राष्ट्रीय
गुरुग्राम, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)| हरियाणा के गुरुग्राम में 36 साल उम्र की एक महिला ने एक हवलदार पर दुष्कर्म करने और धमकाने का आरोप लगाया है। महिला ने गुरुग्राम के हवलदार के खिलाफ दिल्ली पुलिस में मामला दर्ज करवाया है।
द्वारका पुलिस थाने में धारा 376 और 506 के तहत दर्ज एफआईआर के मुताबिक, महिला दिल्ली के उत्तम नगर की रहने वाली है। वह दिल्ली के एक प्राइवेट बैंक में काम करती है।
दर्ज शिकायत में महिला ने कहा है कि वह साल 2017 में हरियाणा के रोहतक निवासी हवलदार सुधीर के संपर्क में आई थी। दोस्ती होने के कुछ दिनों बाद सुधीर उसे सेक्टर-39 के एक होटल में ले गया, और वहां उसके साथ दुष्कर्म किया।
महिला का कहना है कि उस दिन के बाद हवलदार ने उसे धमकाकर कई मौकों पर उसके साथ दुष्कर्म किया।
हवलदार सुधीर इस समय गुरुग्राम के नगर थाने में पदस्थ है। उसने आरोपों को झूठा करार दिया है।
मुंबई, 3 अक्टूबर (आईएएनएस)| अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की फोरेंसिक टीम ने संकेत दिया है कि दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत ने आत्महत्या की थी। एम्स की रिपोर्ट सामने आने के बाद सुशांत मामले में शुरूआत से मुखर रहीं बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत ने ट्वीट करते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी है। कंगना ने ट्वीट करते हुए लिखा, "एक युवा और असाधारण व्यक्ति एक दिन उठता है और खुद को मार लेता है। सुशांत ने कहा था कि उसके साथ बदतमीजी की जा रही है और उसकी जान को खतरा है। उसने कहा था कि मूवी माफिया ने उसे बैन कर दिया है और परेशान किया है। उस पर दुष्कर्म का झूठा आरोप लगाकर मानसिक रूप से प्रभावित किया गया था। हैशटैग एम्स"
कंगना ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, "हमें हालिया प्रगति (लेटेस्ट प्रोग्रेस) के साथ कुछ सवालों के जवाब चाहिए। 1. सुशांत सिंह राजपूत ने बड़े प्रोडक्शन हाउसेज के द्वारा खुद को बैन करने की बात कई बार कही। ये कौन लोग हैं, जिन्होंने उनके खिलाफ साजिश रची? 2. मीडिया ने उनके दुष्कर्मी (रेपिस्ट) होने की झूठी खबर क्यों फैलाई? 3. महेश भट्ट अपना मनोविश्लेषण क्यों कर रहे थे?"
कंगना की प्रतिक्रिया उस दिन आई है, जब एम्स ने हत्या की थ्योरी को दरकिनार करते हुए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को दी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 14 जून को सुशांत की मौत का कारण आत्महत्या ही है।
अभिनेत्री ने शनिवार को कुछ और ट्वीट करते हुए यह भी आरोप लगाए कि सुशांत को फिल्म उद्योग से बाहर किया जा रहा था। इस दौरान उन्होंने सुशांत को फिल्मों में न लेने को लेकर बॉलीवुड के बड़े बैनर यशराज फिल्म्स पर भी जमकर निशाना साधा।
भारत में किसान विरोधी बिलों के खिलाफ लोगों की नाराजगी का फायदा उठाने की कोशिश में अलगाववादी समूह सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) ने रविवार को किसान रैली के दौरान पंजाब-हरियाणा सीमा पर शंभू टोल प्लाजा पर खालिस्तान का झंडा फहराने वाले को 10,000 डॉलर का इनाम देने की घोषणा की है। अमेरिका स्थित एसएफजे के जनरल काउंसल गुरवंत सिंह पन्नून ने भारत से अलगाव के एजेंडे के तौर पर शंभू बॉर्डर पर खालिस्तान का झंडा बुलंद करने का आह्वान किया है।
एजेंसियों ने इसे लेकर पंजाब और हरियाणा पुलिस को आगाह किया है। एजेंसियों ने सूचित किया कि शंभू सीमा पर किसानों की रैली के दौरान, एसएफजे के जनमत संग्रह अधिकारी संगठन के 'रेफरेंडम 2020' एजेंडे के लिए वोट रजिस्टर करने की कोशिश करेंगे और किसानों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कृषि सुधार बिलों के स्थायी समाधान के बारे में शिक्षित करने के लिए साहित्य वितरित करेंगे।
पंजाब-हरियाणा इंटरस्टेट बॉर्डर पर स्थित पंजाब के पटियाला जिले का शंभू गांव क्षेत्र में किसानों के विरोध का एक प्रमुख केंद्र बन गया है। गुरुवार को यहां 31 किसान संगठनों ने अनिश्चित काल के लिए नई दिल्ली-राजपुरा लाइन पर रेलवे पटरियों की घेराबंदी कर दी है। गांव में 23 सितंबर से कृषि विधेयकों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहा है। पता चला है कि किसानों ने रविवार को शंभू बॉर्डर पर एक रैली की योजना बनाई है।
इससे पहले 25 सितंबर को पंजाब बंद के आह्वान के हिस्से के रूप में सामाजिक संगठनों और पंजाबी कलाकारों के साथ हजारों किसानों ने गांव में विरोध प्रदर्शन किया। दिनभर राष्ट्रीय राजमार्ग को बंद रखा और केंद्र सरकार से कृषि बिलों को वापस लेने और उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देने की मांग की। इन बिलों के विरोध में कांग्रेस ने भी 3 अक्टूबर से 5 अक्टूबर तक ट्रैक्टर रैली के आयोजन का ऐलान किया है।
इस बीच एसएफजे इस मौके को भुनाने की कोशिश में लगा है और 1-8 अक्टूबर तक कृषि ऋण भुगतान में चूक करने वालों के बीच 10 लाख डॉलर बांटने के लिए पंजाब और हरियाणा के किसानों से आवेदन और डेटा एकत्र कर रहा है। इससे पहले समूह ने घोषणा की थी कि 1 अक्टूबर से 8 अक्टूबर तक कोई भी किसान खालिस्तान रेफरेंडम 2020 के लिए 25 वोट रजिस्टर कर सकता है और अपने कृषि ऋणों को चुकाने के लिए सहायता के रूप में 5,000 रुपये का अनुदान प्राप्त कर सकता है।
सुरक्षा एजेंसियों ने एसएफजे द्वारा नवीनतम प्रस्ताव पर इनपुट प्राप्त किए हैं। मोदी सरकार की भूमि हड़पने की नीति को 'ब्रिटिश राज' के रूप में दर्शाते हुए, एसएफजे ने पंजाब और हरियाणा के किसानों के बीच 10 लाख डॉलर वितरित करने के लिए ब्रिटिश साइबर स्पेस में एक समर्पित पोर्टल लॉन्च किया है, जो कृषि ऋण भुगतान में चूक रहे संकटग्रस्त किसानों को दिया जाएगा। किसान 8 अक्टूबर तक मासिक अनुदान के लिए आवेदन कर सकते हैं।
गुरपतवंत सिंह पन्नून ने हाल ही में कहा था कि यह सिर्फ मोदी की बीजेपी ही नहीं, बल्कि कांग्रेस, आप और एसएडी (बादल) भी किसानों को कॉर्पोरेट से जुड़े लोगों के चंगुल में फेंकने में उतनी ही उलझी हुई हैं।" ब्रिटिश पोर्टल 'डब्लयूडब्लयूडबल्यूडॉटखालिस्तान4फार्मर्सडॉटयूके' के माध्यम से, समूह ने पंजाब और हरियाणा के उन किसानों से 5,000 रुपये मासिक अनुदान के लिए आवेदन भी मांगे हैं, जिनके पास 5 एकड़ से कम जमीन है और वे अपने कृषि ऋण पर चूक कर चुके हैं।
एसएफजे के ब्रिटेन के समन्वयकों परमजीत सिंह पम्मा और दुपिंदरजीत सिंह ने आरोप लगाया कि पिछले 90 दिनों के दौरान पंजाब के 221 से अधिक किसानों ने कृषि ऋणों के बढ़ते दबाव और नए फार्म बिलों के तहत निगमों द्वारा अपनी जमीन लेने के खतरे के कारण आत्महत्या कर ली है।एसएफजे ने पहले इस साल नवंबर में 'रेफरेंडम -2020' अभियान आयोजित करने की घोषणा की थी। सितंबर की शुरुआत में समूह ने पंजाब के किसानों को भारत-विरोधी 2020 रेफरेंडम-2020 से पहले उन्हें लुभाने के लिए मासिक आधार पर 3,500 रुपये की पेशकश की थी।
एसएफजे की भारत विरोधी गतिविधियों के बारे में राष्ट्रीय जांच एजेंसी की सिफारिश के आधार पर, गृह मंत्रालय ने सितंबर की शुरुआत में संगठन के प्रमुख नेताओं- गुरपतवंत सिंह पन्नून और हरदीप सिंह निज्जर की संपत्तियों की कुर्की के आदेश दिए थे। पन्नून एसएफजे का जनरल काउंसलर है, जबकि निज्जर 'रेफरेंडम 2020' कनाडा का समन्वयक है।(navjivan)
पटना, 3 अक्टूबर (आईएएनएस)| बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर शनिवार को विपक्षी दलों के महागठबंधन द्वारा आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में जमकर हंगामा हुआ। सीट बंटवारे से असंतुष्ट विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख मुकेश सहनी प्रेस कांफ्रेंस छोड़कर चले गए। इसके बाद उसके समर्थकों ने जमकर हंगामा किया। मुकेश सहनी ने कहा, "मेरी पीठ में खंजर घोंपा गया है। मुझे 20 से 25 सीटें देने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन यहां धोखा दिया गया है।"
उन्होंने महागठबंधन छोड़ने की घोषणा करते हुए प्रेस कांफ्रेंस से बाहर हो गए।
