राष्ट्रीय
जयपुर, 10 अगस्त। पुलिस ने राजस्थान के दौसा जिले में 17 वर्षीय दिव्यांग किशोरी का अपहरण कर उससे सामूहिक दुष्कर्म करने के आरोप में तीन आरोपियों को हिरासत में लिया है। किशोरी का अपहरण उसके घर के पास एक दुकान जाने के दौरान किया गया और फिर उसके साथ मारपीट की गई।
पुलिस ने कहा कि आरोपी उसे एक वाहन के अंदर जबरदस्ती ले गए, जहां उन्होंने किशोरी के साथ दुष्कर्म किया। पुलिस ने आगे कहा कि यह घटना 5 अगस्त को लालसोट थानाक्षेत्र में हुई थी और इसमें कथित रूप से पांच लोग शामिल है।
स्थिति का जायजा लेने के लिए दौसा पहुंचे जयपुर आईजी एस. सेंगाथिर के अनुसार, "पुलिस को शनिवार रात सूचना मिली कि एक नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया है। हमने जल्द ही जांच शुरू कर दी। जैसा कि पाया गया था कि उसके साथ यौन उत्पीड़न किया गया था, पांच आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।"
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आरोपी ने सुबह 11 बजे के आसपास लड़की का अपहरण किया था और उसे वापस उसके गांव में करीब 5 बजे छोड़कर भाग गए।
किशोरी की मां उस दिन गांव से बाहर गई हुई थी। 6 अगस्त को वापस लौटने पर उन्हें अपनी बच्ची पर हुए हमले के बारे में पता चला।
पीड़िता ने अपने हमलावरों के बारे में सारी जानकारी दी है, जिसमें पांच नाम शामिल हैं। सभी एक ही गांव के हैं।
पुलिस ने तीन आरोपियों को पकड़ लिया गया है, जबकि बाकी दो के लिए तलाश जारी है। पीड़िता की मेडिकल जांच के बाद पॉक्सो एक्ट के तहत सामूहिक दुष्कर्म और अपहरण का मामला दर्ज किया गया है।(ians)
नई दिल्ली, 10 अगस्त। सोनिया गांधी का कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर एक साल सोमवार को पूरा हो गया है। ज्योतिरादित्य सिंधिया और सचिन पायलट के हाई प्रोफाइल विद्रोह के बीच सोनिया का दूसरा कार्यकाल पूरा हुआ है। मध्य प्रदेश और राजस्थान के बाद, पार्टी पंजाब में भी एक समस्या का सामना कर रही है, जहां दो सांसदों ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
अपने दूसरे कार्यकाल में सोनिया गांधी अस्वस्थता के साथ-साथ पार्टी के भीतर के झगड़ों से भी जूझती रही हैं। वह ज्योतिरादित्य सिंधिया को पार्टी को तोड़ने और भाजपा में शामिल होने से रोकने में असमर्थ रहीं, जिसके कारण मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिर गई। सोनिया दो गुटों के बीच हस्तक्षेप करके मुसीबत को टालने में असफल रहीं।
यही हाल राजस्थान में भी देखने को मिला, जहां पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ बागी तेवर दिखाए, जिससे सरकार पर संकट आ गया। वहां भी कांग्रेस नेतृत्व कमजोर रहा और दोनों गुटों के बीच शांति कायम नहीं कर सका।
तीसरा राज्य, जहां कांग्रेस समस्याओं से जूझ रही है, वह है पंजाब। पार्टी दरार को कम करने की कोशिश कर रही है।
सोनिया गांधी का दूसरा कार्यकाल उनके बेटे राहुल गांधी के पार्टी अध्यक्ष के पद से इस्तीफा देने के बाद शुरू हुआ और कांग्रेस वकिर्ंग कमेटी को सोनिया गांधी को छोड़कर कोई अन्य विकल्प नहीं मिला। अगस्त 2019 से ही एक तरफ पार्टी भाजपा से लड़ रही है, वहीं दूसरी ओर उसे अपने आंतरिक कलह से भी जूझना पड़ रहा है। संगठन के कामकाज में टीम राहुल गांधी के हस्तक्षेप पर भी नाराजगी है।
कांग्रेस के राज्यसभा सांसदों की 30 जुलाई की बैठक में नेतृत्व के मुद्दे पर चर्चा हुई और इस दौरान कई नेताओं ने मांग की कि राहुल गांधी को पार्टी अध्यक्ष के रूप में वापस लाया जाना चाहिए। कुछ नेताओं द्वारा चुनावी हार के कारणों पर पार्टी को आत्मविश्लेष्ण करने की मांग को लेकर विवाद खड़ा हो गया, जिसके लिए राहुल गांधी के करीबी नेताओं ने संप्रग शासन पर सवाल उठाए, जिसके बाद सोशल मीडिया पर जंग छिड़ गई। वरिष्ठ नेताओं को हस्तक्षेप करना पड़ा और उन्होंने कहा कि उन्हें सोशल मीडिया पर टिप्पणी करने से बचना चाहिए।
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि बेशक अंतरिम अध्यक्ष के रूप में सोनिया गांधी का एक साल का कार्यकाल सोमवार को पूरा हो जाएगा, मगर इसका अर्थ यह नहीं कि पार्टी में कोई वैक्यूम हो जाएगा। पार्टी के संविधान में ऐसा कोई प्रावधान नहीं हैं और न ही राजनीति में ऐसा होता हैं। सिंघवी ने कहा कि सोनिया गांधी कांग्रेस की अध्यक्ष हैं और तब तक इस पद पर रहेंगी, जब तक पार्टी अपने संविधान के हिसाब से किसी को अध्यक्ष निर्वाचित नहीं कर लेती।(ians)
नई दिल्ली, 10 अगस्त। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने दिल्ली, चंडीगढ़ और पंचकूला में राज सिंह गहलोत और एंबियंस ग्रुप के परिसरों पर छापे मारे हैं। इन पर बैंक फर्जीवाड़ा का आरोप है।(ians)
नई दिल्ली, 10 अगस्त। मानव संसाधन विकास मामलों से संबंधित संसदीय समिति सोमवार को देशभर के स्कूल और कॉलेजों को खोले जाने की तैयारियों पर चर्चा करेगी। मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदलकर अब केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया है। इस संसदीय समिति के अध्यक्ष राज्यसभा सांसद विनय सहस्रबुद्धे हैं। सोमवार को आयोजित की जा रही इस संसदीय समिति की बैठक का एजेंडा कोविड-19 महामारी के दौरान स्कूलों और उच्च व तकनीकी शिक्षा क्षेत्र की तैयारी पर चर्चा करना है। शिक्षा मंत्रालय की यह संसदीय समिति की दिल्ली में आयोजित बैठक के दौरान इस विषय पर गौर करेगी कि स्कूल-कॉलेज खोलने को लेकर क्या स्थिति है।
दरअसल, सरकार को मिले फीडबैक के मुताबिक, फिलहाल अधिकांश अभिभावक नहीं चाहते कि अभी स्कूल खोले जाएं। अभिभावकों के सबसे बड़े राष्ट्रीय संगठन 'ऑल इंडिया पेरेंट्स एसोसिएशन' के अध्यक्ष अशोक अग्रवाल ने कहा, "हमने शिक्षा मंत्रालय एवं प्रधानमंत्री के समक्ष मुख्य रूप से तीन विषय रखे हैं। इनमें सबसे महत्वपूर्ण विषय यह है कि जब तक कोरोना पर पूरी तरह से काबू नहीं पा लिया जाता, तब तक स्कूल नहीं खुलने चाहिए।"
अभिभावक चाहते हैं कि इस वर्ष स्कूलों में पूरे शैक्षणिक सत्र को ही जीरो सत्र माना जाए। इस मांग को लेकर कई अभिभावकों ने सहमति जताई है। दरअसल, केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने सभी राज्यों से कहा है कि वे स्कूल खोले जाने के विषय पर अभिभावकों की राय जानने की कोशिश करें।
