मनोरंजन
-भारत डोगरा
हिंदी सिनेमा को प्रायः फार्मूला फिल्मों से जोड़कर देखा जाता है, पर समय-समय पर अनेक गंभीर फिल्मों ने बहुत सार्थक मुद्दे भी उठाए हैं। आज कोविड-19 के दौर में संक्रमण रोग चर्चा में हैं तो संक्रमण रोगों पर बनी अनेक सार्थक हिंदी फिल्में याद आती हैं।
चेतन आनन्द की विख्यात फिल्म नीचा नगर ने स्लम बस्ती में फैले संक्रमण रोग को अन्याय और विषमता से जोड़कर देखा। एक बहुत रसूख वाले बिल्डर की नजर एक ऐसी जमीन पर बड़ी इमारत बनाने की थी जिसकी कीमत बहुत बढ़ रही थी। पर इसके लिए जरूरी था कि एक गंदे नाले का बहाव स्लम बस्ती की ओर कर दिया जाए। ऐसा करने पर स्लम बस्ती में संक्रमण रोग फैल जाता है।
इस फिल्म को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत किया गया। कामिनी कौशल का फिल्मी सफर इस फिल्म से ही आरंभ हुआ, और विख्यात संगीतकार रवि शंकर के लिए भी यह फिल्मी जगत में प्रवेशद्वार था। इस रोग की त्रासद स्थितियों को, बहुत कठिन हालात में निर्धन लोगों की एकजुटता और साहस को फिल्म में प्रभावशाली ढंग से दिखाया गया है।
वी. शान्ताराम ने एक कालजयी फिल्म बनाई थी ‘डाक्टर कोटनिस की अमर कहानी’ जो एक महान डाक्टर के प्रेरणादायक जीवन पर आधारित थी। डाक्टर कोटनिस बहुत प्रतिकूल स्थितियों में चीन के लोगों का साथ देने के लिए वहां द्वितीय विश्व यु़द्ध के दौरान पहुंचे और वहां अन्य उपलब्ध्यिों के साथ उन्होंने अपने जीवन को खतरे में डालकर भी चीनी सैनिकों और गांववासियों को संक्रामक रोग से बचाया। यही बेहद प्रेरणादायक वास्तविक जीवन की कहानी इस फिल्म में दिखाई गई है। डाक्टर कोटनिस की यादगार भूमिका वी. शान्ताराम ने स्वयं की है।
‘नीचा नगर’ और ‘डाक्टर कोटनिस की अमर कहानी’ दो ऐसी फिल्में हैं जो सार्थक हिंदी सिनेमा के इतिहास में अपना स्थान सदा बनाए रखेंगी। लगभग छः-सात दशक बीत जाने के बाद भी इन फिल्मों को देखा जाता है और इन्हें भरपूर प्रशंसा भी मिलती है।
ओ.पी. रलहन की लोकप्रिय फिल्म ‘फूल और पत्थर’ (धर्मेंद्र, माला सिन्हा) वैसे तो एक अपराधी के सुधार की कहानी है, पर इस कहानी में निर्णयक मोड़ एक संक्रमण रोग के समय ही आता है। एक गैंगस्टर की भूमिका में धर्मेंद्र को एक गांव के धनी परिवार के हीरे-जवाहरात चुराने के लिए भेजा जाता है, पर इस मौके पर गांव में प्लेग फैल जाता है और अन्य गांववासियों सहित धनी-परिवार हीरे-जवाहरात लेकर गांव से भाग जाता है। धर्मेंद्र को हीरे तो नहीं मिलते, पर इस धनी परिवार की एक विधवा बहू मिलती है (मीना कुमारी), जिसे धनी परिवार ने यहां प्लेग से मरने के लिए छोड़ दिया है। इस फिल्म में सुधार और त्याग का महत्त्वपूर्ण संदेश है। अचानक प्लेग की चपेट में आए गांव से भागते लोगों और उजड़े हुए वीरान गांव का चित्रण बहुत असरदार ढंग से हुआ है।
संक्रामक रोगों से जुड़े स्टिग्मा के कारण प्रायः हिंदी फिल्म के नायक को इन रोगों से दूर रखा गया है, पर राज कपूर ने अपनी लोकप्रिय फिल्म ‘आह’ में तपेदिक के मरीज की भूमिका बहुत असरदार ढंग से निभाई थी। नायक कोे इलाज के लिए अनेक महीने सैनेटोरियम में भी गुजारने पड़ते हैं और हंसी खुशी की दुनिया से उसे अचानक पूरे अकेलेपन और वीराने में धकेल दिया जाता है। अपने बहुत लोकप्रिय संगीत के कारण भी यह फिल्म चर्चित रही।
अनेक फिल्मों में नायक तो नहीं पर उसके परिवार के किसी व्यक्ति को संक्रामक रोग (प्रायः तपेदिक या टीबी) से ग्रस्त पाया गया और नायक को इलाज के लिए बड़े प्रयास करते हुए दिखाया गया। गुरुदत्त निर्देशित फिल्म बाजी में देव आनन्द को इसी तरह की भूमिका में अपनी तपेदिक से ग्रस्त बहन के लिए बहुत प्रयास करते हुए दिखाया गया। अनुराधा और आनन्द में क्रमशः बलराज साहनी और अमिताभ बच्चन का सेवा भावना से प्रेरित डाक्टरों के रूप में दिखाया गया तो निर्धन, संक्रामक रोगों से त्रस्त मरीजों के लिए बहुत चिंतित हैं।
आज भी जब डाक्टरों को सेवाभाव से कार्य करने की प्रेरणा देनी होती है तो इन तीन फिल्मों को देखने के लिए प्राय कहा जाता है - ‘अनुराधा’ ‘आनन्द’ और ‘डाक्टर कोटनिस की अमर कहानी’।
‘एक डाक्टर की मौत’ फिल्म में ऐसे डाक्टर की कहानी है जो कुष्ठ रोग (लेप्रोसी) से बचाव केे लिए अथक प्रयास करता है, पर इसका श्रेय दूसरों को दिया जाता है।
‘माई ब्रदर निखिल’ में एक एड्स प्रभावित रोगी की, और उसके बनते-बिगड़ते रिश्तों की मार्मिक कहानी है।
इस तरह के अनेक उदाहरण दिए जा सकते हैं कि संक्रामक रोगों जैसे फार्मूला फिल्मों से दूर के विषय की उपेक्षा हिन्दी सिनेमा ने नहीं की है और इस विषय पर अनेक सार्थक फिल्में बनी हैं। उम्मीद है कि कोविड-19 जैसे बहुचर्चित रोग के विभिन्न आयामों पर भी भविष्य में कुछ यादगार फिल्में हिंदी और अन्य भाषाओं में बन सकेंगी।
‘नीचा नगर’ और ‘डाक्टर कोटनिस की कहानी’ जैसी फिल्मों को कलात्मक फिल्मों की श्रेणी में रखा जाता है जबकि ‘आह’ (राज कपूर, नरगिस) और ‘फूल और पत्थर’ (धर्मेंद्र, माला सिन्हा) जैसी फिल्मों को लोकप्रिय, बड़े सितारों वाली, बाक्स-आफिस पर धन बटोरने वाली फिल्मों की श्रेणी में रखा जाता है। इन दोनों तरह की फिल्मों ने अपने-अपने ढंग से संक्रामक रोगों के महत्त्वपूर्ण पहलुओं को उठाया है और उनके बारे में समझ और संवेदनशीलता बढ़ाने में योगदान दिया है।
ऐसी फिल्मों और फिल्म निर्माताओं का योगदान सराहनीय है, पर साथ में यह नहीं भूलना चाहिए कि हिन्दी फिल्म जगत की कुल फिल्मों में ऐसी सार्थक फिल्मों का प्रतिशत बहुत कम है। ऐसी सार्थक फिल्मों का प्रतिशत बढ़ सके और वे अधिक दर्शकों तक पंहुच सकें, इसके लिए अभी बहुत कुछ करने की जरूरत है और जहां इन प्रयासों में सरकारों का भी महत्त्वपूर्ण योगदान हो सकता है, वहां सार्थक फिल्मों की महत्त्वपूर्ण भूमिका समझने वाले सभी लोगों को आपसी सहयोग से ऐसे प्रयास बढ़ाने चाहिए। हाल के समय में सार्थक, उद्देश्यपूर्ण फिल्मों की संख्या में कमी आई है। ऐसी अधिक फिल्में बन सकें इसके लिए बहुपक्षीय प्रयास जरूरी हैं।(navjivan)
बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद प्रवासी मजदूरों को बस, ट्रेन और फ्लाइट के जरिए उनके घर पहुंचाने का काम अभी तक कर रहे हैं। अभिनेता के इस कदम की सभी लोग खूब सराहना कर रहे हैं। सोनू सूद से अब भी लोग ट्विटर के जरिए मदद मांग रहे हैं। सोनू सूद प्रवासी मजदूरों और कामगारों के लिए अब पूरी तरह से मसीहा बन चुके हैं। अब इससे भी एक कदम आगे बढ़ सोनू सूद घर जाते वक्त घायल हुए और जिनकी मौतें हुईं, उनके परिवार की मदद करेंगे।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, सोनू सूद और उनकी टीम ऐसे 400 प्रवासी मजदूरों और कामगारों के परिवार मदद करेगी जिनकी अपने घर लौटते वक्त मौत हो गई या फिर वह घायल हो गए। सोनू और उनकी दोस्त नीति गोयल अब इन परिवारों की आर्थिक मदद, बच्चों की पढ़ाई का खर्चा उठाएगी। इन मजदूरों और कामकारों के परिवार के पास आय का कोई जरिया नहीं है।
सोनू सूद और उनकी टीम उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के अधिकारियों के संपर्क में है और मृतक और घायल मजदूरों और कामगारों की जानकारी मांगी है। इस जानकारी में उनके परिवारों का पता और बैंक की जानकारी भी शामिल होंगी, जिससे की डायरेक्ट उनके अकाउंट में आर्थिक सहायता राशि को ट्रांसफर किया जा सकेगा। इसके अलावा सोनू सूद और उनकी टीम इन मजदूरों और कामगारों के बच्चों की शिक्षा और उनके घर बनवाने के लिए आर्थिक मदद करेंगे।
हाल ही में सोनू सूद ने कहा, आप उस वक्त सफलता हासिल करते हैं जब आप कि किसी की मदद करते हैं, नहीं तो आप असफल हैं। इकॉनोमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक सोनू सूद और उनकी टीम 8 जून तक 21000 प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचा चुके हैं।
देशभर में कोरोना वायरस का प्रकोप 4 से भी ज्यादा महीने से जारी है। देशभर में कोरोना वायरस के मामले आए दिन बढ़ते ही जा रहे हैं। इसी बीच बॉलीवुड पर भी कोरोना का प्रकोप शुरू हो गया है। लोगों को इस खतरनाक बीमारी के बारे में आगाह करने वाले अमिताभ बच्चन परिवार समेत कोरोना की चपेट में आ गए हैं। उनके अलावा बॉलीवुड इंडस्ट्री से और केसेज भी आने शुरू हो गए हैं।
अमिताभ बच्चन के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद अभिषेक बच्चन ने अपना कोरोना टेस्ट करवाया और वे भी कोरोना पॉजिटिव निकले। इसके बाद बच्चन परिवार के बाकी सदस्यों का भी कोरोना टेस्ट किया गया।
इसमें एक्ट्रेस ऐश्वर्या राय बच्चन और आराध्या बच्चन भी कोरोना पॉजिटिव पाई गईं। बच्चन परिवार में बस जया बच्चन ही कोरोना निगेटिव पाई गईं।
बॉलीवुड एक्टर अनुपम खेर का परिवार भी कोरोना वायरस की चपेट में आ गया है। एक्टर ने खुद इस बात की जानकारी ट्विटर पर एक वीडियो शेयर करते हुए दी।
उन्होंने बताया कि उनकी मां दुलारी खेर और भाई राजू खेर भी कोरोना वायरस संक्रमित पाए गए हैं। इसके अलावा अनुपम खेर के घर से उनकी भाभी और भांजी की भी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव निकली है।
टीवी सीरियल कसौटी जिंदगी की फेम एक्टर पार्थ समथान ने भी अपना कोरोना का टेस्ट कराया और उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके बाद से कसौटी जिंदगी की सीरियल की शूटिंग को रोक दिया गया है।
उंगली फेम एक्ट्रेस रेचल व्हाइट कोरोना वायरस की चपेट में आ गई हैं। ट्विटर के जरिए उन्होंने इस बात की जानकारी साझा की है। वे फिलहाल होम क्वारनटीन में हैं।
बालाजी टेलीफिल्म्स की एग्जिक्यूटिव वाइज प्रसिडेंट तनुश्री दासगुप्ता भी कोरोना वायरस पॉजिटिव पाई गई हैं। उन्होंने अपनी हेल्थ को लेकर अपडेट दिया है। वे अस्पताल में एडमिट हैं और जल्द छूटेंगी। (आजतक)
देश और दुनिया में कोरोना का कहर दिन, प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। केंद्र सरकार, राज्य सरकार और कई सरकारी और गैर सरकारी संस्थाएं कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के काम में लगी हुई हैं। इस महामारी से निपटने के लिए बहुत से लोगों ने अपनी तरफ से सरकार की मदद करने की कोशिश की है।
फिल्म इंडस्ट्री के फेमस डायरेक्टर रोहित शेट्टी भी कोरोना काल में कोरोना वारियर्स की मदद करने की लगातार कोशिश की है। हाल ही में उन्होंने मुंबई में खाकीधारी कोरोना वारियर्स की मदद के लिए अपनी तरफ 11 होटल उपलब्ध कराए हैं। इस बात की जानकारी रोहित शेट्टी ने नहीं बल्कि मुंबई के पुलिस कमिशनर परम बीर सिंह ने ट्वीट कर दी है।
उन्होंने ट्वीट किया है कि, 'हम रोहित शेट्टी को धन्यवाद देते हैं, जो कोरोना महामारी की शुरुआत से ही खाकी वर्दीधारी महिला और पुरुष पुलिसकर्मियों के लिए निरंतर समर्थन करते रहे हैं। उन्होंने मुंबई में हमारे ऑन ड्यूटी कर्मियों के लिए असीमित उपयोग के लिए 11 होटलों की सुविधा दी है।' इससे पहले भी रोहित शेट्टी मुंबई पुलिस के ऑन ड्यूटी कोरोना वॉरियर्स के लिए 8 होटल उपलब्ध करा चुके हैं
कोरोना पॉजिटिव अमिताभ बच्चन और अभिषेक बच्चन की सेहत अभी ठीक है। नानावती अस्पताल ने हेल्थ बुलेटिन जारी करते हुए कहा है कि अमिताभ और अभिषेक बच्चन की सेहत अभी स्थिर है और दोनों को अस्पताल की आइसोलेशन यूनिट में रखा गया है। कुछ देर पहले जानकारी सामने आई कि जया बच्चन और ऐश्वर्या राय बच्चन की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। लेकिन अब इस सबके चलते रिकॉर्डिंग के लिए मशहूर साउंड एंड विजन डबिंग स्टूडियो को भी कुछ समय के लिए बंद कर दिया गया है।
फिल्म एनालिस्ट कोमल नाहटा के अपने ट्विट में जानकारी दी है कि बीते दिनों अभिनेष बच्चन ने अपनी वेब सीरिज ब्रीद इनटू द शैडो के लिए यहां रिकॉर्डिंग की थी। बीती रात उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद यह बड़ा फैसला लिया गया है। (जी न्यूज)।
बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत के निधन के बाद नेपोटिज्म पर जमकर बहस हो रही है। लेकिन अध्ययन सुमन का मानना है कि इंडस्ट्री में नेपोटिज्म नहीं बल्कि गुटबंदी बड़ी समस्या है। उन्होंने दावा किया कि उनसे लगभग 14 फिल्में छीन ली गईं। इसके साथ ही अध्ययन सुमन ने कहा कि यह चीजें शुरू से चली आ रही हैं लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया।