इससे पहले, राजद नेता तेजस्वी ने सीट बंटवारे की जानकारी देते हुए कहा कि राष्ट्रीय जनता दल के हिस्से 144 सीटें हैं, जिनमें से विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) को भी सीटें दी जाएंगी। इसके अलावा कांग्रेस 70 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए तेजस्वी ने महागठबंधन को एक मजबूत विकल्प बताते हुए कहा, "हमलोगों ने साथ आकर एक मजबूत विकल्प रखा है। हम कांग्रेस और वामपंथी दलों के वरिष्ठ नेताओं के प्रति आभार जताते हैं।"
उन्होंने बिहार के लोगों से वादा करते हुए कहा, "अगर यहां के लोग मौका देंगे तो हम सभी वादे पूरा करेंगे। बिहार को तरक्की के रास्ते पर ले जाएंगे।"
तेजस्वी ने कहा कि राजद के हिस्से में 144 सीटें आई हैं। उन्होंने बताया कि वीआईपी और झामुमो के नेताओं से बात हो रही है, राजद के हिस्से की सीट से उन्हें सीट दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस को 70 सीटें दी गई हैं। इसके अलावा, वाल्मीकिनगर लोकसभा क्षेत्र के लिए होने वाले उपचुनाव में भी महागठबंधन की ओर से कांग्रेस के प्रत्याशी को मैदान में उतारा जाएगा।
उन्होंने बताया कि भाकपा (माले) के हिस्से में 19 सीटें आई हैं, जबकि माकपा को 4 और भाकपा को 6 सीटें दी गई हैं।
इस संवाददाता सम्मेलन में राजद के तेजस्वी यादव, सांसद मनोज झा, तेजप्रताप यादव, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अविनाश पांडेय, सदानंद सिंह, वीआईपी के मुकेश सहनी और वामपंथी दलों के कई नेता मौजूद रहे।
उल्लखनीय है कि इससे पहले राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी (रालोसपा) और हिंदुस्तान अवाम मोर्चा (हम) भी महागठबंधन के घटक दलों में शामिल थे, लेकिन अब वे महागठबंधन छोड़ चुके हैं।
पटना, 3 अक्टूबर | बिहार चुनाव को लेकर महागठबंधन में सीट शेयरिंग का फॉर्म्युला फाइनल हो गया है। शनिवार को आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने सीट बंटवारे की जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि बिहार चुनाव में आरजेडी 144 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। कांग्रेस को 70 सीटें दी गई हैं। साथ ही पार्टी वाल्मीकिनगर लोकसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में उम्मीदवार उतारेगी। सीपीएम को 4 सीटें, सीपीआई को 6, सीपीआई माले को 19 सीटें दी गई हैं। हेमंत सोरेन की जेएमएम और वीआईपी को आरजेडी अपने कोटे से सीट देगी। इसी बीच सीट शेयरिंग से नाराज मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी के कार्यकर्ताओं ने टिकट बंटवारे को लेकर हंगामा किया है। उन्होंने तेजस्वी यादव मुर्दाबाद के नारे भी लगाए। 25 सीटों की मांग के साथ वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस का बहिष्कार किया और उठकर बाहर चले गए।
सीट बंटवारे से नाराज VIP चीफ, कहा- तेजस्वी के डीएनए में खोट
सीट बंटवारे से नाराज वीआईपी पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी ने कहा कि महागठबंधन के डीएनए में खोट है। दिनभर राबड़ी आवास पर बैठने के बाद उनसे यह वादा किया गया था कि 25 सीटें और उपमुख्यमंत्री पद ऑफर किया जाएगा लेकिन प्रेस कॉन्फ्रेंस में तेजस्वी ने उनकी पीठ में खंजर भोंका है। मुकेश सहनी के मंच छोड़ते ही नाराज कार्यकर्ताओं ने जमकर की नारेबाजी। समर्थकों ने लगाए तेजस्वी यादव मुर्दाबाद के नारे।
तेजस्वी ने कहा- सभी धर्मजात के लोगों को साथ लेकर चलेंगे
तेजस्वी यादव ने कहा कि सभी धर्म जात के लोगों को साथ लेकर चलेंगे। तरक्की की राह पर चलेंगे। जो लोग 15 साल में रोजगार नहीं दे पाए उन्होंने लॉकडाउन में बेरोजगारों और लाचारों का अपमान किया। उनपर लाठी बरसाई। चिट्ठी जारी कर उनके घर आने पर पाबंदी लगा दी। हर चार घंटे में बिहार में एक रेप होता है, हर पांच घंटे में एक हत्या होती है। हम ठेठ बिहारी हैं, जो वादा करते हैं उसको पूरा करते हैं। मेरा डीएनए भी काफी शुद्ध है। जब पानी एक जगह जम जाता है उससे जो बीमारी फैलती है वही हालत मौजूदा सरकार की है। बिहार को नदी के बहते जल की तरह विकल्प चाहिए।
वादा करता हूं मैं सभी के वादे पर खरा उतरूंगा: तेजस्वी
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि मैं खास तौर से सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी, सीताराम येचुरी का धन्यवाद कहना चाहूंगा कि हम लोगों ने बिहार की जनता के सामने एक सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्ष विकल्प दिया है। इन सभी नेताओं ने जिस तरह से मुझ पर भरोसा रखा है मैं वादा करता हूं कि मैं सभी के वादे पर खरा उतरूंगा। बिहार की जनता बदहाल है, परेशान है, बेरोजगार है। बिहार की डबल ईंजन सरकार आईसीयू में है। ये लोग 15 साल में बिहार में एक कारखाना नहीं लगा पाए, बेरोजगारी नहीं दूर कर पाए। इन लोगों ने सिर्फ लोगों पर डंडे बरसाने का काम किया है। किसानों के शोषण करने का काम किया है, सही मायने में नीतीश कुमार ने यह काम 2006 में किया था। सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर के बाद भी रोजगार नहीं दे पाए। बिहार की जनता से इतना ही कहना चाहूंगा कि अगर मौका मिला तो बिहार की जनता के मान सम्मान की रक्षा करूंगा।
बिहार में बदलाव के लिए बनाया गया मजबूत गठबंधन: कांग्रेस
कांग्रेस नेता अविनाश पांडेय ने कहा कि काफी सोच विचार करके बिहार में बदलाव के लिए एक मजबूत गठबंधन बनाया गया है। बिहार के विकास के लिए एक मंच पर आने का निर्णय लिया गया है। कांग्रेस नेता ने कहा कि बिहार की जनता ने 2015 में नरेंद्र मोदी और बीजेपी के खिलाफ अपना मत दिया था। लेकिन, नीतीश कुमार जनमत को धोखा देकर फिर बीजेपी के साथ सत्ता में आसीन हो गए। बिहार की जनता उन्हें माफ नहीं करेगी। नरेंद्र मोदी सरकार किसानों के साथ छल कर रही है। बिहार एक युवा प्रदेश में जहां युवाओं की संख्या अधिक है, तेजस्वी यादव युवा चेहरा हैं। लालू यादव के पुत्र तेजस्वी यादव गरीब के पुत्र और संघर्षशील नेता के रूप में जाने जाते हैं।
कांग्रेस नेता अविनाश पांडेय ने कहा कि आरजेडी काफी समय से यूपीए और कांग्रेस के अच्छे बुरे दिनों में साथ रहा है। नीतीश कुमार के तथाकथित सुशासन की सरकार में बिहार की जनता को पिछले 15 साल से सिर्फ मायूसी हासिल हुई। बिहार में बेरोजगारी पहले नंबर पर है। बिहार में रोजगार नहीं मिलने की वजह से हिंदुस्तान के हर राज्य में वो मजदूरी करने को मजबूर हैं। कांग्रेस नेता अविनाश पांडेय के भाषण के दौरान आजेडी कार्यकर्ताओं ने कहा कि ये पीसी है, रैली की तरह भाषण नही दें। जिसके बाद अविनाश पांडेय ने बीच में ही भाषण रोक कर कहा कि, महागठबंधन का नेतृत्व आरजेडी के नेता करेंगे। (nbt)
नई दिल्ली, 3 अक्टूबर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश के हाथरस में 19 वर्षीय दलित युवती के साथ हुई दरिंदगी के मामले में पीड़ित परिवार से मिलने की मांग पर अड़े हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा को उत्तर प्रदेश पुलिस ने पीड़िता के परिजनों से मिलने की अनुमति दे दी है। पुलिस प्रशासन का कहना है कि राहुल और प्रियंका समेत पांच लोगों को हाथरस जाने की अनुमति दे दी है। काफी लंबे हंगामे के बाद राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को दिल्ली-नोएडा डायरेक्ट (डीएनडी) फ्लाईवे से आगे जाने दिया गया है। इससे पहले काफी हाई-वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला था और पुलिस ने राहुल व प्रियंका समेत कांग्रेसी नेताओं को रोक दिया था। इस दौरान डीएनडी पर लंबा जाम भी लग गया था।
पीड़ित परिवार से मिलने के अपने दूसरे प्रयास में सफल होने के बाद, राहुल ने कहा, "पांच कांग्रेस नेताओं को हाथरस जाने की अनुमति दी गई है।"
सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस नेता के. सी. वेणुगोपाल, अधीर रंजन चौधरी और पी. एल. पुनिया के साथ राहुल और प्रियंका हाथरस पहुंचेंगे।
यह राहुल और प्रियंका का हाथरस जाने का दूसरा प्रयास था। इससे पहले गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) में गुरुवार को यमुना एक्सप्रेस-वे पर राहुल और अन्य नेताओं के वाहनों को रोक दिया गया था।