अशोक अग्रवाल ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के अलावा देशभर के सभी मुख्यमंत्रियों को हमने ऐसे ही पत्र लिखे हैं। अभिभावकों के इस संघ ने सरकारों से मांग की है कि इस शैक्षणिक सत्र को जीरो एकेडमिक ईयर घोषित घोषित किया जाए। सभी छात्रों को अगली कक्षा में प्रमोट किया जाए। अगले वर्ष का पाठ्यक्रम इस तरह से मॉडिफाई किया जाए कि छात्र उसे समझ सके और अपनी पढ़ाई कर सके।"(ians)
लखनऊ, 10 अगस्त। उत्तर प्रदेश के राजनीतिक अखाड़े में अब एक नई लड़ाई शुरू हो गई है। इस बार राजनीतिक जंग भगवान राम और परशुराम के बीच देखने को मिल रही है।
पिछले हफ्ते राम मंदिर के 'भूमिपूजन' ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कार्यकर्ताओं को उत्साहित किया था, जो अब राम मंदिर का श्रेय लेने के लिए कमर कस रहे हैं।
पार्टी राम मंदिर के मुद्दे को 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों में भुनाने का प्रयास करेगी, क्योंकि उसने मंदिर निर्माण को लेकर लाखों हिंदुओं से वादा किया था, जिसकी आधारशिला अब रखी जा चुकी है। पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव तक इस मुद्दे को जीवित रखने का हर संभव प्रयास करेगी।
भाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, "जब 2022 में विधानसभा चुनाव होंगे, तो राम मंदिर ने आकार ले लिया होगा और 2024 तक, जब लोकसभा चुनाव होंगे, तब मंदिर का उद्घाटन होगा।"
राम मंदिर के साथ, भाजपा एक बार फिर अपने 'हिंदू पहले' अभियान को फिर से शुरू करने की योजना बना रही है, जो ओबीसी और दलितों को अपने पाले में लाएगी।
इसका मुकाबला करने के लिए समाजवादी पार्टी (सपा) ने पिछले महीने एक कथित पुलिस मुठभेड़ में मारे गए खूंखार अपराधी विकास दुबे के मुद्दे पर भाजपा के खिलाफ ब्राह्मणों में बढ़ती नाराजगी को भुनाने की कोशिश की है।
पिछले दिनों हुई कुछ मुठभेड़ों में जो अधिकांश अपराधी मारे गए हैं, वह ब्राह्मण थे और इसी वजह से कहीं न कहीं ब्राह्मण समुदाय ने अपने आपको लक्षित और महत्वहीन महसूस किया है।
राम बनाम परशुराम युद्ध वास्तव में ब्राह्मण-ठाकुर की लड़ाई को दर्शाता है, जो दशकों से उत्तर प्रदेश की राजनीति पर हावी है।
राम क्षत्रिय समुदाय से माने जाते हैं, जबकि परशुराम ब्राह्मण समुदाय से। दोनों को भगवान विष्णु का अवतार कहा जाता है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी क्षत्रिय समुदाय से हैं और ब्राह्मण उनके शासन में खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं।
इस बीच समाजवादी पार्टी ने घोषणा की है कि वह लखनऊ में भगवान परशुराम की 108 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित करेगी और एक शैक्षिक अनुसंधान केंद्र के अलावा एक भव्य मंदिर भी बनाया जाएगा।
सपा नेता अभिषेक मिश्रा ने कहा कि अभी परियोजना को अंतिम रूप दिया जा रहा है और 'परशुराम चेतना पीठ' परियोजना की देखरेख करेगा जो कि जनसहयोग के माध्यम से पूरा होगा।
उन्होंने कहा, "मैं सपा का हिस्सा हूं और यह स्पष्ट है कि पार्टी परियोजना का एक हिस्सा है। दावों के विपरीत, सपा ब्राह्मण समुदाय से विमुख नहीं है। वह अखिलेश यादव सरकार थी, जिसने परशुराम जयंती पर अवकाश घोषित किया था और इसे बाद में योगी आदित्यनाथ सरकार ने रद्द कर दिया था।"
मिश्रा ने कहा कि वह अखिलेश सरकार ही थी, जिसने लखनऊ में जनेश्वर मिश्र पार्क का निर्माण किया था और पार्क में ब्राह्मण नेता की बड़ी से बड़ी प्रतिमा स्थापित की थी।
परशुराम एक ब्राह्मण आइकन हैं और उनकी मूर्ति को खड़ा करने का कदम स्पष्ट रूप से समाजवादी पार्टी द्वारा ब्राह्मणों को अपने पाले में कर लेने का एक प्रयास है, जिनकी आबादी उत्तर प्रदेश में लगभग 11 प्रतिशत है और वह सरकार बनवाने और गिराने में अहम भूमिका निभाते हैं।
परशुराम अभियान में सपा के नेतृत्व करने के बाद, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती भी पीछे नहीं रहीं।
मायावती ने रविवार को घोषणा की कि जब उनकी पार्टी सत्ता में आएगी, तो वह परशुराम की 'बड़ी' प्रतिमा स्थापित करेगी।
उन्होंने कहा, अगर सपा को परशुराम की चिंता है, तो उन्हें सत्ता में रहते हुए उनकी मूर्ति स्थापित करनी चाहिए थी।
दूसरी ओर कांग्रेस ने फिलहाल ब्राह्मणों और परशुराम पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन पार्टी का एक बड़ा वर्ग एक व्हाट्सएप समूह के माध्यम से ब्राह्मणों को साधने की कोशिश जरूर कर रहा है।(ians)
भुवनेश्वर, 10 अगस्त (आईएएनएस)। ओडिशा में बीते 24 घंटों में 1,528 नए कोविड -19 मामले दर्ज किए गए हैं। वहीं इस अवधि में 14 मौतें दर्ज की गई हैं। यह जानकारी राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने सोमवार को दी।
यह राज्य में अब तक एक ही दिन में हुई कोविड-19 मौतों की सबसे अधिक संख्या है।
गंजाम में जहां छह लोगों की मौत हो गई, वहीं खुरदा और नयागढ़ जिलों में तीन-तीन और रायगढ़ और सुंदरगढ़ जिलों में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है।
विभाग ने बताया कि नई मौतों के साथ संक्रमण से होने वाली कुल मृत्यु की संख्या बढ़कर 286 हो गई। वहीं नए मामलों के साथ ओडिशा में पॉजिटिव मामलों की संख्या 47,455 हो गई है।
नए मामलों में से 948 मामले क्वारंटाइन सेंटर्स और 580 स्थानीय संपर्क के हैं।
गंजाम में सबसे अधिक 233 मामले दर्ज किए गए हैं, इसके बाद खोरधा (218), संबलपुर (168), सुंदरगढ़ (126) और धेनकनाल (107) है।
राज्य में सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 15,334 हो गई, जबकि राज्य में अब तक 31,784 मरीज ठीक हो चुके हैं।
नई दिल्ली, 10 अगस्त (आईएएनएस)| देश में जल्द ही तकनीकी शिक्षा का स्वरूप बदल सकता है। ऐसा होने पर एमबीएएस, फार्मेसी, आर्किटेक्चर और इंजीनियरिंग जैसे कोर्सो में दाखिला लेने के लिए छात्रों को किसी विशेष तकनीकी संस्थान का रुख नहीं करना होगा। इन्हें अपने ही कॉलेजों में इस प्रकार के पाठ्यक्रमों में दाखिला मिल सकेगा। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक समस्त मानवीय उद्यमों और प्रयासों पर प्रौद्योगिकी के प्रभाव से तकनीकी शिक्षा और अन्य विषयों के बीच अंतर समाप्त होने की संभावना बढ़ती जा रही है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा, "तकनीकी शिक्षा भी बहु विषयक शिक्षण संस्थानों और कार्यक्रमों के भीतर पेश की जाएगी। इसे अन्य विषयों के साथ गहराई से जोड़ने के अवसरों पर नए सिरे से जोड़ने पर ध्यान केंद्रीत किया जाएगा।"