बॉलीवुड बबल के साथ इंटरव्यू में अध्ययन सुमन ने कहा, इंडस्ट्री में सालों से पावर डायनैमिक्स और गुटबंदी है। यह मेरे साथ भी हुआ है। मुझे 14 फिल्मों से निकाला गया। मेरी फिल्मों के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन को गलत तरीके से पेश किया गया। लोगों ने इस पर पहले ध्यान नहीं दिया। यह दुर्भाग्य की बात है कि इन सब चीजों के बारे में लोगों को अहसास कराने के लिए सुशांत सिंह राजपूत को सुसाइड जैसा कदम उठाना पड़ा।
अध्ययन ने कहा कि बॉलीवुड में कैंप्स टैलेंटेड एक्टर्स को आगे बढऩे नहीं देते हैं। उन्होंने कहा, लोग आंख बंद कर नेपोटिज्म के खिलाफ लड़ रहे हैं और बात कर रहे हैं। मैं कहना चाहूंगा कि नेपोटिज्म पर लड़ाई मत करिए बल्कि इंडस्ट्री में मौजूद गुटबंदी, कैम्स और उन प्रोडक्शन हाउस के खिलाफ लडि़ए, जो प्रतिभासाली स्टार्स को अपनी जगह नहीं बनाने देते हैं।
इससे पहले एक इंटरव्यू के दौरान अध्ययन सुमन ने कहा था कि स्टार किड होते हुए काम न मिलना काफी डिप्रेसिंग होता है। कहीं न कहीं केवल एक स्टार या एक्टर को ही ब्लेम नहीं करना चाहिए। ऑडियंस भी इसमें शामिल होती है। सच यह है कि ऑडियंस भी नेपोटिज्म फैलाने वाले लोगों का सपोर्ट करती है। तभी तो ये लोग बड़े बनते हैं और माफिया गैंग चलाने लगते हैं।
अध्ययन ने कहा था, मैं खुद इस गैंग का कहीं न कहीं हिस्सा रहा हूं। हालांकि, मैं उस व्यक्ति का नाम नहीं लेना चाहता। हां, यह जरूर बताना चाहता हूं कि वह मेरे से मिला, अपना पर्सनल नंबर भी दिया। लेकिन मेरे फोन का उसने आज तक जवाब नहीं दिया। तो समझिए कि ऐसा नहीं होता कि आप आउटसाइडर हैं, इसलिए आपका फोन नहीं उठाया जाता। मेरे पास नौ साल तक काम नहीं था और इन सालों में किसी ने मेरा फोन नहीं उठाया। 2011 से 2015 तक मैं डिप्रेशन से जूझ रहा था। (लाइव हिन्दुस्तान)
अपने समय की बेहद खूबसूरत अभिनेत्री और पूर्व मिस इंडिया संगीता बिजलानी ने हाल ही में अपना 60वां जन्मदिन मनाया। उनका जन्म 9 जुलाई 1960 को मुंबई में हुआ था। उन्हें देखकर, यह कहना मुश्किल होगा कि वह 60 साल की हैं, क्योंकि आज भी संगीता ने खुद को बहुत फिट और सुंदर रखा है। शुरुआत से ही वह अपनी प्रोफेशनल लाइफ से ज्यादा अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर चर्चा में रही हैं।
सुपरस्टार सलमान खान के साथ उनका नाम सुर्खियों में था। यहां तक कि कुछ सूत्रों से पता चला है कि दोनों शादी भी करने वाले थे और कहा जाता है कि उनकी शादी के कार्ड भी छप चुके थे लेकिन आखिरी मौके पर संगीता ने शादी करने से इनकार कर दिया।
संगीता को बचपन से ही ग्लैमर वल्र्ड से प्यार था। उन्होंने वर्ष 1980 में मिस इंडिया का खिताब जीता। इन सब के बाद वह मॉडलिंग के साथ साथ फिल्मों में एक बड़ा नाम बन गई थीं। इस दौरान संगीता और अभिनेता सलमान खान एक-दूसरे को दिल दे बैठे थे। एक रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों 27 मई 1994 को शादी करने वाले थे। संगीता के मुताबिक, सलमान ने खुद ही अपनी शादी की तारीख तय की थी।
संगीता और सलमान ने साल 1986 में एक दूसरे को डेट करना शुरू किया था, उस समय संगीता फिल्मों में नहीं आई थीं। खबरों की मानें तो दोनों करीब 10 साल से रिलेशनशिप में थे। यह भी माना जाता है कि उनका प्रेम भरा रिश्ता शादी तक पहुंच गया था। इतना ही नहीं, ऐसी भी खबरें थीं कि दोनों की शादी का कार्ड भी छप चुका है। सलमान ने खुद फिल्म निर्माता करण जौहर के लोकप्रिय चैट शो कॉफ़ी विद करण में यह बात कबूल की कि संगीता ने शादी का कार्ड छपवाया था लेकिन उन्होंने खुद इस शादी से इनकार कर दिया।
मुम्बई, 11 जुलाई । बॉलीवुड में जुबली कुमार के नाम से मशहूर राजेन्द्र कुमार ने कई सुपरहिट फिल्मों में अपने दमदार अभिनय से दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया लेकिन उन्हें अपने करियर के शुरुआती दौर में कड़ा संघर्ष करना पड़ा था।
20 जुलाई 1929 को पंजाब के सिलाकोट शहर में एक मध्यम वर्गीय परिवार में जन्में राजेन्द्र कुमार अभिनेता बनने का ख्वाब देखा करते थे। जब वह अपने सपनों को साकार करने के लिये मुम्बई पहुंचे थे तो उनके पास मात्र पचास रुपए थे, जो उन्होंने अपने पिता से मिली घड़ी बेचकर हासिल की थी। घड़ी बेचने से उन्हें 63 रुपए मिले थे जिसमें 13 रुपए से उन्होंने फ्रंटियर मेल का टिकट खरीदा। मुंबई पहुंचने पर गीतकार राजेन्द्र कृष्ण की मदद से राजेन्द्र कुमार को 150 रुपए मासिक वेतन पर वह निर्माता-निर्देशक एच. एस. रवैल के सहायक निर्देशक के तौर पर काम करने का अवसर मिला। वर्ष 1950 में प्रदर्शित फिल्म, जोगन, में राजेन्द्र कुमार को काम करने का अवसर मिला। इस फिल्म में उनके साथ दिलीप कुमार ने मुख्य भूमिका निभायी थी।
वर्ष 1950 से वर्ष 1957 तक राजेन्द्र कुमार फिल्म इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाने के लिये संघर्ष करते रहे। फिल्म जोगन के बाद उन्हें जो भी भूमिका मिली वह उसे स्वीकार करते चले गये। इस बीच उन्होंने तूफान और दीया, आवाज और एक झलक जैसी कई फिल्मों मे अभिनय किया लेकिन इनमें से कोई भी फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल नहीं हुयी। वर्ष 1957 में प्रदर्शित महबूब खान की फिल्म उन्हें बतौर पारश्रमिक 1000 रुपए महीना मिला। यह फिल्म पूरी तरह अभिनेत्री नरगिस पर आधारित थी बावजूद इसके राजेन्द्र कुमार ने अपनी छोटी सी भूमिका के जरिये दर्शकों का मन मोह लिया। इसके बाद गूंज उठी शहनाई, कानून, ससुराल, घराना, आस का पंछी और दिल एक मंदिर जैसी फिल्मों में मिली कामयाबी के जरिये राजेन्द्र कुमार दर्शकों के बीच अपने अभिनय की धाक जमाते हुये ऐसी स्थिति में पहुंच गये जहां वह फिल्म में अपनी भूमिका स्वयं चुन सकते थे।