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी अन्य कांग्रेस नेताओं के काफिले के साथ शनिवार की दोपहर उत्तर प्रदेश की हाथरस पीड़िता के परिवार से मिलने के लिए निकले तो दिल्ली-नोएडा डायरेक्ट (डीएनडी) फ्लाईवे पर बड़े पैमाने पर ट्रैफिक जाम देखने को मिला।
हाथरस की लड़की के साथ कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के बाद राजनीति गर्मा गई है। पीड़िता ने चार दिन पहले दिल्ली के एक अस्पताल में दम तोड़ दिया, जिसके बाद विपक्षी नेता खासकर कांग्रेस के नेता हाथरस जाने की कोशिशों में लगे हुए थे।
राहुल और प्रियंका के काफिले को रोकने के लिए पुलिस ने डीएनडी के सभी निकास द्वार बंद कर दिए थे। इस क्रम में यह आठ लेन का फ्लाईवे लगभग बंद पड़ गया था।
लोग डेढ़ घंटे से अधिक समय तक फ्लाईवे पर रुके रहे, क्योंकि पुलिस द्वारा यह प्रत्येक वाहन की जांच की गई।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शनिवार को स्पष्ट कर दिया कि वह किसी भी कीमत पर मंगलवार को मारी गई हाथरस की लड़की के परिवार से मिलेंगी।
टोयोटा इनोवा गाड़ी में राहुल गांधी के साथ यहां कांग्रेस मुख्यालय छोड़ने के बाद उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, "मैं किसी भी कीमत पर हाथरस का दौरा करूंगी, भले ही पुलिस हमें अनुमति न दे।"
प्रियंका ने खुद गाड़ी चलाई, जिसमें उनके भाई और पूर्व कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी आगे की सीट पर उनके साथ बैठे दिखे।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, "यह एक भयानक घटना है और हमें लड़की के प्रति अपना सम्मान दिखाना होगा। जो कुछ भी हुआ है, इस देश में इससे बुरा कुछ नहीं हो सकता।"
हाथरस में कांग्रेस नेताओं के दौरे की योजना के बाद, उत्तर प्रदेश पुलिस ने यहां दिल्ली-नोएडा-डायरेक्टवे (डीएनडी) पर पर्याप्त व्यवस्था की है।
सुबह से ही कांग्रेस नेताओं को उत्तर प्रदेश में प्रवेश करने से रोकने के लिए भारी पुलिस तैनाती की गई है।
प्रियंका गांधी शुक्रवार को सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना सभा में शामिल होने के लिए दिल्ली के वाल्मीकि मंदिर गईं।
दिल्ली के एक सरकारी अस्पताल में मंगलवार को हाथरस की दुष्कर्म पीड़िता जिंदगी से जंग हार गई थी।
प्रियंका ने कहा है कि पीड़िता के परिवार को इस समय अकेला महसूस नहीं करना चाहिए।
राहुल गांधी गुरुवार को भी हाथरस के लिए निकले थे, मगर उन्हें बीच में ही उत्तर प्रदेश पुलिस ने रोक दिया था। गौतम बुद्ध नगर (नोएडा) में यमुना एक्सप्रेस-वे पर उस समय हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला था और राहुल को रोकने के दौरान पुलिस के साथ ही हल्की धक्का-मुक्की में राहुल जमीन पर जा गिरे थे।
राहुल को अन्य कांग्रेस नेताओं के साथ हिरासत में लिया गया था, जिसके कुछ देर बाद उन्हें छोड़ दिया गया। अन्य कांग्रेस नेताओं के खिलाफ महामारी रोग अधिनियम के तहत मामला भी दर्ज किया गया।
कांग्रेस नेताओं ने गुरुवार को आरोप लगाया कि जब उन्होंने हाथरस की ओर बढ़ने की कोशिश की तो पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज का सहारा लिया।
उत्तर प्रदेश सरकार ने 19 वर्षीय लड़की की मौत की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने इसके अलावा शुक्रवार शाम को कई अधिकारियों को निलंबित भी कर दिया है।
उत्तर प्रदेश पुलिस के जवानों ने पिछले दो दिनों से किसी भी मीडियाकर्मी के प्रवेश पर रोक लगाने वाले गांव को सील कर दिया था। हालांकि शनिवार को मीडिया को पीड़िता के गांव में प्रवेश करने और उसके परिजनों से मिलने की अनुमति दे दी गई है।
दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मंगलवार को दम तोड़ने वाली दुष्कर्म पीड़िता के साथ कथित तौर पर बर्बर हमले किए गए थे, जिससे उसे फ्रैक्च र, लकवा और रीढ़ की हड्डी में चोट लग गई थी।
पणजी, 3 अक्टूबर (आईएएनएस)| केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शनिवार को कहा कि तीन नए कृषि बिलों के खिलाफ किसानों का आंदोलन सिर्फ पंजाब तक ही सीमित है और उसका भी कारण राजनीति से जुड़ा हुआ है। जावड़ेकर किसानों से मिलने के लिए और पिछले महीने संसद द्वारा पारित कृषि संबंधी बिलों पर उनकी आशंका को खत्म करने के लिए इस समय गोवा में हैं।
गौरतलब है कि बिलों को लेकर देश के कई हिस्सों में किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
जावड़ेकर ने उत्तरी गोवा के मायेम गांव में किसानों की एक बैठक के दौरान कहा, "हमने सोचा कि इन बिलों के कारण आंदोलन शुरू हो गए हैं, लेकिन पंजाब को छोड़कर, कहीं और कोई आंदोलन नहीं हुआ। पंजाब में भी राजनीतिक कारणों से आंदोलन हुआ। पंजाब (आंदोलन) के बारे में मजेदार बात यह है कि यह दावा किया जा रहा है कि एपीएमसी (कृषि उत्पाद विपणन समिति) और एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) खत्म हो जाएंगे। लेकिन दोनों अभी भी मौजूद हैं।"
जावड़ेकर ने कहा, "पंजाब में धान की खरीदारी शुरू हो गई है। राजनीति में शामिल होने के कारण किसानों ने धान बेचना और विरोध करना दोनों जारी रखा है। कांग्रेस, जो सत्ता में है, साथ ही शिरोमणि अकाली दल, आम आदमी पार्टी विभिन्न कारणों से कानूनों का विरोध कर रही है। आंदोलन राजनीतिक है।"
पटना, 3 अक्टूबर। एनडीए (NDA ) में सीट शेयरिंग पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। लोजपा (LJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान को एनडीए में सीट बंटवारे का प्रस्ताव स्वीकार नहीं है। बार-बार लोजपा के 143 सीटों पर लड़ने की तैयारी की खबर आ रही है। वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काम पर भी सवाल उठाते रहे हैं। इस बीच अब सोशल मीडिया पर जारी लोजपा के एक नए पोस्टर पर बिहार का सियासी पारा चढ़ गया है। पोस्टर में बोल्ड अक्षरों (bold letters) में कहा गया है कि 'मोदी से कोई बैर नहीं है, नीतीश तेरी खैर नहीं' । पोस्टर में चिराग पासवान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) के साथ खड़े नजर आ रहे हैं। वहीं सीएम नीतीश कुमार को सत्ता की कुर्सी के सपने में निराश दिखाया गया है। नीतीश के बैकग्राउंड में कोविड-19 के दौरान दूसरे राज्यों वे पैदल लौट रहे प्रवासी श्रमिकों की व्यथा और दयनीय स्थिति दर्शाइ गई है। वहीं चिराग और पीएम नरेंद्र मोदी के बैकग्राउंड में बिहार हो रहे विकास को दर्शाया गया है। इसमें चिराग के बिहार फर्स्ट के नारे को भी बोल्डली दर्शाया गया है। पोस्टर पर यूजर्स के जमकर लाइक और कमेंट्स आ रहे हैं।
बिहार विधानसभा चुनाव के ऐलान के साथ ही महागठबंध में सीटों को लेकर चल रही सस्साकशी आज साफ हो जाएगी।
बता दें कि चिराग पासवान पीएम मोदी के फेस पर बिहार विधान सभा चुनाव लड़ने की बात कह चुके हैं। उधर, समय-समय पर लोजपा के कार्यकर्ता चिराग को सीएम कैंडिडेट बनाने की भावना दर्शाते रहे हैं।
नीतीश के सात निश्चय योजना पर भ्रष्टाचार का आरोप
बता दें कि सीटों पर संग्राम के बीच लोजपा ने शुक्रवार को नीतीश कुमार के सात निश्चय को भ्रष्टाचार का बड़ा माध्यम भी बता दिया। लोजपा के प्रवक्ता अशरफ अंसारी ने यह भी कह दिया कि उन्हें सात निश्चय भ्रष्टाचार का पिटारा है। सात निश्चय के सभी कार्य अधूरे रह गए हैं। भुगतान भी नहीं हुआ है। बिहार में अगली सरकार लोजपा के बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट विजन डॉक्यूमेंट को लागू करेगी। वहीं जदयू के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी ने सीट शेयरिंग के मसले पर यह कहा कि एनडीए में आॅल इज वेल। एक-दो दिनों में सीटों का एलान हो जाएगा। (jagran)
बेंगलुरु, 3 अक्टूबर (आईएएनएस)| कर्नाटक में शुक्रवार को एक पैरामोटरिंग हादसे में एक नौसेना अधिकारी की मौत हो गई। पुलिस ने मृतक की पहचान भारतीय नौसेना के कप्तान मधुसूदन रेड्डी (54) के रूप में की है। हालांकि हादसे में पैरामोटर के मालिक डॉ. विद्याधर वैद्य (60) और पायलट दोनों बच गए हैं।