निशंक ने कहा, "तकनीकी शिक्षा में डिग्री एवं डिप्लोमा दोनों ही कार्यक्रम शामिल हैं। उदाहरण के लिए इंजीनियरिंगए प्रौद्योगिकी प्रबंधनए वास्तुकलाए फामेर्सीए कैटरिंग आदि। यह सभी कार्यक्रम भारत के समग्र विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं।"
वैश्विक महामारी कोरोना के कारण उत्पन्न हुए संकट के दौरान तकनीकी शिक्षण संस्थान सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। इन संस्थानों में प्रयोगशाला के साथ-साथ प्रेक्टिकल की भी आवश्यकता पड़ती है। हालांकि अब मौजूदा संकट को देखते हुए केंद्र सरकार और तकनीकी शिक्षा विभाग ने इसमें कई तरह के मूल बदलाव किए हैं। इन बदलावों के उपरांत तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कोर्स ऑनलाइन उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
जो छात्र एरोस्पेस को लेकर उत्साहित हैं उनके लिए एनपीटीई के जरिए ऑनलाइन कोर्स उपलब्ध कराया गया है। एनपीटीई के माध्यम से एयरोस्पेस के साथ साथ साथ 17 अन्य इंजीनियरिंग कोर्स ऑनलाइन उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
इनमें फूड इंजीनियरिंगए बायोलॉजिकल इंजीनियरिंग, सिविल इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग, डिजाइन इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिक, इलेक्ट्रॉनिक व कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग जैसे पाठ्यक्रम शामिल हैं।
हितेश टिक्कू
लंदन, 10 अगस्त (आईएएनएस)| ब्रिटेन स्थित कंपनी 'ईस्ट ब्रिस्टल ऑक्शंस' महात्मा गांधी के चश्मों की एक जोड़ी की नीलामी करेगा। कंपनी के कर्मचारियों ने इसे एक सादे लिफाफे में रखा पाया था। यह दक्षिम पश्चिम इंग्लैंड में सबसे बड़ा ऑक्शन हाउस है।
नीलामीकर्ता एंड्रयू स्टोव ने कहा, "कोई शुक्रवार रात उन्हें हमारे लेटर बॉक्स में डाल गया था और वे सोमवार तक वहीं रहे।"
उन्होंने कहा, "मेरे स्टाफ कर्मचारियों में से एक ने मुझे थमाते हुए कहा कि एक नोट भी है जिसमें लिखा है कि ये चश्मे महात्मा गांधी के चश्मे हैं। मैंने सोचा यह तो दिलचस्प है।"
स्टोव ने कहा कि जब उन्होंने जांच की तो पाया कि गांधी ने सोने की परत चढ़े चश्मों को पहना था।
स्टोव ने बताया कि उन्होंने इसके विक्रेता को फोन किया और वह भी इस बारे में जानकारी आश्चर्यचकित रह गया।
चश्मों के 19,600 डॉलर से ज्यादा में बिकने की उम्मीद है।
स्टोव ने कहा कि चश्मों के मालिक ने उन्हें बताया कि उसके परिवार के एक सदस्य को 1920 के दशक के दौरान महात्मा गांधी ने दक्षिण अफ्रीका दौरे के दौरान दिए थे। चश्मों को पीढ़ी दर पीढ़ी सौंपा जाता रहा था।
उन्होंने कहा कि हमने तारीखों पर गौर किया और यह सब मेल खाता है।
इन चश्मों की ऑनलाइन नीलामी 21 अगस्त को होगी।
पटना, 10 अगस्त (आईएएनएस)| शिवसेना के नेता संजय राउत के सुशांत सिंह राजपूत के पिता के. के. सिंह के दो विवाह करने के आरोपों का सुशांत के परिजन ने ना केवल खंडन किया है बल्कि वे अब इस बयान को लेकर मानहानि का मामला दर्ज भी कराने की बात कही है। सुशांत के चचेरे भाई और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक नीरज कुमार बबलू ने सोमवार को आईएएनएस के साथ बातचीत में कहा कि संजय राउत 'डिस्टर्ब' हो गए हैं।
उन्होंने राउत के बयान पर कहा, "उन्हें हर चीज में राजनीति नजर आ रही है। यह एक संवेदनशील मामला है। उन्हें सोच-समझकर बयान देना चाहिए।"
उन्होंने कहा कि जिनके देश में करोड़ों प्रशंसक हों और उनके पिता जी के खिलाफ ऐसा कहना काफी शर्मनाक है। राउत को इस बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए।
उन्होंने कहा, "ऐसे बयान से मेरे परिवार का अपमान हुआ है। इससे परिवार के मान सम्मान पर आघात हुआ है। इस कारण इसे लेकर अदालत में मानहानि का मुकदमा दर्ज किया जाएगा।"
राउत ने रविवार को मुंबई में संदेह जताते हुए पूरे मामले को सुनियोजित बताया था।
बिहार पुलिस पर निशाना साधते हुए राउत ने कहा कि यह अनावश्यक रूप से इस मामले में कूदी है। अभिनेता ने जो कुछ हासिल किया वह मुंबई के कारण था।
राउत ने कहा, "सुशांत और उनके पिता कृष्ण किशोर सिंह के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध नहीं थे, क्योंकि वह पुनर्विवाह (पिता के) फैसले से परेशान थे। उन्हें बिहार पुलिस में एफआईआर दर्ज करने के लिए उकसाया गया था, जो मुंबई में एक घटना की जांच करने आई थी।"
उल्लेखनीय है कि सुशांत का शव 14 जून को उसके मुंबई में बांद्रा स्थित उनके फ्लैट से बरामद हुआ था। इस मामले को लेकर पटना में भी एक मामला दर्ज कराया गया है। फिलहाल इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है।
नयी दिल्ली, 10 अगस्त (आईएएनएस)| तमिलनाडु के मूल निवासी पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम एक मामले में द्रमुक सांसद कनिमोझी के समर्थन में सामने आए हैं। उन्होंने कनिमोझी के साथ हवाई अड्डे पर हुई एक घटना को लेकर ट्वीट किया है जिसमें उनसे उनकी नागरिकता के बारे में पूछा गया था। चिदंबरम ने यह भी कहा कि ऐसा उनके साथ भी हो चुका है। चिदंबरम ने कहा, "चेन्नई हवाई अड्डे पर डीएमके सांसद कनिमोझी का अप्रिय अनुभव असामान्य नहीं है। मैंने भी सरकारी अधिकारियों और आम नागरिकों के ऐसे ताने सुने हैं, जिन्होंने जोर देकर मुझसे टेलीफोन या आमने-सामने हिन्दी में बात करने के लिए कहा।"
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, "यदि केंद्र वास्तव में इस बात के लिए प्रतिबद्ध है कि भारत में हिंदी और अंग्रेजी दोनों आधिकारिक भाषा हैं, तो इस बात जोर देना चाहिए कि सभी केंद्रीय सरकारी कर्मचारी हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाएं बोल सकें।"
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने यह भी पूछा, "जब गैर-हिंदी भाषी लोग केंद्र सरकार के पदों पर भर्ती होते हैं तो वे तेजी से हिन्दी बोलना सीखते हैं, तो ऐसे ही हिन्दी-भाषी कर्मचारी अंग्रेजी बोलना क्यों नहीं सीख सकते?"