वर्ष 1959 मे प्रदर्शित विजय भटृ की संगीतमय फिल्म गूंज उठी शहनाई बतौर अभिनेता राजेन्द्र कुमार के सिने करियर की पहली हिट साबित हुई। वहीं, वर्ष 1963 में प्रदर्शित फिल्म मेरे महबूब की जबर्दस्त कामयाबी के बाद राजेन्द्र कुमार शोहरत की बुंलदियों पर जा पहुंचे। राजेन्द्र कुमार कभी भी किसी खास इमेज में नहीं बंधे। इसलिए, अपनी इन फिल्मों की कामयाबी के बाद भी उन्होंने वर्ष 1964 में प्रदर्शित फिल्म संगम में राजकपूर के सहनायक की भूमिका स्वीकार कर ली, जो उनके फिल्मी चरित्र से मेल नहीं खाती थी। इसके बावजूद राजेन्द्र कुमार यहां भी दर्शकों का दिल जीतने में सफल रहे।
वर्ष 1963 से 1966 के बीच कामयाबी के सुनहरे दौर में राजेन्द्र कुमार की लगातार छह फिल्में हिट रहीं। मेरे महबूब, जिन्दगी, संगम, आई मिलन की बेला, आरजू और सूरज सभी फिल्मों ने सिनेमाघरों पर सिल्वर जुबली या गोल्डन जुबली मनायी। इन फिल्मों के बाद राजेन्द्र कुमार के करियर में ऐसा सुनहरा दौर भी आया, जब मुम्बई के सभी दस सिनेमाघरों में उनकी ही फिल्में लगी और सभी फिल्मों ने सिल्वर जुबली मनायी। यह सिलसिला काफी लंबे समय तक चलता रहा। उनकी फिल्मों की कामयाबी को देखते हुए उनके प्रशंसकों ने उनका नाम ही, जुबली कुमार, रख दिया था।
राजेश खन्ना के आगमन के बाद परदे पर रोमांस का जादू जगाने वाले इस अभिनेता के प्रति दर्शकों का प्यार कम होने लगा। इसे देखते हुए राजेन्द्र कुमार ने कुछ समय के विश्राम के बाद 1978 में, साजन बिना सुहागन, फिल्म से चरित्र अभिनय की शुरुआत कर दी। राजेन्द्र कुमार के सिने करियर में उनकी जोड़ी सायरा बानो, साधना और वैजयंती माला के साथ काफी पसंद की गयी।
वर्ष 1981 में राजेन्द्र कुमार ने अपने पुत्र कुमार गौरव को फिल्म इंडस्ट्री में स्थापित करने के लिए लव स्टोरी का निर्माण और निर्देशन किया, जिसने बॉक्स आफिस पर जबरदस्त कामयाबी हासिल की। इसके बाद वह कुमार गौरव के करियर को आगे बढाने के लिए ‘नाम’ और ‘फूल’ जैसी फिल्मों का निर्माण किया लेकिन पहली फिल्म की सफलता का श्रेय संजय दत्त ले गए जबकि दूसरी फिल्म बुरी तरह पिट गई और इसके साथ ही कुमार गौरव के फिल्मी करियर पर भी विराम लग गया।
राजेन्द्र कुमार के फिल्मी योगदान को देखते हुए 1969 में उन्हें पदमश्री से सम्मानित किया गया। नब्बे के दशक में राजेन्द्र कुमार ने फिल्मों मे काम करना काफी कम कर दिया। अपने संजीदा अभिनय से लगभग चार दशक तक दर्शकों के दिल पर राज करने वाले महान अभिनेता राजेन्द्र कुमार 12 जुलाई 1999 को इस दुनिया को अलविदा कह गये। राजेन्द्र कुमार ने अपने करियर में लगभग 85 फिल्मों में काम किया। उनकी उल्लेखनीय फिल्मों में तलाक, संतान, धूल का फूल, पतंग, धर्मपुत्र, घराना, हमराही, पालकी, साथी, गोरा और काला, अमन, गीत, गंवार, धरती, दो जासूस, साजन की सहेली, बिन फेरे हम तेरे शामिल हैं।(वार्ता)
-पुण्यतिथि 12 जुलाई
मुंबई, 11 जुलाई । बॉलीवुड में प्राण ऐसे अभिनेता थे, जिन्होंने पचास और सत्तर के दशक के बीच फिल्म इंडस्ट्री पर खलनायकी के क्षेत्र में एकछत्र राज किया और अपने अभिनय का लोहा मनवाया।
प्राण का जन्म 12 फरवरी 1920 को दिल्ली में एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था। उनके पिता केवल कृष्ण सिकंद सरकारी ठेकेदार थे। उनकी कंपनी सडक़े और पुल बनाने के ठेके लिया करती थी। पढ़ाई पूरी करने के बाद प्राण अपने पिता के काम में हाथ बंटाने लगे। एक दिन पान की दुकान पर उनकी मुलाकात लाहौर के मशहूर पटकथा लेखक वली मोहम्मद से हुयी। वली मोहम्मद ने प्राण की सूरत देखकर उनसे फिल्मों में काम करने का प्रस्ताव दिया। प्राण ने उस समय वली मोहम्मद के प्रस्ताव पर ध्यान नहीं दिया लेकिन उनके बार-बार कहने पर वह तैयार हो गये।
वर्ष 1940 में प्रदर्शित फिल्म, यमला जट, से प्राण ने अपने सिने करियर की शुरुआत की। फिल्म की सफलता के बाद प्राण को यह महसूस हुआ कि फिल्म इंडस्ट्री में यदि वह करियर बनायेगें तो ज्यादा शोहरत हासिल कर सकते हैं। इस बीच भारत बंटवारे के बाद प्राण लाहौर छोडक़र मुंबई आ गये। इस बीच प्राण ने लगभग 22 फिल्मों में अभिनय किया और उनकी फिल्में सफल भी हुयी लेकिन उन्हें ऐसा महसूस हुआ कि मुख्य अभिनेता की बजाय खलनायक के रूप में फिल्म इंडस्ट्री में उनका भविष्य सुरक्षित रहेगा ।
वर्ष 1948 में उन्हें बांबे टॉकीज की निर्मित फिल्म, जिद्दी, में बतौर खलनायक काम करने का मौका मिला। फिल्म की सफलता के बाद प्राण ने यह निश्चय किया कि वह खलनायकी को ही करियर का आधार बनाएंगे और इसके बाद प्राण ने लगभग चार दशक तक खलनायकी की लंबी पारी खेली और दर्शको का भरपूर मनोरंजन किया।
वर्ष 1958 में प्रदर्शित फिल्म अदालत में प्राण ने इतने खतरनाक तरीके से अभिनय किया कि दर्शकों को पसीने आ गये। सत्तर के दशक में प्राण खलनायक की छवि से बाहर निकलकर चरित्र भूमिका पाने की कोशिश में लग गये। वर्ष 1967 में निर्माता -निर्देशक मनोज कुमार ने अपनी फिल्म, उपकार, में प्राण को मलंग काका का एक ऐसा रोल दिया जो प्राण के सिने करियर का मील का पत्थर साबित हुआ।
फिल्म, उपकार, में प्राण ने मलंग काका के रोल को इतनी शिद्दत के साथ निभाया कि लोग प्राण के खलनायक होने की बात भूल गये। इस फिल्म के बाद प्राण के पास चरित्र भूमिका निभाने का तांता सा लग गया। इसके बाद प्राण ने सत्तर से नब्बे के दशक तक चरित्र भूमिकाओं से दर्शको का मन मोहे रखा। सदी के खलनायक प्राण की जीवनी भी लिखी जा चुकी है, जिसका टाइटल, एंड प्राण, रखा गया है। पुस्तक का यह टाइटल इसलिए रखा गया है कि प्राण की अधिकतर फिल्मों में उनका नाम सभी कलाकारों के पीछे, और प्राण, लिखा हुआ आता था। कभी-कभी उनके नाम को इस तरह पेश किया जाता था, एबव ऑल प्राण।
प्राण ने अपने चार दशक से भी ज्यादा लंबे सिने करियर में लगभग 350 फिल्मों में अपने अभिनय का जौहर दिखाया। प्राण के मिले सम्मान पर यदि नजर डालें तो अपने दमदार अभिनय के लिये वह तीन बार सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। वर्ष 2013 में प्राण को फिल्म जगत के सर्वश्रेष्ठ सम्मान दादा साहब फाल्के पुरस्कार दिया गया था।