पैरामोटरिंग एक एडवेंचर स्पोर्ट है, जिसमें राइडर इसमें लगी एक सीट पर बैठकर हवा में उड़ जाता है। इसकी गति एक मोटर से संचालित होती है। यह घटना कर्नाटक के कारवार में स्थित रवींद्रनाथ टैगोर बीच पर हुई, जो साहसिक खेलों के लिए मशहूर है। यह बीच पूरे दक्षिण भारत से कई पैरासेलिंग और पैरामोटरिंग के शौकीनों को अपनी ओर आकर्षित करता है।
एक अधिकारी ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान रवींद्रनाथ टैगोर बीच पर एडवेंचर खेलों पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसे सात महीने के बाद शुक्रवार को अनलॉक 5 के एक हिस्से के रूप में फिर से खोला गया।
कारवार टाउन पुलिस ने कहा कि मोटर में अचानक खराबी आ जाने के चलते कैप्टन मधुसूदन रेड्डी (54) अरब सागर में गिर गए थे। हालांकि पानी से उन्हें बचाए जाने के 30 मिनट बाद अस्पताल ले जाने के दौरान उनकी मौत हो गई।
पुलिस के अनुसार, कारवार में भारतीय नौसेना के बेस सी बर्ड में कार्यरत रेड्डी शुक्रवार को अपने परिवार के सदस्यों के साथ बीच पर आए हुए थे। वह मूल रूप से आंध्र प्रदेश के रहने वाले थे और वहीं से उनका परिवार उनसे मिलने के लिए यहां आए हुए थे।
पैरामोटरिंग स्पोर्ट्स में उनके परिवार के सभी सदस्यों ने हिस्सा लिया और सबसे आखिर में उनकी बारी थी। समुद्र तल से जब वह 100 मीटर ऊपर थे, तभी मोटर में कुछ खराबी आ गई और वह सीधे पानी में जा गिरे।
पुलिस ने आगे कहा कि मधुसूदन रस्सी में उलझ गए थे और पैरामोटर के वजन ने उन्हें समंदर में खींच लिया। डॉ. विद्याधर भी इस दौरान पानी में गिर गए थे, लेकिन उन्हें मछुआरों ने तुरंत बचा लिया। रेड्डी को ढूंढ़ने में उन्हें ज्यादा वक्त लगा। आखिरकार शाम के करीब पांच बजे उन्हें समंदर में से बाहर निकाला गया।
पुलिस ने दावा किया कि रेड्डी को जब समंदर के किनारे लाया गया उस वक्त वह जिंदा थे। हालांकि हालांकि पुलिस द्वारा मंगाई गई एम्बुलेंस समय पर नहीं पहुंची। पुलिस ने कहा कि एम्बुलेंस के आने में देरी होने के कारण उन्हें पुलिस की जीप से करवार जिला अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल ले जाने के दौरान उनकी रास्ते में मौत हो गई।
पुलिस ने कहा कि जिला अस्पताल में डॉक्टरों के अनुसार, कप्तान रेड्डी की मौत ठंडे पानी के झटके से हुई है। अधिकारी ने कहा, पानी में वह अचानक गिर पड़े थे, जहां तापमान 15 डिग्री सेल्सियस से कम था, जबकि बाहर का तापमान काफी अधिक था, इसलिए वह सदमे में चले गए थे।
नई दिल्ली, 3 अक्टूबर (आईएएनएस)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल प्रदेश के सोलंगनाला और सिस्सू में शनिवार को एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि समाज और व्यवस्थाओं में सार्थक बदलाव के विरोधी जितनी भी अपने स्वार्थ की राजनीति कर लें, ये देश रुकने वाला नहीं है। "हमारी सरकार के फैसले साक्षी हैं कि जो कहते हैं, वो करके दिखाते हैं।" प्रधानमंत्री मोदी ने अटल टनल के उद्घाटन के बाद इन दोनों स्थानों पर जनता को संबोधित करते हुए कहा, "देश हित से बड़ा, देश की रक्षा से बड़ा हमारे लिए और कुछ नहीं। लेकिन देश ने लंबे समय तक वो दौर भी देखा है जब देश के रक्षा हितों के साथ समझौता किया गया। देश में ही आधुनिक अस्त्र-शस्त्र बनें, मेक इन इंडिया हथियार बनें, इसके लिए बड़े रिफॉर्म्स किए गए हैं। लंबे इंतजार के बाद चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ अब हमारे सिस्टम का हिस्सा है।"
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश की सेनाओं की आवश्यकताओं के अनुसार, खरीद और उत्पादन दोनों में बेहतर समन्वय स्थापित हुआ है।
उन्होंने किसानों को मिले लाभ की भी चर्चा की और कहा कि पीएम किसान सम्मान निधि के तहत देश के लगभग सवा 10 करोड़ किसान परिवारों के खाते में अब तक करीब 1 लाख करोड़ रुपये जमा किया जा चुका है। इसमें हिमाचल के सवा 9 लाख किसान परिवारों के बैंक खाते में भी लगभग 1000 करोड़ रुपये जमा किए गए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अभी तक स्थिति ये थी कि देश में अनेक सेक्टर ऐसे थे, जिनमें बहनों को काम करने की मनाही थी। हाल में जो श्रम कानूनों में सुधार किया गया है, उनसे अब महिलाओं को भी वेतन से लेकर काम तक के वो सभी अधिकार दे दिए गए हैं, जो पुरुषों के पास पहले से हैं।
उन्होंने कहा, "अब देश में नई सोच के साथ काम हो रहा है। सबके साथ से, सबके विश्वास से, सबका विकास हो रहा है। अब योजनाएं इस आधार पर नहीं बनतीं कि कहां कितने वोट हैं। अब प्रयास इस बात का है कि कोई भारतीय छूट ना जाए, पीछे न रह जाए। इस बदलाव का एक बहुत बड़ा उदाहरण लाहौल-स्पीति है।"
प्रधानमंत्री मोदी ने हिमाचल प्रदेश की जनता को बताया कि अटल टनल के साथ-साथ राज्य के लोगों के लिए एक और बड़ा फैसला लिया गया है। हमीरपुर में 66 मेगावाट के धौलासिद्ध हाइड्रो प्रोजेक्ट को स्वीकृति दे दी गई है। इस प्रोजेक्ट से देश को बिजली तो मिलेगी ही, हिमाचल के युवाओं को रोजगार भी मिलेगा।
नई दिल्ली, 3 अक्टूबर (आईएएनएस)| कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, उनकी बहन और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के अलावा तीन अन्य कांग्रेसी नेताओं को शनिवार को उत्तर प्रदेश के हाथरस जाने की अनुमति मिल गई है। राहुल और प्रियंका हाथरस जाकर सामूहिक दुष्कर्म के बाद मारी गई पीड़िता के परिजनों से मिलना चाहते हैं।
नई दिल्ली, 3 अक्टूबर (आईएएनएस)| सरकार की तरफ से हजारों की संख्या में लोगों और एमएसएमई लोन लेने वालों के लिए एक राहत की खबर का ऐलान किया गया है। केंद्र द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर एक हलफनामे में यह सूचित किया गया है कि छह महीने की लोन मोरेटोरियम अवधि के दौरान दो करोड़ रुपये तक के ऋण पर ब्याज पर ब्याज की छूट दी जाएगी। हलफनामे में इस बात का जिक्र किया गया है कि अब चक्रवृद्धि ब्याज पर छूट की भार का वहन सरकार द्वारा किया जाएगा।
केंद्र ने कहा, "संभावित सभी विकल्पों पर सावधानीपूर्वक विचार किए जाने के बाद सरकार ने छोटे कर्जदारों की मदद करने की पंरपरा बनाए रखी है। इन दो करोड़ रुपये तक के ऋणों की श्रेणियों में एमएसएमई ऋण, शैक्षिक, आवास, उपभोक्ता, ऑटो, क्रेडिट कार्ड बकाया, उपभोग, व्यक्तिगत और पेशेवर ऋण शामिल हैं, जिन पर लागू चक्रवृद्धि ब्याज को माफ करने का फैसला लिया गया है।"
केंद्र ने कहा कि जमाकर्ताओं पर वित्तीय बोझ और उनकी कुल निवल संपत्ति को प्रतिकूल रूप से प्रभावित किए बिना बैंकों के लिए चक्रवृद्धि ब्याज पर छूट के बोझ का वहन किया जाना संभव नहीं होगा और ऐसा जनता के हित में भी नहीं होगा।
हलफनामे में कहा गया : सरकार ने फैसला लिया है कि लोन मोरेटोरियम अवधि के दौरान चक्रवृद्धि ब्याज की छूट पर राहत उधारकर्ताओं की सबसे कमजोर श्रेणी तक सीमित होगी।
विशेषज्ञों की एक समिति संग विचार-विमर्श करने के बाद केंद्र ने इस ओर अपना रुख बदला है।
नई दिल्ली, 3 अक्टूबर (आईएएनएस)| कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शनिवार को स्पष्ट कर दिया कि वह किसी भी कीमत पर मंगलवार को मारी गई हाथरस की लड़की के परिवार से मिलेंगी। टाटा सफारी गाड़ी में राहुल गांधी के साथ यहां कांग्रेस मुख्यालय छोड़ने के बाद उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, मैं किसी भी कीमत पर हाथरस का दौरा करूंगी, भले ही पुलिस हमें अनुमति न दे।
प्रियंका ने खुद टाटा सफारी गाड़ी चलाई, जिसमें उनके भाई और पूर्व कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी आगे की सीट पर उनके साथ बैठे दिखे।
दोनों नेताओं के साथ, शशि थरूर सहित दर्जनों कांग्रेस सांसद भी हाथरस जा रहे हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, यह एक भयानक घटना है और हमें लड़की के प्रति अपना सम्मान दिखाना होगा। जो कुछ भी हुआ है, इस देश में इससे बुरा कुछ नहीं हो सकता।
हाथरस में कांग्रेस नेताओं के दौरे की योजना के बाद, उत्तर प्रदेश पुलिस ने यहां दिल्ली-नोएडा-डायरेक्टवे (डीएनडी) पर पर्याप्त व्यवस्था की है।
सुबह से ही कांग्रेस नेताओं को उत्तर प्रदेश में प्रवेश करने से रोकने के लिए भारी पुलिस तैनाती की गई है।