इस बीच भाजपा ने उनके आरोप को "चुनावी स्टंट" कहकर खारिज कर दिया है। बीजेपी के महासचिव (संगठन) बीएल संतोष ने कनिमोझी के आरोप को काउंटर करते हुए ट्वीट कर कहा, "विधानसभा चुनाव 8 महीने दूर हैं .. प्रचार शुरू हो गया है"।
नई दिल्ली, 10 अगस्त (आईएएनएस)| अदालत की अवमानना से जुड़े एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण का स्पष्टीकरण स्वीकार नहीं किया है। भूषण पर साल 2009 में अदालत की अवमानना का मामला दर्ज किया गया था।
मनोज पाठक
गोपालगंज, 10 अगस्त (आईएएनएस)| बिहार के 16 जिलों में आई बाढ़ से जहां आम लोगों की परेशानी बढ़ी हुई है वहीं बेजुबान पशुओं के सामने भी चारे के लाले पड़े हुए हैं। लोग चाहकर भी पशुओं के चारे की व्यवस्था नहीं कर पा रहे हैं। गंडक की उफान से बचने के लिए लोग अपने गांव-घर को छोड़कर ऊंचे स्थानों पर शरण लिए हुए हैं, जब गांव घर छूटा तो लोगों ने अपने पालतू पशुओं को भी अपने साथ लेकर ऊंचे स्थानों पर शरण ले ली। लेकिन अब गांव और खेत में जलसैलाब के कारण पशुओं के लिए चारा की व्यवस्था करना टेढ़ी खीर साबित हो रही है।
बेजुबानों की भूख मिटाने के लिए लोग प्रशासन से मांग भी कर चुके हैं, लेकिन अब तक कोई खास व्यवस्था नहीं हो पाई है। रतनसराय रेलवे स्टेशन प्लेटफॉर्म, सीवान-सरफरा पथ, राष्ट्रीय राजमार्गो, तटबंधों पर लोग अपने पशुओं के साथ जीवन गुजार रहे हैं। बेजुबानों के चारा नहीं उपलब्ध करा पाने की स्थिति में पशुपालक की बेचैनी बढ़ी हुई है।
कुछ लोग तो इन पशुपालकों की जरूरतों को मजबूरी समझ इसका लाभ भी उठा रहे हैं। कई लोग जहां बाढ़ का पानी कम है वहां से पेड़ों के पत्ते काटकर पहुंचा रहे हैं और पशुपालकों से मनमाना पैसा वसूल रहे हैं। पशुपालक भी इन्हीं पत्तों के सहारे अपने पशुओं की जिंदगी बचाने की कोशिश में जुटे हैं।
रतनसराय प्लेटफॉर्म पर आशियाना बना चुके प्रमोद राय कहते हैं कि एक तो पशुचारा की समस्या है ऊपर से बाढ़-बारिश का महीना होने के कारण इन्हें तरह-तरह की बीमारी का खतरा है। उन्होंने बताया कि रेलवे पटरियों के पास पेड़ों से पत्ता तोड़ने की भी मनाही है। पत्ता भी हमारे पशुपालकों को नसीब नहीं हो रहा है।
इधर, तीन भैंसों के साथ सड़क के किनारे आशियाना बना चुके महादेव मांझी कहते हैं कि घर में जो भी भूसा, चोकर आदि था वह साथ ले आए थे, लेकिन अब वह भी समाप्त हो गया है। अब तक जलकुंभी खिलाकर पशुओं का जीवन बचाने की कोशिश की जा रही है।
वह कहते हैं कि गांव, खेत सभी जलमग्न हैं, कहीं से भी घास लाने की व्यवस्था नहीं है। कुछ इलाकों में संपर्क ही कटा हुआ है। संपर्क होता तो चारे की कोई व्यवस्था भी होती।
कई पशुपालकों ने तो बाढ़ की आशंका के कारण अपने पालतू पशुओं को पहले ही ऊंचे स्थानों पर रहने वाले रिश्तेदारों के यहां भेज चुके थे। ऐसे पशुपालकों का कहना है कि परेशानी को भांप कर पहले ही गायों को रिश्तेदारों के यहां भेज दिया था। कम से कम इसका सुकून तो है कि उनके पशु सुरक्षित हैं।
इधर, बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित बरौली प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी संजय कुमार आईएएनएस को बताते हैं कि प्रखंड के बाढ़ प्रभावित इलाकों में 11 टन पशुचारा की मांग जिला प्रशासन से की गई है। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि दो से तीन पंचायतों में पशुपालकों के लिए चारा का इंतजाम प्रति मवेशी चार किलोग्राम चारा के हिसाब से आपूर्ति किया गया है।
उन्होंने कहा कि चरणबद्ध तरीके से पशुचारा जिला द्वारा भेजा जा रहा है, उसी तरह से आपूर्ति भी की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि गोपालगंज जिले के पांच प्रखंडों के 66 पंचायतों की करीब चार लाख आबादी बाढ़ से प्रभावित है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अब तक सात पालतू पशुओं की मौत हो चुकी है।
मुंबई, 10 अगस्त (आईएएनएस)| अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के बारे में पूछताछ के लिए तलब किए गए अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती, उनके भाई शोविक और पिता इंद्रजीत चक्रवर्ती सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश हुए । दोपहर 12.15 बजे के आसपास उनसे पूछताछ शुरू हुई।
ईडी ने शुक्रवार को रिया, उनकी पूर्व मैनेजर श्रुति मोदी, सुशांत के घर के मैनेजर सैमुअल मिरांडा से इस मामले में पूछताछ की थी। ईडी ने शोविक से भी शुक्रवार को आठ घंटे से अधिक और शनिवार को 18 घंटे से अधिक और रविवार की देर रात तक पूछताछ की थी।
यह पहली बार है कि रिया के पिता इंद्रजीत से ईडी मामले के संबंध में पूछताछ कर रही है।
ईडी के सूत्रों ने कहा कि एजेंसी को अवैध रूप से धन के लेनदेन का संदेह है और जांचकर्ताओं के पास पूरे मामले के बारे में स्पष्ट तस्वीर है।
इससे पहले हुई पूछताछ के दौरान रिया खुद को निर्दोष बताती आई हैं।
ईडी राजपूत की तीन कंपनियों के बारे में रिया और उनके परिवार के सदस्यों से पूछताछ करेगी। वह इन कंपनियों में पार्टनर रही हैं।
ईडी रिया और उनके परिवार के स्वामित्व वाली दो संपत्तियों के मामले में भी जांच कर रही है। खार (पूर्व) के फ्लैट के बारे में, रिया ने ईडी के अधिकारियों को बताया कि उन्होंने 60 लाख रुपये का हाउसिंग लोन (आवासीय ऋण) लिया था और बाकी की राशि, लगभग 25 लाख रुपये, अपनी आय के माध्यम से भुगतान किया था। एजेंसी उनके पिता से एक और संपत्ति के बारे में भी पूछताछ करेगी।
एजेंसी ने चक्रवर्ती परिवार से पिछले पांच वर्षों का आयकर रिटर्न मांगा है।
ईडी ने 31 जुलाई को सुशांत के पिता के.के. सिंह की शिकायत पर बिहार पुलिस की प्राथमिकी के आधार पर मामला दर्ज किया था। सिंह ने आरोप लगाया कि उनके बेटे के कोटक महिंद्रा बैंक खाते से 15 करोड़ रुपये निकाले गए या ट्रांसफर किए गए।