प्राण को उनके कैरियर के शिखर काल में कभी उन्हें फिल्म के नायक से भी ज्यादा भुगतान किया जाता था। फिल्म डॉन में काम करने के लिए उन्हें नायक अमिताभ बच्चन से ज्यादा रकम मिली थी। अपने दमदार अभिनय से दर्शकों को मंत्रमुग्ध करने वाले प्राण 12 जुलाई 2013 को इस दुनिया को अलविदा कह गये।(वार्ता)
माता-पिता की जान होते हैं उनके बच्चे। बॉलीवुड के एक्शन हीरो टाइगर श्रॉफ की मम्मी को भी अपने बच्चों से बेहद प्यार है। सोशल मीडिया पर एक्टिव रहती आयशा श्रॉफ अक्सर अपने बच्चों के साथ तस्वीरों को शेयर करती रहती हैं। टाइगर और कृष्णा के साथ उनकी अच्छी बॉन्डिंग है। हाल ही में उन्होंने टाइगर श्रॉफ की एक ऐसी फोटो शेयर की है, जिसको देखने के बाद किसी भी मां को दया के साथ प्यार भी आ जाएंगा। सोशल मीडिया पर इस तस्वीर को लोग पसंद कर रहे है।
आयशा श्रॉफ ने हाल ही में टाइगर श्रॉफ की एक थ्रोबैक तस्वीर शेयर की है, जिसमें वे जमीन पर सोते हुए देखे जा सकते हैं। तस्वीर में आप देख सकेंगे की जमीन पर टाइगर बिना बिस्तर के लेटे हैं। बेटे को इस तरह से सोता देख मां आयशा को प्यार आ गया और तस्वीर शेयर करते हुए उन्होंने कैप्शन दिया- मेहनत के बाद गहरी नींद आती है। मुझे तुम पर बेहद नाज है टाइगर श्रॉफ। इस तस्वीर पर सोशल मीडिया यूजर्स जमकर कमेंट कर रहे हैं।
आयशा समय-समय पर अपने इंस्टाग्राम पर थ्रोबैक तस्वीरों को शेयर करती रहती हैं। कुछ समय पहले आयशा ने जैकी श्रॉफ के साथ एक तस्वीर शेयर की थी। आयशा दिशा पाटनी के साथ भी खास बॉन्डिंग शेयर करती हैं।
वर्कफ्रंट की बात करें पिछली बार टाइगर श्रॉफ फिल्म बागी 3 में नजर आए थे। साल 2019 में टाइगर की फिल्म वॉर रिलीज हुई थी, जो उनके करियर की सबसे बड़ी फिल्म साबित हुई। फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर 300 करोड़ से अधिक का कारोबार किया था। वॉर में टाइगर और ऋतिक रोशन ने पहली बार साथ काम किया था। वहीं, जल्द टाइगर फिल्म हीरोपंती 2 में नजर आएंगे। इस फिल्म के लिए वह तैयारी कर रहे हैं। फिल्म को अगले साल जुलाई में रिलीज करने की तैयारी है। इस फिल्म का निर्देशन अहमद खान कर रहे हैं। (न्यूज18)
एक तरफ जहां दर्शक वॉर के बाद ऋतिक रोशन की अगली फिल्म के ऐलान के इंतजार में बैठे हैं, तो वहीं दूसरी ओर शाहरुख खान के फैंस उन्हें बड़े पर्दे पर देखने के लिए उतावले हो रहे हैं। ऐसे में दोनों के फैंस के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है, जिसे जानकर वे बेहद खुश होने वाले हैं। खबर है कि ऋतिक रोशन की अगली फिल्म कृष 4 हो सकती है, जिसकी तैयारी बड़े जोर शोर से चल रही है। इस फिल्म के निर्माता-निर्देशक इसके प्री-प्रोडक्शन में जी जान से जुटे हैं और इन दिनों स्क्रिप्टिंग पर काफी काम चल रहा है।
साथ ही खबर ये भी है कि इस फिल्म के लिए ऋतिक ने शाहरुख से भी हाथ मिलाया है। खबर के अनुसार शाहरुख खान फिल्म कृष 4 में एक अहम भूमिका निभाने वाले हैं। खबर के अनुसार ऋतिक रोशन की इस फिल्म के ग्राफिक्स और विजुएल इफेक्ट्स की जिम्मेदारी शाहरुख की कंपनी रेड चिलीज एंटरटेनमेंट को दी गई है।
माना जा रहा है कि फिल्म में इस बार ऋतिक रोशन बनाम कई सुपर विलेन के बीच की जंग होगी। ऐसे में यह साफ है कि इन सुपर विलेन को बनाने की जिम्मेदारी शाहरुख खान को दी गई है। खबर तो ये भी है कि इस बार कृष 4 में जादू की भी वापसी होने जा रही है। बता दें, साल 2003 इस फिल्म का पहला पार्ट आया था, जिसका नाम कोई मिल गया था, इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर हंगामा मचा दिया था। इस फिल्म में जादू (एक एलियन) की एक अहम भूमिका थी, जो बच्चों के बीच काफी पॉपुलर भी हुआ था। (जी न्यूज)
स्वरा भास्कर के घर में लॉकडाउन के बीच ही शहनाईयां बजीं और पूरे परिवार ने जमकर एक साथ मस्ती की। दरअसल, लॉकडाउन के दौरान स्वरा भास्कर के मामा ने तय किया कि स्वरा की मामी को घर ले आया जाए और बस पूरा परिवार शादी की शहनाइयों में डूब गया। स्वरा ने एक इंस्टाग्राम पोस्ट में अपने घर में हुए जश्न की तस्वीरें साझा की और इन तस्वीरों में वो बेहद खूबसूरत लग रही हैं। स्वरा ने अपनी मामी की मेहंदी सेरेमनी पर सादी सी साड़ी पहनी।
स्वरा की ये तस्वीरें इंटरनेट पर तेज़ी से वायरल हो रही हैं।
स्वरा के घर शादी ठहाकों के बीच स्वरा परिवार के साथ काफी मस्ती करती नज़र आईं और ये तस्वीरें उनकी मस्ती का सुबूत हैं।
नई सदस्य स्वरा ने अपनी मामी के साथ तस्वीर शेयर करते हुए कहा कि फाईनली वो दिन आ ही गया जब आप आधिकारिक तौर पर मेरी मामी बन गईं।
टीवी के पॉप्युलर कॉमेडी शो 'द कपिल शर्मा शो' को लॉकडाउन के दौरान दर्शकों ने काफी मिस किया। लेकिन अब मिड जुलाई से इस शो के नए एपिसोड्स टेलिकास्ट किए जाएंगे। शूटिंग शुरू हो चुकी है। खबर आ रही है कि शो के परफॉर्मर कृष्णा अभिषेक और भारती सिंह भी कुछ नया करने वाले हैं। हाल ही में कृष्णा ने एक पोस्ट शेयर की, जिसमें उन्होंने खुलासा किया कि वह भारती सिंह संग अपना एक नया शो लॉन्च करने वाले हैं। यह शो भी कॉमेडी का डोज़ दर्शकों तक पहुंचाएगा। दोनों की जोड़ी एक बार फिर दर्शकों को अलग अंदाज में हंसाने की कोशिश करेगी।
कृष्णा ने सोशल मीडिया पर अपने शो का फर्स्ट लुक जारी करते हुए लिखा कि बहुत लंबे समय बाद शूटिंग पर लौटे हैं। हर 10 मिनट में हाथ सैनिटाइज कर रहे हैं। सोशल डिस्टेंसिंग का भी तरीके से पालन किया जा रहा है। हर लंच या डिनर ब्रेक में कॉस्ट्यूम बार-बार धुलते हैं। स्टाफ पूरी तरह से पीपीई किट में कवर रहता है और हमारे साथ बिलकुल नहीं घुलता-मिलता। ये हमारा नया शो, फनहित में जारी।
कृष्णा अभिषेक 'द कपिल शर्मा शो' में सपना के किरदार में नजर आते रहे हैं। वहीं भारती भी कपिल के शो में कई किरदार निभाती हुई दिखाई दी हैं। कृष्णा ने इस नए शो में कॉमेडियन मुजीब भी नजर आने वाले हैं। ये तीनों ही इससे पहले भी कुछ शोज में साथ नजर आ चुके हैं। भारती और कृष्णा का यह नया शो भारती के पति और राइटर हर्ष लिंंबाचिया का प्रोडक्शन हाउस बना रहा है।