प्रियंका गांधी शुक्रवार को सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना सभा में शामिल होने के लिए दिल्ली के वाल्मीकि मंदिर गईं।
दिल्ली के एक सरकारी अस्पताल में मंगलवार को हाथरस की दुष्कर्म पीड़िता जिंदगी से जंग हार गई थी।
प्रियंका ने कहा है कि पीड़िता के परिवार को इस समय अकेले महसूस नहीं करना चाहिए।
राहुल गांधी गुरुवार को भी हाथरस के लिए निकले थे, मगर उन्हें बीच में ही उत्तर प्रदेश पुलिस ने रोक दिया था। गौतम बुद्ध नगर (नोएडा) में यमुना एक्सप्रेस-वे पर उस समय हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला था और राहुल को रोकने के दौरान पुलिस के साथ ही हल्की धक्का-मुक्की में राहुल जमीन पर जा गिरे थे।
राहुल को अन्य कांग्रेस नेताओं के साथ हिरासत में लिया गया था, जिसके कुछ देर बाद उन्हें छोड़ दिया गया। अन्य कांग्रेस के खिलाफ महामारी रोग अधिनियम के तहत मामला भी दर्ज किया गया।
विवेक त्रिपाठी
वाराणसी, 3 अक्टूबर (आईएएनएस)| महिलाओं का गहना अब केवल उनकी खूबसूरती में चार चांद ही नहीं लगाएगा, बल्कि उनकी सुरक्षा का बड़ा हथियार साबित होगा। गहनों की सुरक्षा से जुड़ा डर भी खत्म हो जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में महिला सुरक्षा को लेकर खास तरह की डिवाइस तैयार की गयी है। जो महिलाओं के आभूषणों में लगाई जाएगी और यह डिवाइस उनके गहने के साथ-साथ उनकी सुरक्षा करेगी। महिलाओं के साथ हो रही छेड़खानी और अन्य घटनाओं को रोकने के लिए वाराणसी के श्याम चौरसिया ने दिल्ली की रचना राजेंद्रन के साथ मिलकर वुमेन्स सेफ्टी ज्वेलरी तैयार की है।
रचना राजेंद्रन ने आईएएनएस से बातचीत में बताया कि, "देश में बढ़ती महिलाओं संग छेड़खानी व दुष्कर्म जैसी घटनाओं को रोकने के लिए इसे खासतौर पर तैयार किया गया है। इस डिवाइस को ज्वेलरी में लगाकर ब्लूटूथ से अटैच किया जाएगा। अगर कोई महिला मुसीबत में होती है, ज्वेलरी में लगे बटन को दबाने से उसकी लोकेशन पुलिस और घरवालों के नम्बर पर चली जाएगी। जिससे सामने वाली की रक्षा हो पाए।"
उन्होंने बताया कि इसकी एक खसियत और भी है कि, "मोबाइल की स्क्रीन लॉक और बटुए के अंदर होने पर भी यह अच्छे से काम करता है। यदि कोई आपके गहने छीनता है, तुरंत ये लोकेशन बता देगा। यह बहुत आसान गैजेट है, इसे प्रयोग करने में बहुत आसनी होगी।"
युवा वैज्ञानिक श्याम चौरसिया ने बताया कि, "अक्सर देर रात्रि में काम करने वाली महिलाएं जब कभी मुसीबत में फंस जाती हैं, तो छेड़खानी करने वाले उनका मोबाइल और बटुआ छीन लेते हैं। लेकिन ज्वेलरी में लगी डिवाइस को दबाने से यह ब्लूटूथ काम करने लगेगा। इसकी रेंज 3 से 5 मीटर के अन्तर्गत काम करती है। यह महिला की रक्षा के साथ उनके आभूषणों की भी रक्षा करेगा। स्पेस ब्रेक होंने पर भी यह अच्छे से काम करता है। इसमें ब्लूटूथ मॉडयूल और चार्जेबल बैटरी है। जो 10 घंटे तक चलता है। इस ज्वेलरी का नाम विमेंस सेफ्टी एंटी टीजिंग ज्वेलरी रखा गया है। इसे बनाने में 2-3 माह का समय लगा है और करीब 900 रूपये का खर्च आया है। यह पूर्णतया मेड इन इंडिया है।"
वीरबहादुर सिंह नक्षत्रशाला, गोरखपुर वैज्ञानिक अधिकारी महादेव पांडेय ने बताया कि, "यह अच्छा गैजेट है। महिला सुरक्षा के लिए कारगर साबित हो सकता है। इस तकनीक को सरकार द्वारा भी ट्रायल किया जाना चाहिए।"
बीएचयू के प्रोफेसर और इनोवेशन सेंटर के कोऑर्डिनेटर मनीष अरोरा ने कहा कि, "यह प्रयास अच्छा है। इसे सफलता जब मिलेगी, जब आप किसी इंडस्ट्री के साथ मिलकर इस पर काम करें। इस समय बड़े-बड़े कॉरपोरेट ज्वेलर्स हैं, उनसे संपर्क करने पर फायदा मिल सकता है। इनोवेशन है, ज्वेलरी में ब्लूटूथ डिवाइस लगा हुआ है। कहीं मुसीबत होंने पर बटन दबाने पर उनके संबंधियों के पास अलर्ट पहुंच जाता है। इसके पीछे अच्छी सोच है। लेकिन इसे बजार तक पहुंचाना बहुत जरूरी है।"
कांग्रेस नेताओं ने गुरुवार को आरोप लगाया कि जब उन्होंने हाथरस की ओर बढ़ने की कोशिश की तो पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज का सहारा लिया।
उत्तर प्रदेश सरकार ने 19 वर्षीय लड़की की मौत की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने इसके अलावा शुक्रवार शाम को कई अधिकारियों को निलंबित भी कर दिया है।
उत्तर प्रदेश पुलिस के जवानों ने पिछले दो दिनों से किसी भी मीडियाकर्मी के प्रवेश पर रोक लगाने वाले गांव को सील कर दिया था। हालांकि शनिवार को मीडिया को पीड़िता के गांव में प्रवेश करने और उसके परिजनों से मिलने की अनुमति दे दी गई है।
लखनऊ 3 अक्टूबर (वार्ता)। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने हाथरस में सामूहिक बलात्कार कांड की जांच केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग की है और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से पीड़ति परिवार को न्याय दिलाने के लिये हस्तक्षेप की अपील की है।
सुश्री मायावती ने शनिवार को ट््वीट किया ‘हाथरस जघन्य गैंगरेप काण्ड को लेकर पूरे देश में काबरदस्त आक्रोश है। इसकी शुरूआती आई जाँच रिपोर्ट से जनता सन्तुष्ट नहीं लगती है। अत: इस मामले की सीबीआई से या फिर माननीय सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जाँच होनी चाहिये, बसपा की यह माँग है।’
उन्होने कहा ‘देश के राष्ट्रपति यूपी से आते हैं व एक दलित होने के नाते भी इस प्रकरण में खासकर सरकार के अमानवीय रवैये को ध्यान में रखकर पीड़ति परिवार को न्याय दिलाने के लिये दखल देने की भी उनसे पुरकाोर अपील।’
गौरतलब है कि हाथरस में हैवानियत की शिकार पीड़तिा की मौत के बाद विपक्ष खासतौर पर कांग्रेस,समाजवादी पार्टी (सपा) और आम आदमी पार्टी (आप) सडक़ों पर है। बसपा सुप्रीमो अपने बयानो के जरिये हाथरस की घटना पर क्षोभ व्यक्त करती रही हैं।
लखनऊ, 3 अक्टूबर (वार्ता)। उत्तर प्रदेश में हैवानियत की शिकार पीड़तिा को न्याय दिलाने के लिये अपना दल (एस) अध्यक्ष एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने योगी सरकार से अपील की है कि वह मामले की सच्चाई सामने लाने के लिये सीबीआई जांच की अनुशंसा करे।
श्रीमती पटेल ने शनिवार को जारी बयान में कहा कि हाथरस कांड में पीडि़ता के परिजनों को हर हाल में न्याय मिलना चाहिए। योगी सरकार द्वारा हाथरस के पुलिस अधीक्षक समेत पांच अधिकारियों को निलंबित करने का फैसला स्वागत योग्य कदम है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीडि़ता के परिजनों को हर हाल में न्याय का भरोसा दिया है। दोषियों को भविष्य में मिसाल बनने वाली सजा सुनिश्चित करने का संकल्प व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी स्वयं कड़ी कार्यवाही का निर्देश दिया है।
अपना दल नेता ने कहा कि हालांकि पूरे मामले में लोगों की ओर से कई आशंकाएं व्यक्त की जा रही हैं। ऐसे में इस पूरे मामले की सच्चाई सामने लाने और दूध का दूध और पानी का पानी करने के लिए राज्य सरकार को सीबीआई जांच की अनुशंसा करनी चाहिए। इससे सीबीआई जांचकी मांग करने वाले पीडि़त पक्ष में भी न्याय होने का भरोसा जगेगा। महिलाओं के प्रति किसी भी प्रकार के अमानवीय अपराध पर न्याय होना ही नहीं चाहिए बल्कि न्याय होते दिखना भी चाहिए।
श्रीनगर, 3 अक्टूबर (आईएएनएस)| जम्मू एवं कश्मीर के शोपियां जिले में 18 जुलाई को हुए मुठभेड़ में कथित तौर पर मारे गए तीन नागरिकों के शवों को शनिवार को अंतिम संस्कार के लिए परिवारों को सौंप दिया गया। जम्मू संभाग के राजौरी जिले से ताल्लुक रखने वाले तीनों नागरिकों के शव 70 दिनों के बाद उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले के गंतमुल्ला क्षेत्र में एक कब्रिस्तान से निकाले गए।
इम्तियाज अहमद, अबरार अहमद और मुहम्मद इबरार के परिवारों ने दावा किया था कि उनके बेटे शोपियां जिले में मजदूरों के रूप में काम करने आए थे और फर्जी मुठभेड़ में आतंकवादी बताकर मार दिए गए।
परिवारों ने जब अपने बच्चों से संपर्क खो दिया, तब उन्होंने सोशल मीडिया पर 18 जुलाई को शोपियां जिले के अम्सिपोरा गांव में मुठभेड़ के बाद पोस्ट की गई उनकी तस्वीरों में उनकी पहचान की।