गौरतलब है कि सुशांत 14 जून को मुंबई के बांद्रा स्थित अपने आवास पर फांसी पर लटके पाए गए थे।
नई दिल्ली, 10 अगस्त । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 2,312 किलोमीटर लंबे चेन्नई-अंडमान निकोबार द्वीप समूह सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर केबल परियोजना का उद्घाटन करेंगे। पीएम मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इसका शुभारंभ करेंगे। समुद्र के भीतर बिछी यह केबल पोर्ट ब्लेयर को स्वराज दीप (हैवलॉक), लिटिल अंडमान, कार निकोबार, कामोरता, ग्रेट निकोबार, लांग आईलैंड और रंगट को भी जोड़ेगा। इस परियोजना की आधारशिला प्रधानमंत्री ने पोर्ट ब्लेयर में दिसंबर 2018 में रखी थी और यह प्रोजेक्ट तय वक्त में पूरा हो गया है।
इस परियोजना की शुरूआत होने से अंडमान निकोबार द्वीप समूह में मोबाइल, ब्रॉडबैंड और लैंडलाइन दूरसंचार सेवाएं बेहतर और भरोसेमंद होंगी. ये सेवाएं देश के अन्य भागों की तरह होंगी। इससे वहां 4 प्रतिशत सेवाएं भी दुरुस्त होंगी। सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर केबल लिंक चेन्नई और पोर्ट ब्लेयर के बीच 2&200 गीगाबिट का बैंडविद्थ (जीबीपीएस) देगा। पोर्ट ब्लेयर और अन्य द्वीपों के बीच 2&100 जीबीपीएस देगा।
इससे इन द्वीपों पर भरोसेमंद, मजबूत और उच्च गति के दूरसंचार और ब्राडबैंड सुविधा उपलब्ध होगी, जो ग्राहकों के साथ-साथ रणनीतिक और कामकाज के दष्टिकोण से उल्लेखनीय उपलब्धि होगी। आधिकारिक बयान के अनुसार, बेहतर दूरसंचार और ब्रॉडबैंड संपर्क सुविधा से अंडमान निकोबार द्वीप क्षेत्र में पर्यटन और रोजगार सृजन को गति मिलेगी। साथ ही इससे अर्थव्यवस्था में मजबूती आएगी और लोगों का जीवन स्तर सुधरेगा। बेहतर कनेक्टिविटी से टेलीमेडिसिन और टेली-एजुकेशन को बढ़ावा मिलेगा।
अंडमान निकोबार के मुख्य सचिव चेतन सांघी ने कहा, भारत सरकार द्वारा अंडमान के लिए चेन्नई से अंडर सी केबल जो कनेक्ट हो रहा है, उसके लिए सारे अंडमान के द्वीप वासी भारत सरकार के और मुख्य रूप से प्रधानमंत्री के ह्रदय से कृतज्ञ हैं। जब वह (पीएम मोदी) दिसंबर 2018 में यहां आए थे, अंडमान में इसकी आधारशिला रखी थी और 20 साल से अंडमानवासी जो सपना देख रहे थे, वह अब पूरा होने जा रहा है।
परियोजना का क्रियान्वयन भारत संचार निगम लिमिटेड कर रही है, जबकि टेलीकम्युनिकेशंस कंसल्टेंट्स इंडिया लिमिटेड तकनीकी परामर्शदाता थी. इस परियोजना के लिए करीब 2300 किलोमीटर ओएफसी बिछाया गया है, जिसपर करीब 1,224 करोड़ रुपये की लागत आई है।
नई दिल्ली, 10 अगस्त (वार्ता)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सातवीं बार लाल किले के प्राचीर पर तिरंगा फहरायेंगे और राष्ट्र को संबोधित करेंगे , जिसके साथ ही वह सबसे अधिक बार ऐसा करने वाले पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री होंगे।
श्री मोदी ने पहली बार 2014 में लालकिले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया था और पिछले वर्ष अपनी सरकार के दूसरे कार्यकाल में छठवीं बार तिरंगा फहराकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के पहले प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी की बराबरी कर ली थी। वह इस बार श्री वाजपेयी से एक कदम आगे बढक़र सातवीं बार तिरंगा फहराएंगे।
भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के मुखिया रहे अटल बिहारी वाजपेयी 19 मार्च 1998 से 22 मई 2004 के बीच छह बार तिरंगा फहराया था। श्री वाजपेयी हालांकि 1996 में पहली बार प्रधानमंत्री बने थे लेकिन उनकी सरकार ज्यादा दिन नहीं चल पायी थी और उन्हें राष्ट्रीय ध्वज फहराने का अवसर नहीं मिल पाया था।
देश में आपातकाल को लेकर आम जनता में आक्रोश की लहर ने 1977 के आम चुनाव में तत्कालीन कांग्रेस सरकार को सत्ता से बाहर कर दिया और केंद्र में जनता पार्टी की सरकार बनी । आजादी के बाद यह पहली गैर-कांग्रेसी सरकार थी। श्री मोरारजी देसाई इस सरकार के मुखिया बने। उन्होंने दो बार 1977 और 1978 में लाल किले की प्राचीर पर तिरंगा फहराया था।
दिलचस्प तथ्य यह भी है कि ऐसी दो शख्सियतें भी रही , जो प्रधानमंत्री तो बने , लेकिन उन्हें लालकिले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराना नसीब नहीं हुआ। देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के निधन के बाद 27 मई 1964 को श्री गुलजारी लाल नंदा कुछ समय के लिए कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने। श्री लाल बहादुर शास्त्री के निधन के बाद भी वह कुछ समय के लिए कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने। इसी प्रकार श्री चंद्रशेखर 10 नवंबर 1990 को प्रधानमंत्री बने लेकिन छह महीने बाद ही कांग्रेस ने उनकी पार्टी की सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया और उन्हें 21 जून 1991 को पद से हटना पड़ा।
श्री नेहरू के बाद उनकी पुत्री श्रीमती इंदिरा गांधी 24 जनवरी 1966 से 24 मार्च 1977 तथा 14 जनवरी 1980 से 31 अक्टूबर 1984 के दौरान प्रधानमंत्री रही। इन दो अवधि में श्रीमती गांधी ने 16 बार राष्ट्रीय ध्वज फहराया। तीसरे नंबर पर डॉ मनमोहन सिंह है जिन्होंने 10 बार लालकिले पर तिरंगा फहराया। वह 22 मई 2004 से 26 मई 2014 तक प्रधानमंत्री रहे।
श्री राजीव गांधी और तेलुगु क्षत्रप एवं देश में आर्थिक सुधारों के प्रणेता रहे पामुलपति वेंकटपति नरसिम्हा राव ने पांच-पांच दफे लाल किले की प्राचीर पर तिरंगा फहराया और देश को संबोधित किया। राजीव गांधी 31 अक्टूबर 1984 से एक दिसंबर 1989 तक प्रधानमंत्री रहे जबकि श्री राव का कार्यकाल 21 जून 1991 से 10 मई 1996 तक रहा। देश में एक ईमानदार शासक की छवि के प्रतीक लालबहादुर शास्त्री नौ जून 1964 से 11 जनवरी 1966 तक प्रधानमंत्री रहे और दो बार तिरंगा फहराया।