दिग्गज कॉमेडियन और एक्टर जगदीप ने बुधवार रात दुनिया को अलविदा कह दिया। 81 साल की उम्र में उनका देहांत हो गया। सूरम भोपाली के नाम से मशहूर जगदीप के निधन से बॉलीवुड गलियारों में शोक की लहर है। जगदीप का हिंदी सिनेमा में योगदान भुलाया नहीं जा सकता।
2019 में जगदीप को IIFA अवॉर्ड्स में विशेष सम्मान दिया गया था। जगदीप को हिंदी सिनेमा में उनके बेहतरीन योगदान के लिए आईफा अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। जगदीप को आउटस्टैंडिंग कंट्रीब्यूशन टू इंडियन सिनेमा का अवॉर्ड डायरेक्टर रमेश सिप्पी और एक्टर रणवीर सिंह ने दिया था। तब जगदीप आईफा के मंच पर व्हीलचेयर में बैठकर अवॉर्ड लेने पहुंचे थे। IIFA में सभी एक्टर्स ने मिलकर जगदीप को ट्रिब्यूट दिया था। स्टेज पर जगदीप के साथ उनके बेटे जावेद जाफरी, नावेद जाफरी और उनके पोते मीजान जाफरी मौजूद थे।
जगदीप को उनके कॉमिक रोल्स के लिए जाना जाता था। कॉमिक किरदार में जगदीप का कोई सानी नहीं था। उनकी कॉमिक टाइमिंग जबरदस्त थी। अपने करियर में जगदीप ने 400 से ज्यादा फिल्मों में काम किया था। कम उम्र से ही जगदीप ने इंडस्ट्री में काम करना शुरू कर दिया था। फिल्म शोले में उनके द्वारा निभाया गया किरदार सूरमा भोपाली आज तक लोगों के बीच पॉपुलर है। जगदीप का असली नाम सैय्यद इश्तियाक अहमद जाफरी था। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत बीआर चोपड़ा की फिल्म अफसाना से बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट की थी। अपने उम्दा रोल्स के लिए जगदीप को कई बार अवॉर्ड्स से सम्मानित किया गया था। उनका जाना फिल्म इंडस्ट्री के लिए बड़ी क्षति है। इस साल बॉलीवुड ने अपने कई बड़े कलाकारों को खोया है। इस फेहरिस्त में अब जगदीप का नाम भी जुड़ गया है। (आजतक)
सरोज खान के काम की जितनी तारीफ की जाए वो कम है। एक दिन ऐसा भी था जब 8 महीने की अपनी बेटी का शव को दफन करने के तुरंत बाद उन्होंने दम मारो दम की शूटिंग के लिए उसी शाम ट्रेन पकड़ ली थी।
सरोज खान अब इस दुनिया से दूर चली गई हैं, लेकिन बॉलिवुड को जितना उन्होंने दिया है उसे कभी भी भुलाया नहीं जा सकता। अपने करियर में 2000 से अधिक गानों को कोरियॉग्राफ कर चुकीं सरोज खान को '"The mother of Choreography in India' ' का टैग दिया गया है। हालांकि, सरोज खान के लिए यहां तक पहुंचने का सफर बहुत मुश्किल भरा रहा है। उन्होंने पर्सनल लाइफ में इतने बुरे दिन देखे हैं, जिसके बाद अक्सर लोग हार मान लेते हैं, लेकिन सरोज खान हार मानने वालों में से नहीं थीं। एक ऐसा ही किस्सा उनकी बेटी की मौत से जुड़ा है।
साल 2014 में अपने एक इंटरव्यू में उन्होंने अपनी लाइफ से जुड़ी इस दर्दनाक घटना को लेकर खुद बातें की थीं। सरोज खान ने 13 साल की उम्र में डांस मास्टर सोहनलाल से शादी रचाई जो उनसे करीब 28 साल बड़े थे। 14 साल में उन्हें बेटा भी हो गया, जिसका नाम उन्होंने राजू (हामिद खान) रखा। इसके बाद उन्हें एक बेटी हुई, जो महज 8 महीने ही जिंदा रही। सरोज खान ने अपने इंटरव्यू में इसी घटना का जिक्र करते हुए कहा था, मेरी बेटी 8 महीने और 5 दिन की थी, जब उसका निधन हो गया। उसे दफन करने के बाद उसी दिन शाम को 5 बजे मैंने फिल्म हरे रामा हरे कृष्णा के गाने दम मारो दम की शूटिंग के लिए ट्रेन पकड़ ली।
इसके बाद सरोज खान को सोहनलाल से एक और बेटी हुई, जिसका नाम कुकू रखा और फिर उनकी यह शादी टूट गई। हालांकि साल 2011 में सुकैना का भी निधन हो गया और एक बार फिर सरोज खान पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। हालांकि, इस दौरान पर लगातार काम करती रहीं सरोज खान। सोहनलाल से अलग होने के बाद सरोज खान ने इसके बाद सरदार रोशन खान से शादी की थी और उन्हें उनसे एक बेटी सुकैना हुईं। (नवभारत टाईम्स)
पापा ने कभी मेरे लिए काम नहीं मांगा
बॉलीवुड में नेपोटिज्म पर काफी डिबेट देखने को मिल रही है। कई मौकों पर तो एक दूसरे पर ही आरोप-प्रत्यारोप का खेल देखने को मिल रहा है। लेकिन कई स्टार किड्स ऐसे भी जो खुद को नेपोटिज्म की डिबेट से नहीं जोड़ते हैं। उन्हें लगता है कि उन्होंने अपनी जिंदगी में खासा संघर्ष किया है और अपनी मेहनत के बलबूते एक मुकाम हासिल किया है। ऐसी ही एक कलाकार हैं जॉनी लीवर की बेटी जैमी लीवर।
जैमी लीवन ने हाल ही में मिड डे को एक इंटरव्यू दिया था। इंटरव्यू में जैमी ने नेपोटिज्म पर खुलकर अपने विचार रखे थे। उन्होंने न सिर्फ खुद को स्टार किड्स से दूर किया था,बल्कि अपने संघर्ष के बारे में भी बताया। जैमी कहती हैं- जब लोग नेपोटिज्म की बात करते हैं, तब ये सभी स्टार किड्स पर लागू नहीं होता है। सभी स्टार किड्स को समान मौके नहीं मिलते हैं। मेरी जर्नी काफी अलग रही है। इंडस्ट्री में पक्षपात तो है, लेकिन नेपोटिज्म नहीं। जैमी की माने तो इंडस्ट्री में पक्षपात तो होता दिख जाता है। कुछ लोगों को स्पेशल ट्रीटमेंट दिया जाता है।
लेकिन ये सब बताने के बावजूद जैमी को लगता है कि उनकी जिंदगी दूसरों से अलग है। वो मानती हैं कि उनके पिता जॉनी लीवर ने अपनी जिंदगी में काफी धक्के खाए हैं। जैमी कहती हैं- मेरे पिता ने फिल्मों को अपनी जॉब की तरह देखा है, उन्होंने इसे अपनी जिंदगी नहीं माना। वो फिल्म की शूटिंग करते थे, फिर अपने घर आ जाया करते थे। उनकी जिंदगी तो परिवार और दोस्त थे। हम कभी भी किसी फिल्मी पार्टी का हिस्सा नहीं होते थे। हम किसी ग्रुप का हिस्सा नहीं रहे।
वहीं जैमी ने इस बात पर भी जोर दिया कि जॉनी लीवर ने कभी भी उनके लिए किसी दूसरे इंसान को फोन नहीं मिलाया। जैमी ने सभी जगह खुद ऑडिशन दे अपना मुकाम हासिल किया है। जॉनी लीवर ने कभी भी उनके लिए कोई मदद या फेवर नहीं मांगा। इस बात में तो कोई दो राय नहीं कि जैमी ने अपने करियर में संघर्ष किया है। उन्होंने अपनी कॉमेडी का लोहा कॉमेडी सर्कस शो में मनवाया था। उन्होंने कई शोज का हिस्सा बन अपनी पहचान बनाई है। अब जैमी एक लोकप्रिय चेहरा हैं जो अपनी मिमिक्री के लिए जानी जाती हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर कई फनी वीडियोज शेयर किए हैं। (आजतक)
लॉकडाउन खुलने का इंतजार करते बूढ़े हुए...