तीनों मारे गए युवाओं के डीएनए नमूनों के मिलान के बाद परिजनों के दावे की पुष्टि की गई।
इसके बाद पुलिस मारे गए लोगों के आतंकवादी लिंक को साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं जुटा सकी।
सेना द्वारा आयोजित प्रारंभिक जांच अदालत ने स्वीकार किया कि अम्सिपोरा मुठभेड़ को अंजाम देने वालों ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा आतंकवाद-रोधी अभियानों को अंजाम देने के लिए निर्धारित मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) को नजरअंदाज कर अपनी सीमा को पार कर गए।
सुरक्षा बलों के मुखबिर के रूप में काम करने वाले तीन स्थानीय लोगों से भी सेना की अदालत ने पूछताछ की थी।
पुलिस ने इन 'मुखबिरों' को हिरासत में ले लिया है और मुठभेड़ में उनकी की भूमिका अब जांच की जा रही है।
नई दिल्ली, 3 अक्टूबर (आईएएनएस)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को हिमाचल प्रदेश के रोहतांग में दुनिया की सबसे लंबी सुरंग 'अटल टनल' का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने इस दौरान बताया कि कैसे अटल टनल के काम में तेजी लाकर 26 साल के काम को छह साल में पूरा किया गया। उन्होंने उद्घाटन के दिन को ऐतिहासिक बताया। कहा कि आज सिर्फ अटल जी का ही सपना पूरा नहीं हुआ है, बल्कि हिमाचल प्रदेश के करोड़ों लोगों का दशकों पुराना इंतजार खत्म हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि साल 2002 में अटल जी ने इस टनल के लिए अप्रोच रोड का शिलान्यास किया था। अटल जी की सरकार जाने के बाद, जैसे इस काम को भी भुला दिया गया। हालात ये थे कि साल 2013-14 तक टनल के लिए सिर्फ 1300 मीटर का काम हो पाया था। एक्सपर्ट बताते हैं कि जिस रफ्तार से 2014 में अटल टनल का काम हो रहा था, अगर उसी रफ्तार से काम चला होता तो ये सुरंग साल 2040 में जाकर पूरा हो पाती।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "आपकी आज जो उम्र है, उसमें 20 वर्ष और जोड़ लीजिए, तब जाकर लोगों के जीवन में ये दिन आता, उनका सपना पूरा होता। जब विकास के पथ पर तेजी से आगे बढ़ना हो, जब देश के लोगों के विकास की प्रबल इच्छा हो, तो रफ्तार बढ़ानी ही पड़ती है।"
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "अटल टनल के काम में भी 2014 के बाद, अभूतपूर्व तेजी लाई गई। नतीजा ये हुआ कि जहां हर साल पहले 300 मीटर सुरंग बन रही थी, उसकी गति बढ़कर 1400 मीटर प्रति वर्ष हो गई। सिर्फ 6 साल में हमने 26 साल का काम पूरा कर लिया।"
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस टनल से मनाली और केलांग के बीच की दूरी 3-4 घंटे कम हो ही जाएगी। उन्होंने कहा, "पहाड़ के भाई-बहन समझ सकते हैं कि पहाड़ पर 3-4 घंटे की दूरी कम होने का मतलब क्या होता है। हमेशा से यहां के इंफ्रास्ट्रक्च र को बेहतर बनाने की मांग उठती रही है। लेकिन लंबे समय तक हमारे यहां बॉर्डर से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्च र के प्रोजेक्ट या तो प्लानिंग की स्टेज से बाहर ही नहीं निकल पाए या जो निकले वो अटक गए, लटक गए, भटक गए।"
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "लोकार्पण की चकाचौंध में वे लोग पीछे रह जाते हैं, जिनके परिश्रम से यह सब संभव हुआ। इस महान यज्ञ में अपना पसीना बहाने वाले अपनी जान जोखिम में डालने वाले मेहनतकश जवानों, इंजीनियरों, मजदूर भाई-बहनों को आदरपूर्वक नमन करता हूं।"
मनोज पाठक
पटना, 3 अक्टूबर (आईएएनएस)| विधानसभा चुनाव को लेकर बिहार में शहरों से लेकर कस्बों और गांवों में भी चुनावी रंग अब धीरे-धीरे चढ़ने लग गया है। शहर के चौराहों से लेकर गांवों के चौपालों तक में चुनावी चर्चा का दौर जारी है। लोग चौपालों में बैठकर सरकार बना रहे और गिरा रहे हैं। इस बीच, राजनीतिक शॉपिंग भी जोरों पर है। राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता भी 'नेता जी' बनने की शौक पाले इस चुनावी मौसम में पायजामा और कुर्ता, बंडी की खरीदारी कर रहे हैं।
ऐसे में राजधानी से कस्बों तक में खादी की दुकानों और टेलरों के दुकानों में नेताओं की खूब भीड़ लग रही है। सभी राजनीतिक दल के नेता अब ना केवल खादी के कुर्ता और पायजामा के कपड़े खरीद रहे हैं बल्कि ये फैशनेबल नेता कपड़ों के रंगों का भी बारीकी से चयन कर रहे हैं।
क्षेत्रीय नेता अपने-अपने दल के प्रमुख नेताओं की स्टाइल का ना केवल वस्त्र पहनने की चाहत रखते हैं बल्कि वो ऐसे स्टाइल के कपड़े भी खरीद रहे हैं। भाजपा के कार्यकर्ता जहां नरेन्द्र मोदी के स्टाइल में कुर्ता बनवा या खरीद रहे हैं जबकि कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता की पसंद राहुल गांधी के स्टाइल के पायजामा और कुर्ता बना हुआ है।
पटना के वीरचंद पटेल पथ के पास खादी कपड़ा दुकानों ने टेलरों की संख्या बढ़ा दी है। कोरोना काल की मंदी के बाद इसे उबरने के लिए दुकानदार और टेलर भी किसी ग्राहक को वापस नहीं लौटने दे रहे हैं। इन दुकानों पर दिन के प्रारंभ होते ही ग्राहकों की भीड़ लग रही है। इन दुकानों में देर रात तक सिलाई का कार्य चल रहा है।
एक आम कारीगर भी प्रतिदिन 7 से 8 जोड़ा कुर्ता-पायजामा बना रहे हैं।
करीब 10 वर्षो से दर्जी का काम कर रहे मकसूद आलम कहते हैं कि चुनाव की घोषणा के बाद से ही कुर्ता-पायजामा सिलवाने वालों की संख्या बढ़ गई है। वे कहते हैं कि नेता अपने-अपने खास स्टाइल के कुर्ता-पायजामा सिलवा रहे हैं।
उन्होंने कहा, "कई नेता तो दो से तीन घंटे में कुर्ता और पायजामा सिलवाने की गुहार लगा रहे है। हमलोग भी इन्हें निराश नहीं कर रहे हैं। साधारण कुर्ता-पायजामा के लिए 400 से 500 रुपए में तैयार हो रहा है।"
वे कहते हैं कि कई दुकानदारों के यहां चौबीस घंटे कार्य हो रहा है। टेलरों के लिए तो यह चुनाव वारदान साबित हुआ है।
हाईकोर्ट के पास टेलर दुकान चलाने वाले मोहम्मद खालिद कहते है, "यह चुनाव तो वरदान साबित हुआ है। कोरोना काल में तो भूखमरी की स्थिति बन गई थी। इस चुनाव से बाहर से भी ग्राहक आ रहे हैं।"
इधर, महिला राजनीति कार्यकर्ता भी सूती साड़ी खरीद रही हैं। इस चुनाव में महिलाओं की पसंद कॉटन, कोटा चेक, तांत की साड़ियां पहली पसंद बनी हुई हैं।
एक खादी कपड़ों के दुकानदार बताते हैं कि खादी के कई प्रकार बाजार में उपलब्ध हैं लोग चरखा खादी, मटका खादी, हैंडलूम खादी, अकबरपुरी खादी और मसलीन खादी काफी पसंद कर रहे हैं। आजकल लोग सफेद खादी के बजाय गहरे रंग के खादी ज्यादा पसंद कर रहे हैं।
नई दिल्ली, 3 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को हिमाचल प्रदेश के रोहतांग में ऐतिहासिक अटल टनल को देश को समर्पित किया।
अटल टनल दुनिया की सबसे लंबी राजमार्ग टनल है। यह 9.02 किलोमीटर लंबी है। इस टनल से पूरे साल मनाली कोलाहौल-स्पीति घाटी जुड़ी रहेगी। इससे पहले यह घाटी भारी बर्फबारी के कारण लगभग 6 महीने तक अलग-थलग रहती थी।
यह टनल हिमालय की पीर पंजाल श्रृंखला में औसत समुद्र तल (एमएसएल) से 3,000 मीटर यानी 10,000 फीट की ऊंचाई पर बनाई गई है। यह टनल मनाली और लेह के बीच सडक़ की दूरी 46 किलोमीटर कम करती है और दोनों स्थानों के बीच लगने वाले समय में भी लगभग 4 से 5 घंटे की बचत करती है।
अटल टनल का दक्षिण पोर्टल (एसपी) मनाली से 25 किलोमीटर दूर 3060 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, जबकि इसका उत्तर पोर्टल (एनपी) लाहौल घाटी में तेलिंगसिस्सुगांव के पास 3071 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह घोड़े की नाल के आकार में 8 मीटर सडक़ मार्ग के साथ सिंगल ट्यूब और डबल लेन वाली टनल है। इसकी ओवरहेड निकासी 5.525 मीटर है।
अटल टनल को अधिकतम 80 किलोमीटर प्रति घंटे की गति के साथ प्रतिदिन 3,000 कारों और 1,500 ट्रकों के यातायात घनत्व के लिए डिजाइन किया गया है। यह टनल सेमी ट्रांसवर्स वेंटिलेशन सिस्टम, एससीएडीए नियंत्रित अग्निशमन, रोशनी और निगरानी प्रणाली सहित अति-आधुनिक इलेक्ट्रो-मैकेनिकल प्रणाली से युक्त है।
हाथरस में हुए कथित गैंगरेप मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस ने फ़ोरेंसिक रिपोर्ट के हवाले से कहा है कि दलित लड़की से बलात्कार नहीं हुआ था.
