च दाब सलका उपकेन्द्र में 40 एमव्हीए क्षमता का ट्रंासफार्मर ऊर्जीकृत किया गया है। इस उपकेन्द्र की मांग लम्बें समय से सलका, उदयपुर, अंबिकापुर, लखनपुर, खम्हरिया, परसा, डांडगांव, मोहनपुर, हनुमानगढ़, केदमा, खुमदेवा, गुंम्गा, लटौरी, कुन्नी, केटी, सयार में निवासरत ग्रामीणजन कर रहे थे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशानुसार क्षेत्रवासियों की विद्युत आवश्यकता, लोवोल्टेज के निदान हेतु कारगर उपायों का आकलन करके पारेषण कंपनी द्वारा कोराना महमारी के दौर में भी योजनाबद्ध तरीके से सलका उपकेन्द्र का निर्माण किया गया।
उक्त उपकेन्द्र के क्रियाशील हो जाने से इन क्षेत्रों में किसी प्रकार के विद्युत अवरोध (बे्रकडाउन) होने पर सुधार कार्य में अब कम समय लगेगा। साथ ही 135 गांवों के कृषि उद्योग जगत का विकास होगा। इस उपकेन्द्र का सबसे बड़ा फायदा यह भी होगा कि अब परसा कोल माइन्स के रेल्वे स्टेशन को न्यूनतम दूरी की विद्युत लाईन से बिजली आपूर्ति हो सकेगी।
उक्त रेल्वे स्टेशन को पूर्व में विद्युत की आपूर्ति 220 केव्ही विश्रामपुर उपकेन्द्र से निकली 60 किलोमीटर लंबी लाईन से की जाती थी। अब इस उपकेन्द्र के बनने से उक्त स्टेशन को केवल 21 किलोमीटर की लंबी ईएचटी लाईन से विद्युत की आपूर्ति होगी जिससे लाईन लॉस में कमी आयेगी और गुणवत्तापूर्ण बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी।
श्री कुमार ने जानकारी दी कि आवश्यकता पडऩे पर सलका उपकेन्द्र (उदयपुर) से अंबिकापुर को भी विद्युत की आपूर्ति हो सकेगी। इस उपकेन्द्र से छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी के उदयपुर तथा लखनपुर वितरण केन्द्र के छह 33/11 के.व्ही. के उपकेन्द्रों को नियमित एवं गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति होगी ।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 9 फरवरी। इंदिरा गांधी कृषि विवि द्वारा राष्ट्रीय कृषि विकास सहकारी संघ, बारामूल जम्मू-कश्मीर के सहयोग से ‘‘मशरूम उत्पादन एवं प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी’’ विषय पर उन्नत राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम 2021 का आयोजन किया जा रहा है। इस उन्नत राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन 2 मार्च 2021 से 22 मार्च 2021 तक ऑनलाईन किया जाएगा। इस 21 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में मशरूम उत्पादन, प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन आदि विषयों पर विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने हेतु 25 फरवरी 2021 तक आवेदन आमंत्रित किये गए हैं। इच्छुक प्रशिक्षणार्थी राष्ट्रीय कृषि विकास सहकारी संघ की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाईन पंजीयन करवा सकते हैं।
कार्यक्रम के पाठ्यक्रम निदेशक डॉ. एमपी ठाकुर ने बताया कि इस 20 दिवसीय ऑनलाईन प्रशिक्षण कार्यक्रम में विभिन्न विषयों जैसे - मशरूम की उत्पत्ति एवं खाने योग्य, जहरीले तथा औषधीय मशरूम की पहचान, मशरूम के पोषण एवं औषधीय विभिन्न पहलुओं, भारत में मशरूम उद्योग की वर्तमान स्थिति एवं भविष्य की संभावनाएं, शुद्ध कल्चर प्राप्त करने की तकनीक, मातृ एवं रोपण बीज तैयार करना, उष्णकटिबंधीय और समशीतोषण मशरूम जैसे - ऑयस्टर मशरूम, पैडी स्ट्रॉ मशरूम, मिल्की मशरूम, बटन मशरूम की खेती के लिए सब्सट्रेट की तैयारी करना, विशेष मशरूम जैसे - लायन्स मैन मशरूम, श्ट्टिेक मशरूम, गोनोडर्मा मशरूम, कॉर्डिसेप्स मशरूम, फ्लाम्युलिना मशरूम, स्किज़ोफाईलम मशरूम की खेती के लिए सब्स्ट्रेट तैयार करना, ऑयस्टर मशरूम, पैडी स्ट्रॉ मशरूम, मिल्की मशरूम, बटन मशरूम एवं अन्य विशेष गुणों वाले मशरूम के खेती की तकनीक, फसल अवधि के दौरान कीटों एवं बीमारियों से मशरूम की सुरक्षा, मशरूम उत्पादों का फसल प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन, मशरूम का विस्तार एवं विपणन विषयों पर विशेषज्ञों द्वारा प्रतिभागियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
इस 20 दिवसीय ऑनलाईन प्रशिक्षण कार्यक्रम के मुख्य संरक्षक इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एसके पाटील हैं। संचालक अनुसंधान सेवाएं, डॉ. आरके.बाजपेयी, निदेशक विस्तार सेवाएं, डॉ. एससी मुखर्जी, अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय, रायपुर, डॉ. एसएस राव संरक्षक हैं। डॉ. रत्ना नशीने, अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र, नारायणपुर, आयोजन निदेशक हैं।