मुंबई (मुंबई)। कोरोना वायरस की वजह से लगे लॉकडाउन में भले ही सरकार ने कुछ हद तक छूट दे दी हो, लेकिन देश के लोग और बॉलीवुड स्टार्स अभी भी सावधानी बरत रहे हैं। वे बाहर नहीं जा रहे हैं। लोगों को अभी भी जरूरत नहीं होने पर बाहर निकलने की मनाही है। यही वजह है कि बहुत सारे लोग घर बैठकर महामारी के पूरी तरह सफाए का इंतजार कर रहे हैं। शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा ने अपना हाल एक फोटो के जरिए दिखाया है।
राज कुंद्रा ने एक फोटो ट्विटर पर शेयर की है जिससे पता चलता है कि लॉकडाउन में रहते हुए उनका और शिल्पा शेट्टी का क्या हाल हो गया है। फोटो में राज और शिल्पा बैठे दिखाई देते हैं और बहुत बूढ़े हो चुके हैं। दोनों ने एक दूसरे का हाथ थामा हुआ है। राज, शिल्पा से पूछ रहे हैं कि बेबी लॉकडाउन कब खत्म होगा? इस फोटो के कैप्शन में राज ने लिखा- शिल्पा शेट्टी के साथ लॉकडाउन के खत्म होने का इंतजार करते हुए।
शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा अक्सर सोशल मीडिया पर मजेदार वीडियो शेयर करते रहते हैं। इसमें दोनों की मस्ती देखने वाली होती है। शिल्पा और राज इंडस्ट्री के सबसे लोकप्रिय कपल्स में से एक हैं। मस्ती के साथ-साथ यह जोड़ी योग की भी दीवानी है। योग शिल्पा शेट्टी और उनके परिवार का बड़ा हिस्सा है। (loktej)
मुंबई 8 जुलाई । कोरोना वायरस की वजह से लगे लॉकडाउन में भले ही सरकार ने कुछ हद तक छूट दे दी हो, लेकिन देश के लोग और बॉलीवुड स्टार्स अभी भी सावधानी बरत रहे हैं। वे बाहर नहीं जा रहे हैं। लोगों को अभी भी जरूरत नहीं होने पर बाहर निकलने की मनाही है। यही वजह है कि बहुत सारे लोग घर बैठकर महामारी के पूरी तरह सफाए का इंतजार कर रहे हैं। शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा ने अपना हाल एक फोटो के जरिए दिखाया है।
राज कुंद्रा ने एक फोटो ट्विटर पर शेयर की है जिससे पता चलता है कि लॉकडाउन में रहते हुए उनका और शिल्पा शेट्टी का क्या हाल हो गया है। फोटो में राज और शिल्पा बैठे दिखाई देते हैं और बहुत बूढ़े हो चुके हैं। दोनों ने एक दूसरे का हाथ थामा हुआ है। राज, शिल्पा से पूछ रहे हैं कि बेबी लॉकडाउन कब खत्म होगा? इस फोटो के कैप्शन में राज ने लिखा- शिल्पा शेट्टी के साथ लॉकडाउन के खत्म होने का इंतजार करते हुए।
शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा अक्सर सोशल मीडिया पर मजेदार वीडियो शेयर करते रहते हैं। इसमें दोनों की मस्ती देखने वाली होती है। शिल्पा और राज इंडस्ट्री के सबसे लोकप्रिय कपल्स में से एक हैं। मस्ती के साथ-साथ यह जोड़ी योग की भी दीवानी है। योग शिल्पा शेट्टी और उनके परिवार का बड़ा हिस्सा है।(loktej)
मुंबई, 7 जुलाई । बॉलीवुड निर्देशक ओम राउत माचो मैन ऋतिक रौशन और बाहुबली स्टार प्रभास को लेकर फिल्म बना सकते हैं।
बॉलीवुड में चर्चा है कि तानाजी द अनसंग वॉरियर के निर्देशक ओम राउत एक्शन फिल्म बनाने जा रहे हैं जिसमें ऋतिक रौशन और प्रभास की मुख्य भूमिका होगी। यह पहली बार ऐसा होगा जब ऋतिक और प्रभास को एक साथ पर्दे पर देखा जाएगा।
कहा जा रहा है कि इस फिल्म को लेकर निर्माता-निर्देशक जल्दी ही आधिकारिक घोषणा कर सकते हैं। मेगा बजट फिल्म के लिए प्रभास अपनी ओर से हामी भर दी है जबकि ऋतिक रोशन के साथ चर्चा चल रही है।(वार्ता)
बॉलीवुड के मशहूर एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की आखिरी फिल्म दिल बेचारा का ट्रेलर रिलीज हो चुका है। इस फिल्म में संजना सांघी लीड एक्ट्रेस हैं। दोपहर 4 बजे के करीब इसके ट्रेलर को यूट्यूब पर रिलीज किया गया। रिलीज के साथ ही फिल्म के ट्रेलर को 3.7 मिलियन लाइक्स मिला। हालांकि 24 घंटे के अंदर इस फिल्म के ट्रेलर को यूट्यूब पर 4.5 मिलियन लाइक्स मिले हैं, जो कि हॉलीवुड की ब्लॉकबस्टर फिल्म एवेंजसर्: इंफिनिटी वॉर एंडगेम के ट्रेलर से भी ज्यादा है। डीएन रिपोर्ट की मानें तो मेगा बजट फिल्म एवेंजसर्: इंफिनिटी वॉर ने 3.6 मिलियन लाइक्स हासिल किया था। इसी के साथ भारतीय सिनेमा के इतिहास में यह सर्वाधिक पसंद किया गया ट्रेलर बन गया है।
फिल्म दिल बेचारा का ट्रेलर जैसे ही सामने आया लोगों ने इसे काफी पसंद किया। बॉलीवुड के भी कई सितारों ने भी इसकी तारीफ कर एक बार फिर से सुशांत को याद करते हुए श्रद्धाजंलि दे रहे हैं। इसी के साथ फैंस अपने इस चहिते स्टार को ट्रिब्यूट देना चाहते हैं, जिसके लिए फैंस फिल्म पर जमकर प्यार लुटा रहे हैं। ट्रेलर के रिकॉर्ड को देखकर लग रहा है कि जिस तरह से दर्शक प्यार दिखा रहे हैं उससे आने वाले समय ये फिल्म आगे और भी कई ऐसे रिकॉर्ड बनाएगी जो सभी को हैरान करने वाला रिकॉर्ड हो सकता है।
फिल्म के ट्रेलर में सुशांत सिंह राजपूत के कुछ ऐसे डायलॉग्स हैं, जिसे सुनते ही किसी की भी आंखें भर आएंगी। ट्रेलर के एक सीन में सुशांत सिंह राजपूत कह रहे हैं कि, जन्म कब लेना है और मरना कब है। ये हम डिसाइड नहीं कर सकते है पर कैसे जीना है वो हम डिसाइड कर सकते हैं। दिल बेचारा कास्टिंग डायरेक्टर मुकेश छाबड़ा की बतौर डायरेक्टर पहली फिल्म है। इस फिल्म में सुशांत सिंह राजपूत के अपोजिट संजना सांघी हैं। वहीं संजना सांघी और सुशांत सिंह राजपूत की जोड़ी को दर्शक पहली बार स्क्रीन पर देखने वाले हैं। ये फिल्म अमेरिकन फिल्म द फॉल्ट इन ऑवर स्टार्स का हिंदी रीमेक है।
फैंस इस फिल्म को सिनेमाघरों में रिलीज करने की मांग कर रहे थे, लेकिन लॉकडाउन को देखते मेकर्स ने इसे ह्रञ्जञ्ज पर रिलीज करना सही समझा। फिल्म डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर 24 जुलाई, 2020 को रिलीज किया जाएगा। हालांकि फैंस इस फिल्म को बिना किसी सब्सक्रिप्शन के भी देख सकते हैं। (लाइव हिन्दुस्तान)
बॉलीवुड एक्ट्रेस प्रियंका चोपड़ा ने अपने काम से न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी खूब पहचान बनाई है। प्रियंका चोपड़ा ने बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड तक अपनी राह बनाई और कई हॉलीवुड प्रोजेक्ट्स में नजर आईं। खास बात तो यह है कि प्रियंका चोपड़ा हॉलीवुड की फेमस साइंस फिक्शन सीरीज फिल्म मैट्रिक्स में नजर आने वाली हैं। प्रियंका चोपड़ा ने कियानू रीव्स की फिल्म मैट्रिक्स 4 को साइन कर लिया है। प्रियंका चोपड़ा के अलावा फिल्म में नील पैट्रिक हैरिस, कैरी एन मॉस और याहया अब्दुल भी मुख्य भूमिका निभाते हुए नजर आएंगे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मैट्रिक्स के प्रोडक्शन का काम बर्लिन में शुरू हुआ था, लेकिन कोविड-19 के कारण प्रोडक्शन को रोक दिया गया था। रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि फिल्म की कास्ट ने इसके एक्शन सीन के लिए हफ्तों तक ट्रेनिंग भी की थी। ऐसे में दर्शकों को फिल्म में प्रियंका चोपड़ा का एक्शन लुक भी देखने को मिल सकता है। बता दें कि मैट्रिक्स 4 से पहले द मैट्रिक्स, द मैट्रिक्स रिलोडेड और द मैट्रिक्स रिवोल्यूशन ने विश्वस्तर पर करीब 1। 6 बिलियन डॉलर की कमाई की कमाई की थी।