यूपी पुलिस के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा, "एफ़एसएल (फ़ोरेंसिक साइंस लेबॉरेटरी) रिपोर्ट के अनुसार, विसरा के सैंपल में कोई वीर्य/सीमन या उसका गिरना नहीं पाया गया है. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट कहती है कि हमले के बाद जो ट्रॉमा हुआ उसके कारण मौत हुई है. अधिकारियों के बयान के बावजूद कुछ ग़लत ख़बरें फैलाई जा रही हैं."
उन्होंने कहा, "इससे स्पष्ट होता है कि ग़लत तरीक़े से जातीय तनाव पैदा करने के लिए इस तरह की चीज़ें कराई गईं. पुलिस ने शुरू से इस मामले में त्वरित कार्रवाई की है और आगे की विधिक कार्रवाई की जाएगी."
यूपी पुलिस के इस बयान के बाद उसकी आलोचना हो रही है.
पीड़िता की विसरा रिपोर्ट अभी तक सामने नहीं आई है लेकिन यूपी पुलिस ने बयान में साफ़ कह दिया है कि पीड़िता के साथ बलात्कार नहीं हुआ था.
क्या सिर्फ़ सीमन या वीर्य के निशान पाए जाने से ही भारतीय दंड संहिता में बलात्कार का मामला बनता है? इस रिपोर्ट में हम यही जानने का प्रयास करेंगे.
रेप पर क्या कहता है भारतीय क़ानून?
भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) में साल 1860 में ही बलात्कार को अपराध मानते हुए इससे जुड़ी धाराओं को शामिल किया गया था. आईपीसी की धारा 375 (1) 'बलात्कार' शब्द को क़ानूनी रूप से परिभाषित करती है.
आईपीसी के तहत अगर कोई पुरुष किसी महिला के साथ उसकी सहमति या जबरन शारीरिक संबंध बनाता है तो वह बलात्कार की श्रेणी में आता है. यहां पर सहमति को भी परिभाषित किया गया है. महिला अगर किसी इच्छा के कारण, मौत या चोट पहुँचाने के डर से भी सहमति दे रही है तो वह भी बलात्कार की श्रेणी में आएगा.
धारा 375 में ही साफ़ किया गया है कि संभोग के दौरान सिर्फ़ पेनिट्रेशन होना ही बलात्कार के लिए काफ़ी माना जाएगा.
अनुच्छेद 376 के तहत बलात्कार मामलों में 10 साल से लेकर आजीवन कारावास की सज़ा का प्रावधान है.
2012 में निर्भया गैंगरेप की घटना के बाद भारत के बलात्कार और यौन हिंसा से जुड़े क़ानूनों में बड़े बदलाव हुए, जिसमें बलात्कार और यौन हिंसा की परिभाषा के दायरे को बढ़ाया गया.
जस्टिस जे.एस. वर्मा की सिफ़ारिशों के बाद संसद से 2013 में आपराधिक क़ानून (संशोधन) अधिनियम पारित किया गया. इसके तहत बलात्कार मामलों में मौत की सज़ा का प्रावधान किया गया.
बलात्कार के मामले में अगर पीड़िता की मौत हो जाती है या वह किसी अचेतन अवस्था में चली जाती है तो उसमें अधिकतम मौत की सज़ा का प्रावधान है.
साथ ही इसी क़ानून के बाद किसी महिला का पीछा करने और उसको लगातार घूरने को भी आपराधिक श्रेणी में डाला गया था.
सीमन नहीं पाया गया तो रेप नहीं?
दिल्ली हाईकोर्ट में आपराधिक मामलों के वकील जयंत भट्ट कहते हैं कि बलात्कार साबित करने के लिए महिला के शरीर पर सीमन या वीर्य का होना ज़रूरी नहीं है.
वो कहते हैं, "सीमन या वीर्य शरीर पर पाए जाने को लेकर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के कई फ़ैसले भी हैं, जहां पर न्यायालय ने सीमन होने या न होने को ज़रूरी नहीं माना है. निर्भया गैंगरेप मामले के बाद जो क़ानून में बदलाव हुए उसके बाद रेप की परिभाषा बहुत व्यापक हो चुकी है. अब सिर्फ़ वेजाइनल पेनिट्रेशन (महिला-पुरुष के बीच प्राकृतिक संबंध) को ही रेप नहीं माना जाएगा बल्कि किसी भी तरह के पेनिट्रेशन को धारा 375 और 376 में शामिल कर दिया गया है. इसमें एक उंगली के ज़रिए किया गया पेनिट्रेशन भी शामिल है."
परमिंदर उर्फ़ लड़का पोला बनाम दिल्ली सरकार (2014) मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फ़ैसले को सही माना था जिसमें हाईकोर्ट ने कहा था कि सीमन का शरीर पर होना बलात्कार साबित करने के लिए आवश्यक नहीं है.
द इंडियन एक्सप्रेस अख़बार ने हाथरस के एसपी विक्रांत वीर के हवाले से लिखा था कि पीड़िता ने 22 सितंबर को होश में आने के बाद मैजिस्ट्रेट के सामने बयान दिया था और उसने आरोप लगाया था कि उसका गैंगरेप हुआ है.
हाथरस मामले में बलात्कार हुआ है या नहीं हुआ है, इस पर पोस्टमॉर्टम, एफ़एसएल या विसरा रिपोर्ट को एक बार अलग रख दें और सिर्फ़ पीड़िता के बयान को देखें तो वो कितना मायने रखता है?
इस सवाल पर वकील जयंत भट्ट कहते हैं, "कोई पीड़िता अगर मौत से पहले मैजिस्ट्रेट के सामने आख़िरी बयान देती है तो उसे 'डाइंग डिक्लेरेशन' माना जाता है और ऐसे मामलों में मैंने जितने भी केस लड़े हैं उनमें अधिकतर कोर्ट अंतिम बयान को पीड़िता का सच बयान मानते हैं. ऐसा माना जाता है कि इंसान अपने आख़िरी वक़्त में झूठ नहीं बोलता है और यह बयान इस मामले में सबसे अहम कड़ी साबित होने वाला है."
जयंत भट्ट कहते हैं कि इस मामले को सिर्फ़ गैंगरेप के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए क्योंकि इसमें हत्या का मामला भी शामिल है और इसमें मौत की सज़ा का प्रावधान है.