असम के उद्योगपतियों से चर्चा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 8 फरवरी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने असम के अपने दो दिवसीय दौरे के दूसरे दिन सोमवार को जोरहाट में असम के उद्योगपतियों के प्रतिनिधिमंडल मुलाकात की। उन्होंने छत्तीसगढ़ की विशेषताओं के साथ यहां चाय की खेती और बांस तथा लघु वनोपज आधारित उद्योगों की संभावनों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंनेे चर्चा के दौरान इन उद्योगपतियों को छत्तीसगढ़ में चाय और बांस उद्योग लगाने के लिए आमंत्रित किया। इस अवसर पर चाय उत्पादकों के साथ साथ विभिन्न उद्योगों के प्रतिनिधि मौजूद थे। असम के उद्योगपतियों के प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री को हाथ से तैयार की गई विशेष चाय भी भेंट की।
श्री बघेल ने असम के उद्योगपतियों को बताया कि छत्तीसगढ़ में उद्योग हितैषी वातारण है। उन्होंने कहा कि राज्य में उद्योगों को नई सहुलियतें देने के लिए उद्योगपतियों से चर्चा कर नई उद्योग नीति तैयार की गई है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में लघुवनोपज के साथ ही बागवानी फसलों के लिए अच्छी संभावनाएं हैं। उन्होंने असम के उद्योगपतियों को चाय और बांस आधारित उद्योगों की स्थापना के लिए आमंत्रित करते हुए कहा कि उन्हें हर संभव मदद सहायता और प्रोत्साहन दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ में 44 प्रतिशत जंगल है। बड़ी मात्रा में लघुवनोपज होता है। अभी 52 लघुवनोपज को समर्थन मूल्य के दायरे में लाया गया है। राज्य में वनवासियों की आय में बढ़ोत्तरी और उन्हें सतत रूप से रोजगार देने के लिए लघुवनोपजों के प्रसंस्करण और वेल्यु एडिशन को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ धान उत्पादन के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध है। यहां गन्ने की फसल भी बड़े स्तर पर ली जा रही है। राज्य में अब फलों और बागवानी फसलें भी बड़े पैमाने में ली जाती है, इनके प्रसंस्करण उद्योगों की यहां विपुल संभवनाएं है। जशपुर जिले का मौसम चाय की खेती के लिए अनुकूल है, वहां के मौसम के अनुकूल वहां चाय के बागान को प्रोमोट किया जा रहा है। उन्होंने असम के उद्योगपतियों को चाय उद्योग की संभावनाओं की जानकारी दी और इन क्षेत्रों में निवेश के लिए आमंत्रित किया।
मुख्यमंत्री ने उद्योगपतियों को बागवानी और कृषि के क्षेत्र में उद्योग लगाने की संभावनाओं की विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के कई अंचलों में टमाटर की बड़े पैमाने पर फसल ली जाती है। यहां का टमाटर पाकिस्तान तक जाता है। वन क्षेत्रों में बांस का भी बड़े पैमाने पर उत्पादन हो रहा है। वनवासियों को इन सबके माध्यम से रोजगार दिया जा रहा है।
बांस शिल्प के क्षेत्र में भी यहां के उद्योगपति वेल्यू एडिशन कर उद्योग स्थापित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में विभिन्न कलात्मक वस्तुएं भी तैयार की जाती हैं। यहां के बस्तर आर्ट को देश-विदेश में पसंद किया जाता है। राज्य के विभिन्न शिल्प कलाओं को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। इन शिल्पियों को बाजार उपलब्ध कराने तथा समय के अनुरूप वेल्यू एडिशन के लिए भी प्रोत्साहित किया जा रहा है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर/रायपुर, 8 फरवरी। गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने ढाई-ढाई साल सीएम के फार्मूले पर कहा कि ऐसा कोई फार्मूला नहीं है। उन्होंने कहा कि उन्हें सीएम और पार्टी ने पूरा सम्मान दिया है, और वे सीएम की दौड़ में शामिल नहीं है। जहां तक टीएस सिंहदेव का सवाल है, वे जाने।
श्री साहू ने मीडिया से चर्चा में पार्टी और मुख्यमंत्री से खूब सम्मान मिल रहा है। मुख्यमंत्री से स्नेह और सहयोग मिलता है और आलाकमान का समर्थन भी गुजरात में मिली बड़ी जिम्मेदारी इसका उदाहरण है। ताम्रध्वज साहू ने कहा कि मैं जहाँ हूं, वहां खुश हूं और पार्टी से हमें वरीयता मिलती रहती है। मुझे कोई नजरअंदाज नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा कि ताम्रध्वज साहू एक सिंपल आदमी है। मुझे टिकट मिले ना मिले मेरे लिए सब ठीक है।
बीजेपी में पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर और वरिष्ठ भाजपा नेता भूपेंद्र सवन्नी के बीच मतभेद के मामले में गृहमंत्री ने कहा कि यह उनकी पार्टी का मामला है, वो जानें।