प्रियंका चोपड़ा की बात करें तो एक्ट्रेस ने हाल ही में अमेजन के साथ दो साल की मल्टीमिलियन-डॉलर फर्स्ट-लुक टेलीविजन डील पर हस्ताक्षर किए हैं। इस बात की जानकारी एक्ट्रेस ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए दी है। एक्ट्रेस ने फोटो शेयर करते हुए कहा, एक्ट्रेस और प्रोड्यूसर होने के नाते, मैंने हमेशा भाषा और भूगोल के बावजूद महान सामग्री बनाने के लिए दुनिया भर से एक साथ आने वाली रचनात्मक प्रतिभा के एक खुले कैनवास का सपना देखा है। इससे इतर प्रियंका चोपड़ा आखिरी बार फिल्म द स्काई इज पिंक में नजर आई थीं। (एनडीटीवी)
बॉलीवुड के मिस्टर परफैक्शनिस्ट आमिर खान इस साल अपनी फिल्म लाल सिंह चड्ढा के साथ पर्दे पर धमाल मचाने वाले हैं। हालांकि, फिल्म की शूटिंग अभी भी बाकी है, जो कि लॉकडाउन के कारण टाल दी गई थी। लाल सिंह चड्ढा की यह शूटिंग लद्दाख में होने वाली थी। लेकिन भारत और चीन के बीच जारी तनाव के कारण और गलवान घाटी में हुई झड़प के कारण आमिर खान ने लद्दाख में होने वाली शूटिंग को रद्द कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि लाल सिंह चड्ढा से जुड़ी यह शूटिंग कार्गिल में की जा सकती है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आमिर खान ने इस सिलसिले में फिल्म के डायरेक्टर अद्वैत चंदन से भी बात की है।
आमिर खान से जुड़े सूत्रों ने इस बारे में बात करते हुए कहा, वर्तमान परिदृश्य को देकते हुए लद्दाख में होने वाली शूटिंग अब सवाल से बाहर है। इसलिए आमिर, अदवैत और स्टूडियो के शीर्ष लोगों ने शूटिंग को कार्गिल शिफ्ट करने पर विचार कर रहे हैं। आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर फाइनल निर्णय लिया जाएगा। आमिर से जुड़े सूत्र ने यह भी बताया कि कुछ स्टाफ के कोरोना पॉजिटिव होने के बाद आमिर खान किसी भी क्रू की जिंदगी खतरे में नहीं डालना चाहते हैं। ऐसे में आमिर खान और फिल्म से जुड़े बाकी लोगों ने शूटिंग को रोकने का फैसला किया है।
आमिर खान से जुड़े सूत्र ने इस बारे में बताते हुए कहा, आमिर खान ने कहा कि जो देश अब खुल गए हैं वे वायरस की दूसरी लहर का सामना कर रहे हैं। हालांकि, फिल्म का एक महत्वपूर्ण हिस्सा अभी फिल्माना बाकी है, लेकिन रचनाकारों और स्टूडियो ने सर्वसम्मति से सावधानी बरतने और अभी के लिए शूटिंग को रोकने का फैसला किया है। आमिर खान के साथ इस फिल्म में करीना कपूर और मोना सिंह भी अहम भूमिका निभाती नजर आएंगी। लाल सिंह चड्ढा इसी साल क्रिसमस के मौके पर रिलीज होने वाली है। (एनडीटीवी)
कोरोना लॉकडाउन ने कई स्टार्स की लाइफ पर बुरा असर डाला है। इसमें से एक ‘बिग बॉस 8’ कंटेस्टेंट प्रीतम सिंह भी हैं। कोरोना के चलते उन्हें भी अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा। 6 महीने हो गए हैं, प्रीतम सिंह के पास कोई काम नहीं है। इसके बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने एक पोस्ट शेयर की है। प्रीतम सिंह का कहना है कि वह इतने लंबे समय से बेरोजगार जरूर हैं लेकिन उम्मीद नहीं खोई है। जब भी वह बालकनी से उगते सूरज को देखते हैं तो वह खुद को पॉजिटिव महसूस करते हैं।
प्रीतम सिंह पोस्ट में लिखते हैं कि पैंडेमिक की वजह से कई लोग परेशान हुए हैं और कई हो रहे हैं। मैं उनमें से एक हूं। मेरे पास रेडियो का बहुत एक्सपीरियंस है। साथ ही एक एक्टर के तौर पर भी, लेकिन मेरे पास जॉब नहीं है। 6 महीने पहले मैंने रेडियो छोड़ दिया था। सोचा था कि मेरे लिए एक्टर के तौर पर एक अच्छा मूव होगा। करियर के रूप में भी। टीवी होस्ट करने के साथ मैं और भी अच्छा काम कर रहा था। लेकिन अचानक से यह कोरोना वायरस आ गया। मेरे पास कोई काम नहीं बचा। पहली बार मैं घबराहट महसूस कर रहा हूं, यह सोचकर की आगे आने वाले दिनों में मेरे लिए क्या बुरा लिखा है। घर की खिडक़ी से बाहर देखता हूं तो पॉजिटिव महसूस करता हूं। मुझे पता है चीजें बेहतर हो जाएंगी। उम्मीद है कि हिंदी फिल्म इंडस्ट्री जल्द ही अच्छा करने लगेगी। काम भी आने लगेगा।
टीवी शोज की शूटिंग शुरू हो चुकी है। स्टार्स काम पर वापस लौट आए हैं। महाराष्ट्र सरकार ने मेकर्स को कोरोना से बचाव के लिए जरूरी दिशा-निर्देशों जारी किए हैं। ऐसे में उम्मीद करते हैं कि प्रीतम सिंह की समस्याओं का भी समाधान जरूर निकलेगा और फिर से वह काम पर लौटेंगे। (लाइव हिन्दुस्तान)
अमिताभ ने दिलचस्प अंदाज में लोगों से की मास्क पहनने की अपील
मुंबई, (वार्ता). कोरोना के खिलाफ जारी जंग के बीच बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन ने दिलचस्प अंदाज में लोगों से मास्क पहनने की अपील की है।
अमिताभ अक्सर सोशल मीडिया पर दिलचस्प पोस्ट शेयर कर फैंस का ध्यान खींचते हैं। कोरोना वायरस के कारण बिग बी अपने परिवार के साथ समय बिता रहे हैं। अमिताभ वैश्विक महामारी से बचने के लिए लगातार लोगों को जागरूक कर रहे हैं। उन्होंने वायरस के प्रसार को रोकने के लिए बार फिर फैंस से मास्क पहनने की अपील की है।
अमिताभ ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर दो दिलचस्प पोस्ट शेयर किए हैं। इनमें बिग बी ने लोगों से मास्क पहनने की अपील है। अमिताभ ने लिखा, “कमला के कानों पर, विमला के कानों पर, शर्मा के कानों पर, मिश्रा के कानों पर, छुटभैये के कानों पर, बाहुबली के कानों पर, रायपुर के रोमियो के, जबलपुर की जुलियट के, अड़ोसी पड़ोसी के, मामा मौसी के, चाची और ताई के, भतीजी और भाई के, नाई के हलवाई के, एक दो और ढाई के, सब के कानों पे एक जिम्मेदारी है, और वो जब जब घर से बाहर जा रहे हैं, उसे बखूबी निभा रहे हैं, फिर आप मास्क क्यों नहीं लगा रहे हैं। जनहित में जारी, कानों पे जिम्मेदारी।”
अमिताभ ने लिखा, “देवियों और सज्जनों , ख़वातीन-ओ-हज़रात ,ज़िम्मेदारी कानों की अपनी, सुन लीजिए बात। सुन लेंगे ये बात, तो 'हमरी' लाज बनी रह जाएगी नहीं तो , कमला विमला 'हमका' , दौड़ दौड़ फटकाएँगी।”
प्रेम सतीश