श्रीनगर, 10 अगस्त (आईएएनएस) पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल, जो नौकरशाह से राजनेता बने, उनके प्रशासन में वापस शामिल होने की संभावना है। दरअसल अधिकारियों ने उन्हें अवगत कराया है कि उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है। यह जानकारी शीर्ष अधिकारियों ने दी।
दिलचस्प बात तो यह है कि फैसल द्वारा इस्तीफा देने और जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट (जेकेपीएम) नामक एक राजनीतिक पार्टी बनाने के बावजूद उनका नाम सरकार के आधिकारिक वेबसाइट पर से जम्मू एवं कश्मीर के कैडर आईएएस की सूची से नहीं हटाया गया।
कुछ खबरों के अनुसार, फैसल के अपने ट्विटर हैंडल से राजनीतिक बायो को हटाकर वापस प्रशासन सेवा में शामिल होने की संभावना जताई है।
उन्होंने अपने ट्विटर बायो पर रविवार शाम को लिखा, "एडवर्ड एस फेलो, एचकेएस हार्वर्ड यूनिवर्सिटी, मेडिको। फुलब्राइट। सेंटट्रिस्ट।"
इससे यह साफ नजर आता है कि उन्होंने जेकेपीएम के संस्थापक के रूप में अपने राजनीतिक बायो हटा दिया है।
गौरतलब है कि उन्होंने साल 2010 की सिविल सेवा परीक्षा में टॉप किया था और उन्हें आईएएस का होम कैडर आवंटित किया गया था।
एक ईमानदार अधिकारी के रूप में लोकप्रिय फैसल के शुभचिंतकों ने उन्हें साल 2018 में राजनीति में शामिल होने के लिए इस्तीफा देने पर आगाह किया था कि हो सकता है राजनीति उन्हें रास न आए।
वहीं सूत्रों का यह भी कहना है कि सरकार ने हाल ही में उन्हें यह महसूस कराया कि उनके सिविल सेवा में वापस शामिल होने से 'उन्हें कोई ऐतराज नहीं' है।
यदि वह वापस प्रशासन सेवा में शामिल होने का विकल्प चुनते हैं, तो वह जम्मू और कश्मीर में सबसे कम राजनीतिक कैरियर के लिए एक और रिकॉर्ड बनाएंगे।
उन्होंने जेकेपीएम की स्थापना 2019 की शुरुआत में काफी धूमधाम से की थी।
इंदौर, 10 अगस्त (आईएएनएस)| कांग्रेस की मध्यप्रदेश इकाई के मीडिया विभाग के अध्यक्ष और विधायक जीतू पटवारी को कथित तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर से छेड़छाड़ करना महंगा पड़ गया। भाजपा की ओर से इंदौर में पुलिस से इस मामले में शिकायत की गई, जिस पर पुलिस ने पटवारी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। कांग्रेस ने पुलिस कार्रवाई को लेकर भाजपा पर हमला बोला है।
कांग्रेस के विधायक जीते पटवारी ने शनिवार को अपने ट्विटर हैंडिल पर कथित तौर पर प्रधानमंत्री मोदी की एक तस्वीर को साझा की। यह तस्वीर तो थी अयोध्या में राममंदिर भूमि पूजन की, मगर उससे छेड़छाड़ की गई थी। इसी बात पर इंदौर के भाजपा नेताओं ने शनिवार की देर रात को पुलिस उप महानिरीक्षक हरिनारायण चारी मिश्रा को एक शिकायती आवेदन देकर मामला दर्ज करने की मांग की।
डीआईजी हरिनारायण चारी मिश्रा का कहना है कि भाजपा नेताओं ने आवेदन देकर आईटी के तहत मामला दर्ज करने की मांग की है। इस आवेदन पर जांच कराने के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। इस आवेदन में कहा गया है कि तस्वीर को तोड़मरोड़ कर पेश किया गया और अमर्यादित टिप्पणी की गई थी।
हालांकि पटवारी ने देर रात को अपने ट्विटर हैंडिल से शनिवार को दिन में किए गए ट्वीट को हटा लिया है।
छत्रीपुरा थाने ने रविवार को भाजपा नेताओं की शिकायत पर पटवारी के खिलाफ धारा 188 और 464 के तहत मामला दर्ज किया है।
भाजपा के मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर ने पुलिस की प्राथमिकी दर्ज किए जाने की प्रति साझा करते हुए ट्वीट किया है, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ सोशल मीडिया पर लगातार फर्जी पोस्ट करने वाले पूर्व मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ के सिपहसालार जीतू पटवारी पर एफआईआर दर्ज।"
वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने भाजपा को आड़े हाथ लेते हुए कहा है, "मैं पहले भी यह कह चुका हूं और आज फिर दोहरा रहा हूं, भाजपा प्रदेश में निरंतर गलत परंपराओं को जन्म दे रही है। राजनीतिक बदलेबाजी, दबाव-दुर्भावना की राजनीति व द्वेष भावना से काम कर रही है। भाजपा जनता का विश्वास खो चुकी है, इसलिए बौखलाहट में यह सब कर रही है। मैं भाजपा सरकार को खुली चेतावनी देता हूं कि वो इस कुत्सित व घृणित राजनीति से बाज आए, अन्यथा हमें सड़कों पर उतरना पड़ेगा, भाजपा सरकार की इस दमनकारी सोच का मुंहतोड़ जवाब देना पड़ेगा।"
नई दिल्ली, 10 अगस्त (आईएएनएस)| देश में चीन विरोधी भावना के बीच टिकटॉक के विकल्प के तौर पर प्रमुखता से उभरकर सामने आई स्वदेशी शॉर्ट वीडियो-शेयरिंग एप चिंगारी ने करीब 10 करोड़ रुपये का फंड जुटाया है। चिंगारी को यह फंडिंग सीड राउंड में मिली है, जिसमें एजेंललिस्ट इंडिया, उत्सव सोमानी की आईसिड, विलेज ग्लोबल, लॉगएक्स वेंचर और नाउफ्लॉट्स के जसमिंदर सिंह गुलाटी जैसे निवेशक शामिल हैं।
कंपनी ने रविवार को एक बयान में कहा कि प्रमुख तौर पर इस फंड का इस्तेमाल नई भर्ती और उत्पाद विकास (प्रोडक्ट डेवलपमेंट) के लिए किया जाएगा। चिंगारी एप अब अपने प्लेटफॉर्म की पहुंच को बढ़ाने और इसे उपभोक्ता केंद्रित बनाने पर जोर दे रही है।
चिंगारी एप के सह-संस्थापक एवं सीईओ सुमित घोष ने कहा, "हमें खुशी है कि निवेशकों ने हमारे काम को सराहा और चिंगारी की इस यात्रा में साथ चलने का फैसला किया।"
चिंगारी एप ने कहा कि उसके पास 2.5 करोड़ उपयोगकर्ता (यूजर्स) का आधार है और इनमें से 30 लाख लोग ऐसे हैं जो इसके सक्रिय (एक्टिव) उपयोगकर्ता हैं और वह दैनिक तौर पर एक्टिव रहते हैं।
एजेंललिस्ट इंडिया के उत्सव सोमानी ने एक बयान में कहा, "सुमित और टीम चिंगारी ने दिखाया है कि किसी उत्पाद के फीचर को कैसे लोकप्रिय बनाया है जाता है। ऐसा मैंने पहले कभी नहीं देखा है।"