एफ़एसएल रिपोर्ट के हवाले से यूपी पुलिस ने यह बयान ज़रूर दिया है लेकिन पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है जिससे यह साबित हो कि उसमें रेप की पुष्टि हुई है या नहीं. हालांकि, बीबीसी हिंदी के फ़ैक्ट चेक से यह पुष्टि हुई है कि बलात्कार के मामले के लिए शरीर पर सीमन या वीर्य पाया जाना ज़रूरी नहीं है.(bbc)
पणजी, 3 अक्टूबर (आईएएनएस)| पणजी में पांच सितारा होटल के बाहर विरोध प्रदर्शन करने को लेकर पुलिस ने कांग्रेस के उपाध्यक्ष संकल्प अमोनकर सहित करीब एक दर्जन पार्टी कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया है। गौरतलब है कि इसी होटल के बाहर केंद्रीय पर्यावरण और वन मंत्री प्रकाश जावडेकर रात के दौरान ठहरे हुए थे। कार्यकर्ता केंद्रीय मंत्री से मिलने की मांग कर रहे थे।
यह घटना शुक्रवार मध्यरात्रि के ठीक बाद की है। जावडेकर हाल ही में संसद द्वारा पारित किए गए विवादास्पद कृषि बिलों को लेकर किसान समूहों के साथ बैठक करने के लिए गोवा आए हुए हैं।
कांग्रेस वेता गिरीश चोडानकर ने कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को पुलिस द्वारा घेरे जाने और पणजी पुलिस स्टेशन में हिरासत में लेने के बाद ट्वीट किया, "गोवा में जंगल राज। गोवा डीजीपी ने गोवा कांग्रेस के उपाध्यक्ष संकल्प अमोनकर, जाना भंडारी, वरद मडरेल्कर, एडवोकेट अर्चित नाइक, मेघश्याम राउत, सुदीन नाइक और अन्य 10 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। ये सभी प्रकाश जावडेकर से मिलने की मांग कर रहे थे और पणजी के होटल के लॉबी में इंतजार कर रहे थे।"
विपक्षी पार्टी के कार्यकर्ताओं को पुलिस स्टेशन में ले जाने के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए अमोनकर ने कहा कि जावडेकर से मिलने और महादेई अंतर्राज्यीय नदी जल बंटवारे मुद्दे पर चर्चा करने के लिए औपचारिक अपॉइंमेंट के लिए कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल यहां होटल में पहुंचा था।
अमोनकर ने कहा, "हमें सिर्फ इसलिए गिरफ्तार किया जा रहा है, क्योंकि हम केंद्रीय मंत्री से मिलना चाहते हैं।"
गौरतलब है कि कांग्रेस ने अतीत में आरोप लगाया था कि जावड़ेकर महादेई नदी जल बंटवारे मामले में कर्नाटक का पक्ष ले रहे हैं।
हालांकि पुलिस ने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं को इसलिए गिरफ्तार किया गया, क्योंकि उन्होंने मध्यरात्रि के बाद जावडेकर से मिलने की जिद की। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "यह सिर्फ कानून और व्यवस्था की स्थिति से बचने के लिए एक एहतियातन गिरफ्तारी थी।"
नई दिल्ली। देश के संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के पड़पोते राजरतन अंबेडकर ने एक वीडियो पोस्ट के जरिए हाथरस कांड की पोल खोलकर रख दी है। राजरतन ने वीडियो में हाथरस के जिला प्रशासन और मेडिकल स्टाफ की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए हैं। राजरत्न अंबेडकर ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश में जंगलराज है और हाथरस के पीडि़त परिवार की लड़ाई अंबेडकर परिवार लड़ेगा।
अपने वीडियो पोस्ट में वह यह कहते हुए सुनाई दे रहे हैं कि 'आज सुबह पांच बजे हम हाथरस के लिए निकले। हाथरस के एसपी ने हमें गांव तक जाने से रोका। फिर भी हम वहां सपा-बसपा के प्रदर्शन में शामिल हुए। फिर मेरी यहां पर जिलाधिकारी से एक घंटे तक चर्चा हुई। एफआईआर और मेडिकल की कॉपी हम लोगों ने देखी है। इसलिए मैं यह सच देश और दुनिया के लोगों को बताना चाहता हूं।'
राजरतन आगे कहते हैं कि 'किसी की साइकिल भी गुम हो जाती है तो दो पन्नों की एफआईआर है। पहली बात तो यह बात को अजीब लगती होगी कि जब ब्राह्मणों की बच्ची से बलात्कार होता है तो उसकी पहचान छिपा कर रखते हैं, उसका नाम भी नहीं पता होता है। निर्भया का नाम बताइए मुझे क्या है? लेकिन हमारी बच्ची का पहले दिन से उसकी पहचान बतायी गई कि वह मनीषा वाल्मिकी है, यानि वह वाल्मिकी समुदाय से है बाकि किसी को आंदोलन करने की जरूरत नहीं है।'
'एफआईआर हम लोगों ने देखा सिर्फ चार वाक्यों का एफआईआर है, गैंगरेप केस का सिर्फ चार वाक्यों का एफआईआर लिखा गया है। चार वाक्यों में क्या है मां का नाम, भाई का नाम और मनीषा का नाम लिखा है। ये तीनों रात की साढ़े नौ बजे खेत पर बाजरा काटने गये थे। भाई घर में घास रखने जाता है, फिर जो ठाकुर लड़का है वह मनीषा का गला दबाता है और उतने में मां चिल्लाती है और भाई दौड़ कर आ जाता है और ये ठाकुर लड़का भाग जाता है। बस इतना ही वाकिया एफआईआर में बताया गया है। अब पुलिस की थ्येरी क्या है ये देखिए। पुलिस की थ्येरी है कि उसने सिर्फ गला दबाया था और भाई आ गया तो वह भाग गया, फिर लड़की गिर गई और गिरने के बाद एक ईंट पर गले के पीछे का भाग टकरा गया और जबान बाहर आई और जबान बाहर आने के बाद दांतों के नीचे वह कट गयी।'
'14 सितंबर को यह गैंगरेप होता है, 22 सितंबर को मेडिकल होता है। आठ दिनों के बाद मेडिकल रिपोर्ट की जाती है। मेडिकल रिपोर्ट कहती है कि कहीं भी शरीर पर चोट नहीं है। इसलिए मैने कहा कि लड़की को कुछ हुआ ही नहीं वो अपने आप मर गई। क्योंकि मेडिकल रिपोर्ट कहता है न तो बलात्कार की कोशिश की गई है, खरोंच तक नहीं मेडिकल रिपोर्ट में। जितने भी मेडिकल डॉक्टर्स हैं सारे ठाकुर हैं, खुद डीएम ठाकुर हैं, गुनहगार ठाकुर हैं, सभी लोग यहां पर ठाकुर हैं। इसलिए इनपर कोई बात न आये, इन्होंने मेडिकल रिपोर्ट दूसरे जिले से बनवाई है।'
'आज मैं सुप्रीम कोर्ट के वकील साथ में लेकर गया था। उनकी सारी थ्येरी हमने सुनी और देखिए मेरे पर किस तरह का प्रेशर था। मुझे डीएम कहता है कि आप यहां से घोषणा करो कि रेप हुआ ही नहीं था। इस तरह का दबाव मेरे ऊपर आ सकता है, तो सोचिए पीड़ित परिवार पर कितना होगा। हमको परिवार से मिलने नहीं दिया जा रहा है। गांव को बंद करके रखा हुआ है और कह रहे हैं कि गांव में तनाव है। तो यह तनाव किसने पैदा किया? पूरी पुलिस और मेडिकल स्टाफ इसमें शामिल है।'
'पुलिस प्रशासन इतने निचले स्तर पर गिरी हुई है उत्तर प्रदेश की कि सही में जंगलराज क्या होता है वहां पर जाकर देखलो। यह नैचुरल है कि पीड़ित परिवार यह केस नहीं लड़ेंगे। क्योंकि एक बच्ची को वह गंवा चुके हैं, वह अपने बेटे और बीवी को नहीं गंवाना चाहते हैं। इसलिए उनके ऊपर बहुत प्रेशर है। जब हमने उनसे पूछा कि आपने रात के ढाई बजे उस बच्ची के शव को क्यों जलाया तो कहते हैं कि ये परिवार उस शव को लेकर बार्गेनिंग कर रही थी कि एक लाख दो, दो लाख दो, दस लाख दो और जब फिर जब इनका पच्चीस लाख पर डन हो गया तब शव को जला दिया। ये पुलिस की थ्येरी है।'(sabrangindia)
बेंगलुरु, 3 अक्टूबर (आईएएनएस)| संसद में विवादास्पद कृषि विधेयकों को पारित करने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता एम. मल्लिकार्जुन खड़गे ने शुक्रवार को कहा कि मोदी देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के दिए नारे 'जय जवान, जय किसान' के बजाय 'मारो जवान, मारो किसान' में विश्वास करते हैं।
यहां कर्नाटक कांग्रेस भवन में महात्मा गांधी और दिवंगत प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के उपलक्ष्य में कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से आयोजित कार्यक्रम में श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद अपने संबोधन में खड़गे ने आरोप लगाया कि मोदी की नीतियां- चाहे वह नोटबंदी हो, जल्दबाजी में जीएसटी लागू करना हो, या तीनों कृषि विधेयकों को पारित कराना हो--ये तीनों बिल कुछ और नहीं, बल्कि यह भविष्य में 'मारो जवान, मारो किसान' की प्रतिध्वनि हैं।
उन्होंने कहा, "मोदी को हमारे देश का इतिहास पढ़ना चाहिए। कम से कम उन्हें चंपारण सत्याग्रह के बारे में पढ़ना चाहिए। इस सत्याग्रह में, वे किसान थे जो महात्मा गांधी के पीछे खड़े थे और इसने पूरे स्वतंत्रता संग्राम का चेहरा बदल दिया।"
उत्तर प्रदेश सरकार को भी आड़े हाथों लेते हुए खड़गे ने कहा कि देश में दलितों को उनकी राजनीतिक आजादी मिली है, लेकिन वे सामाजिक स्वतंत्रता हासिल करने से बहुत दूर हैं।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में दलितों के साथ कैसा बर्ताव किया जा रहा है, इसे देखने के लिए हर कोई मौजूद था।
खड़गे ने यह भी सवाल किया कि उत्तर प्रदेश पुलिस कांग्रेस नेताओं के साथ बदसलूकी कैसे कर सकती है? हमारे नेता प्रियंका गांधी और राहुल गांधी सबसे शांतिपूर्ण तरीके से हाथरस जा रहे थे। वे बार-बार कह रहे थे कि वे अकेले चले जाएंगे, लेकिन पुलिस ने उनकी बात सुनने के बजाय उनके साथ हाथापाई की। यह सत्ता में होने के दंभ का मामला है।
मध्यप्रदेश के नरसिंह पुर में एक महिला गाँधी जयंती के दिन फांसी पर लटकी मिली जिसका आरोप था कि उसके साथ सामूहिक बलात्कार हुआ है. पुलिस ने इस मामले में बताया-"वह 28 सितम्बर को शिकायत दर्ज़ कराने थाने आयी थी लेकिन उसकी शिकायत दर्ज़ नहीं हुई थी. हमने अब शिकायत दर्ज़ की है और दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है."