उन्होंने कहा कि वो सभी चैनल्स के जरिए अपने यूजर्स को सुनते हैं, ताकि उनके लिए सर्वश्रेष्ठ शॉर्ट वीडियो कॉन्टेन्ट का अनुभव प्रदान किया जा सके।
नई दिल्ली, 9 अगस्त (आईएएनएस)| इंग्लैंड का ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और दिल्ली स्थित जामिया मिलिया इस्लामिया एक साथ संयुक्त मंच पर आएंगे। ऑक्सफोर्ड और जामिया के शिक्षक के बीच विचारों का यह आदान-प्रदान डिजिटल मंच पर होगा। इंग्लैंड और भारत के विशेषज्ञ इस दौरान महात्मा गांधी के विचारों पर चिंतन एवं चर्चा करेंगे। यह साझा डिजिटल चिंतन एवं चर्चा महात्मा गांधी का 150वां जन्मवर्ष मनाने की दिशा में एक पहल है। इसके लिए जामिया इंग्लैंड की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर एक अंतर्राष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन करने जा रहा है। यह वेबीनार मंगलवार शाम को आयोजित किया जाएगा। वेबीनार में महात्मा गांधी के विचारों एवं उनके दर्शन पर चर्चा होगी।
जामिया विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा, "भारत की ओर से केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' इस कार्यक्रम में शरीक होंगे। वहीं ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर फैजल देवजी इस वेबीनार के दौरान महात्मा गांधी द्वारा दिए गए अहिंसा के सिद्धांत और 'जियोग्राफी ऑफ नॉन वायलेंस' पर अपनी बात रखेंगे।"
गौरतलब है कि इस वर्ष जामिया मिल्लिया इस्लामिया की इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी फैकल्टी ने स्मार्ट इंडिया हैकथॉन 2020 प्रतियोगिता भी जीती है। जामिया की 'टीम मॉन्क्स' इसने इस प्रतियोगिता में बिहार सरकार द्वारा दी गई प्रॉब्लम का समाधान ढूंढा। इस साल, केंद्र सरकार के 37 विभागों, 17 राज्य सरकारों और 20 उद्योगों की 243 समस्याओं को हल करने के लिए 10,000 से अधिक छात्र स्मार्ट इंडिया हैकथॉन में शामिल हुए थे।
राष्ट्रीय स्तर की यह प्रतियोगिता भारत सरकार के केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित की गई थी। जामिया के 'सॉफ्टवेयर एडिशन इन प्रॉब्लम स्टेटमेंट एनएस 275' में यह जीत दर्ज की। टीम ने 1 लाख रुपये का इनाम भी प्राप्त किया है।
टीम मॉन्क्स ने एक ऐसे सिस्टम का निर्माण किया, जिससे कृषि क्षेत्र को 6 अलग-अलग वर्गों में भूमि के उपयोग के बारे में बताया जा सके और अगले साल फसल कैसी होगी, इसकी भी भविष्यवाणी करने में मदद की जा सके। इससे सरकार को कम बारिश या बाढ़ की समस्याओं की आशंकाओं का पहले से ही पता चल सकेगा।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के इनोवेशन सेल और ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन का आयोजन कुछ निजी संगठनों के साथ मिलकर करते हैं। यह एक राष्ट्रव्यापी पहल है, जो छात्रों को हमारे दैनिक जीवन में आने वाली समस्याओं को हल करने के लिए एक मंच प्रदान करता है।
नई दिल्ली, 10 अगस्त (आईएएनएस)| सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अयोध्या में मिली 5 एकड़ जमीन पर सुन्नी वक्फ बोर्ड ने बाबरी नाम से किसी मस्जिद के निर्माण की बात को खारिज कर दिया है। इस बीच विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने सुन्नी वक्फ बोर्ड को 2010 में हुए हरिद्वार कुंभ के संत सम्मेलन का प्रस्ताव याद कराते हुए कहा कि संगठन कभी देश में विदेशी आक्रांताओं की निशानी बनने भी नहीं देगा। विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने आईएएनएस से कहा, "हरिद्वार में 2010 के कुंभ के दौरान हुए संत सम्मेलन में जारी प्रस्ताव में कहा गया था कि देश में किसी भी स्थान पर बाबरी नाम से कोई मस्जिद नहीं बनने दी जाएगी। अयोध्या का आंदोलन सिर्फ राम मंदिर तक सीमित नहीं था, बल्कि यह बाबरवादी सोच और विदेशी आक्रांताओं की निशानियों के खिलाफ जंग थी। सुन्नी वक्फ बोर्ड का फैसला सही है। लेकिन, याद रखें कि संगठन किसी विदेशी आक्रांता के नाम पर निर्माण बर्दाश्त नहीं करेगा।"
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अयोध्या के पास रौनाही के धन्नीपुर गांव में मस्जिद के लिए सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ जमीन मिली है। हाल में सोशल मीडिया पर चर्चा उड़ी कि यहां पर बाबर के नाम से नई मस्जिद बनाने की तैयारी है, जिस पर सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से गठित ट्रस्ट इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ने बाबर के नाम से मस्जिद बनने की बातों को अफवाह करार दिया है।
बेंगलुरु, 10 अगस्त (आईएएनएस)| कर्नाटक में कोरोना संक्रमण के 5,985 नए मामले सामने आने के साथ राज्य में सक्रिय मामले रविवार को 80,000 के करीब पहुंच गए। यह जानकारी स्वास्थ्य अधिकारियों ने दी। अधिकारियों ने बताया कि नए मामले जुड़ने के साथ राज्य में सक्रिय मरीजों की संख्या 80,973 हो गई और संक्रमितों की कुल संख्या 1.78 लाख तक पहुंच गई।
राजधानी बेंगलुरु में संक्रमितों की संख्या 74,185 तक जा पहुंची, जिनमें से 33,815 सक्रिय मरीज हैं।
इस बीच, वायरस से और 107 लोगों की मौत हो गई, जिसके साथ राज्य में कोरोना से मौतों का आंकड़ा 3,198 हो गया।
राहत की बात यह है कि और 4,670 मरीज डिस्चार्ज किए गए, जिससे संक्रमण मुक्त होने वालों की कुल संख्या 93,908 हो गई।
राज्य में 1.78 लाख मरीजों में से 80,973 सक्रिय हैं और 678 विभिन्न अस्पतालों के आईसीयू में भर्ती हैं।
एटा (उत्तर प्रदेश), 9 अगस्त (आईएएनएस) । उत्तर प्रदेश के एटा जिले के जलेसर कस्बे में कारीगरों की एक टीम अयोध्या में नए राम मंदिर के लिए 2,100 किलोग्राम वजन की घंटा बना रही है। घंटी को अयोध्या भेजने से पहले अभी अंतिम रूप दिया जा रहा है।
50 वर्षीय दाऊ दयाल और 56 वर्षीय इकबाल मिस्त्री इस 'अष्टधातु' के घंटे की डिजाइनिंग, ग्राइंडिंग और पॉलिशिंग समेत सभी कार्यों के प्रभारी हैं। उन्होंने बताया कि जीवन में पहले बार उन्होंने इतने बड़े आकार का घंटा बनाया है।
दाऊ दयाल ने कहा, "इस घंटे की खास बात यह है कि यह एक ही टुकड़ा है, इसमें कहीं भी टुकड़े जोड़कर वेल्डिंग नहीं की गई है। इसके कारण इसे बनाना कठिन था। कई लम्बे चरण के साथ इस घंटे की ढलाई की गई। मोल्ड में धातु डालने के लिए क्रेन का इस्तेमाल किया गया था।'"
'अष्टधातु' के इस घंटे में - सोना, चांदी, तांबा, जस्ता, सीसा, टिन, लोहा और पारा का संयोजन है।
देश के 'सबसे बड़ी घंटों' में शुमार इस घंटे को बनाने के लिए हिंदुओं और मुसलमानों की 25 कारीगरों की टीम ने एक महीने तक हर दिन 8 घंटे काम किया है।
जलेसर नगर परिषद के अध्यक्ष और इस वर्कशॉप के मालिक विकास मित्तल ने कहा, "यह घंटा राम मंदिर को दान किया जाएगा।"
वहीं विकास के भाई आदित्य मित्तल कहते हैं, "हमारा मानना है कि कुछ दैवीय कारणों के चलते यह काम हमारे पास आया। इसीलिए हमने इस घंटे को मंदिर को दान करने का फैसला किया है।"
घंटे की लागत 21 लाख रुपये आई है और इसे बनाने की प्रारंभिक योजना से लेकर बनकर तैयार होने तक में 4 महीने का समय लगा।
बता दें कि मित्तल को यह घंटा तैयार करने का आदेश निर्मोही अखाड़े से मिला था, जो कि कोर्ट में चले अयोध्या विवाद में एक वादी था।
जयपुर, 9 अगस्त (एजेंसी )| राजस्थान के जोधपुर में दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. यहां लोड़ता हरिदासोता गांव के पास एक साथ 11 शव मिलने से हड़कंप है. इन में चार महिलाओं, दो बच्चों और 5 पुरुष शामिल है. मौके से सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है.
ये सभी मृतक लोग एक ही कमरे में सो रहे थे.
ये 11 लोग पाकिस्तानी शरणार्थी बताए जा रहे हैं. ये सभी यहां खेती का काम करते थे.
पुलिस ने कहा, "11 लोग मृत पाए गए, जबकि एक जीवित था। हालांकि, उसे घटना के बारे में कोई जानकारी नहीं है। उसने दावा किया कि वह बाहर सो रहा था और पता नहीं क्या हुआ था। उसने कहा कि जब वह अपने घर के अंदर गया, तो उसने अपने परिवार के सदस्यों के शव देखे और मदद के लिए चिल्लाया।"
जिला पुलिस अधीक्षक (जोधपुर ग्रामीण) राहुल बरूथ और अन्य अधिकारी घटना स्थल पर थे और जांच कर रहे थे। पुलिस ने घर और उसके आसपास के इलाके को सील कर दिया है।
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि वे जांच करने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या मरने वालों ने जहर खाया था, या जहरीली गैस का रिसाव हुआ था, या कहीं उनकी हत्या तो नहीं कर दी गई।
नई दिल्ली, 9 अगस्त (आईएएनएस)| रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा 101 रक्षा उपकरणों के आयात पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा के बाद वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने रविवार को उन पर कटाक्ष करते हुए उनकी घोषणा को 'फुसफुसाहट' करार दिया। चिदंबरम ने एक बयान में कहा, "रक्षा मंत्री ने रविवार सुबह एक 'धमाके' का वादा किया, जो 'फुसफुसाहट' के साथ खत्म हो गया!"
इससे पहले दिन में राजनाथ ने कहा, "रक्षा मंत्रालय अब आत्मनिर्भर भारत की पहल में एक बड़ा योगदान देने के लिए तैयार है। मंत्रालय ने रक्षा उपकरणों के उत्पादन में स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने के लिए 101 उपकरणों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है।"
चिदंबरम ने बताया कि भारत में रक्षा उपकरणों का एकमात्र आयातक रक्षा मंत्रालय है। उन्होंने कहा, "किसी भी आयात पर रोक वास्तव में खुद पर रोक है। रक्षा मंत्री ने अपनी रविवार की ऐतिहासिक घोषणा में जो कहा वह केवल एक कार्यालयीन आदेश था।"
कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि 'इम्पोर्ट एम्बार्गो' (आयात पर रोक) केवल 'शब्दजाल' है। इसका मतलब यह है कि हम 2 से 4 साल में वही उपकरण (जो हम आज आयात करते हैं) बनाने की कोशिश करेंगे और उसके बाद उनका आयात करना बंद कर देंगे!"
बता दें कि 101 उपकरणों की सूची में न केवल आसान उपकरण, बल्कि आर्टिलरी गन, असॉल्ट राइफल, सोनार सिस्टम, परिवहन विमान, हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर और रडार जैसे हाई टेक हथियार और सिस्टम भी शामिल हैं।
लखनऊ, 9 अगस्त (आईएएनएस)| माफिया डॉन से राजनेता बने मुख्तार अंसारी का करीबी सहयोगी और खूंखार शूटर राकेश पांडे को रविवार सुबह उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की एक टीम ने लखनऊ के बाहरी इलाके में मार गिराया है। अधिकारियों ने बताया कि शूटर राकेश पांडे उर्फ हनुमान पांडे पर 1 लाख रुपये का इनाम था।
एसटीएफ के आईजी अमिताभ यश ने कहा कि जब पांडे अपने एक साथी से मिलने के लिए सरोजनीनगर पुलिस थाने की सीमा के एक इलाके में गया तो वहां एसटीएफ ने उसे गिरफ्तार करने की कोशिश की। इसी दौरान हुई जवाबी फायरिंग में पांडे को गोली लगी।
पुलिस ने कहा कि पांडे पिछले 23 वर्षों में अंसारी के गिरोह द्वारा की गई कई हत्याओं और गोलीबारी की घटनाओं में शामिल था। उस पर भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या की साजिश रचने का भी आरोप था, जिनकी 2005 में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। लेकिन पांडे को अधीनस्थ अदालत में मुकदमे के बाद बरी कर दिया गया था।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि पांडे के खिलाफ 1993 और 2010 के बीच कम से कम 10 आपराधिक मामले दर्ज हुए थे और अपराधी पिछले 10 वर्षों से फरार था।
आईजी ने कहा कि पुलिस पिछले कई महीनों से उसे लगातार ट्रैक करने की कोशिश कर रही थी।